जल शक्ति मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

जल शक्ति मंत्रालय 28-29 नवंबर को नई दिल्ली में "सुजलाम भारत विजन” शिखर सम्मेलन 2025 का आयोजन करेगा


केंद्रीय मंत्री सी. आर. पाटिल "सुजलम भारत विजन" शिखर सम्मेलन 2025 का उद्घाटन करेंगे, जिसमें जल-सुरक्षित और जलवायु-तन्यकशील भारत के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा

Posted On: 26 NOV 2025 5:35PM by PIB Delhi

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल 28 नवंबर 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में "सुजलाम भारत विजन" शिखर सम्मेलन 2025 का उद्घाटन करेंगे।

जल शक्ति मंत्रालय 28-29 नवंबर 2025 को "सुजलाम भारत विजन" पर विभाग स्तर पर शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। मुख्य सचिवों के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ओर से व्यक्त किए गए विजन के अनुसार, छः शिखर सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें केवल केंद्र और राज्यों के अधिकारी एक साथ आएंगे, बल्कि कनिष्ठ संवर्ग के अधिकारी भी शामिल होंगे। सुजलाम शिखर सम्मेलन प्रमाण के आधार पर नीति निर्माण, क्षेत्रीय सुधारों और सहकारी संघीयता को प्रोत्साहन देता है। नीति आयोग के छः विषयगत विभागीय शिखर सम्मेलनों की श्रृंखला के एक हिस्से के तौर पर, जल शक्ति मंत्रालय राष्ट्रीय जल क्षेत्र विषय का नेतृत्व कर रहा है, जिसमें स्रोत स्थिरता, पेयजल सुरक्षा, स्वच्छता, भूजल प्रबंधन, सिंचाई दक्षता और एकीकृत ग्रामीण-शहरी जल प्रबंधन शामिल हैं।

सुजलम भारत विजन के लिए जल शक्ति मंत्रालय ने सितंबर और अक्टूबर 2025 के बीच छः प्रमुख विषयगत क्षेत्रों में व्यापक परामर्श का आयोजन किया:

  1. नदियों और झरनों का पुनरुद्धार: अविरल (निरंतर) और निर्मल (स्वच्छ) धारा, जलग्रह क्षेत्र संरक्षण, आर्द्रभूमि का सुधार, नदी तट विकास और समुदाय-नीत नदी का प्रबंधन सुनिश्चित करना।

वर्कशॉप विवरण: 30 सितंबर 2025 को वर्चुअल आधार पर आयोजित इस वर्कशॉप में 26 राज्यों के 592 अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिनमें मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, आयुक्त और जल संसाधन, स्वच्छता, कृषि और नगर निगम विभागों के अधिकारी शामिल थे।

  1. धूसरा पानी का प्रबंधन और दोबारा इस्तेमाल करना: वित्तपोषण मॉडल, मूल्य निर्धारण ढांचे, प्रकृति-आधारित समाधान, सेप्टेज प्रबंधन और घरेलू, औद्योगिक और शहरी क्षेत्रों में दोबारा इस्तेमाल के जरिए पानी के चक्रीय उपयोग को प्रोत्साहन।

वर्कशॉप विवरण: 22 सितंबर 2025 को वर्चुअल आधार पर आयोजित इस सत्र में 532 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें राज्य नोडल अधिकारी, मिशन निदेशक, वरिष्ठ विभागीय अधिकारी, इंजीनियर, पंचायती राज संस्थान के सदस्य, स्वयं सहायता समूह, तकनीकी विशेषज्ञ और विकास भागीदार शामिल थे।

  1. कुशल जल प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी: मांग-आधारित जल प्रबंधन के लिए डिजिटल उपकरणों को अपनाना, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के जरिए पानी की निगरानी, ​​सूक्ष्म सिंचाई, हानि में कमी, रिसाव का पता लगाना और सटीक कृषि।

वर्कशॉप विवरण: 24 सितंबर 2025 को वर्चुअल आधार पर आयोजित इस वर्कशॉप में केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों के लगभग 500 प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें सीडब्ल्यूसी, डब्ल्यूआरडी, सिंचाई, भूजल, आरडीपीआर, कृषि, बांध सुरक्षा, मनरेगा, एसबीएम (जी), अटल भूजल, वाल्मी, एसीआईडब्ल्यूआरएम, सीईईडब्ल्यू, और लगभग सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी शामिल थे।

  1. जल संरक्षण और रिचार्ज: समुदाय-नेतृत्व वाली भूजल व्यवस्था, प्रबंधित एक्विफायर रिचार्ज, पारंपरिक प्रणालियों का पुनरुद्धार, और लाइफ-संरेखित व्यवहारिक हस्तक्षेप।

वर्कशॉप विवरण: 7 अक्टूबर 2025 को एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में भौतिक आधार पर आयोजित इस वर्कशॉप में राज्य जल विभाग, सिंचाई, पीएचईडी, ग्रामीण विकास, भूजल विभाग, वाल्मी, जिला पंचायत, मृदा एवं जल संरक्षण, और सहयोगी संगठनों के 250 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

  1. पेयजल आपूर्ति का संपोषण: स्रोत स्थिरता योजना, जलवायु-अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर, समुदाय-आधारित संचालन एवं रखरखाव, और डिजिटल शासन उपकरणों के जरिए पर्याप्त और सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करना।

वर्कशॉप विवरण: 26 सितंबर 2025 को वर्चुअल आधार पर आयोजित इस वर्कशॉप में 800 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें 10 मिशन निदेशक, 20 से अधिक वरिष्ठ इंजीनियर, जिला अधिकारी, ग्राम प्रधान, ग्राम जल सेवा समिति के सदस्य और बायोम तथा गुरुजल जैसे तकनीकी भागीदार शामिल थे।

  1. व्यवहार में बदलाव के लिए सामुदायिक और संस्थागत सहभागिता: जल परिसंपत्तियों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सामुदायिक संस्थानों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और अंतर-विभागीय अभिसरण को मजबूत करना।

वर्कशॉप विवरण: 1 अक्टूबर 2025 को वर्चुअल आधार पर आयोजित, जिसमें 155 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें 20 वरिष्ठ अधिकारी, 45 जिला प्रशासक, 30 तकनीकी विशेषज्ञ और विभिन्न राज्यों एवं विभागों के 60 क्षेत्र-स्तरीय कार्यान्वयन एवं अन्य अधिकारी शामिल थे।

छः विषयगत कार्यशालाओं में, विविध क्षेत्रीय पृष्ठभूमि के 2,800 से अधिक प्रतिभागियों ने अमूल्य अंतर्दृष्टि, उभरती चुनौतियों, सर्वोत्तम प्रथाओं और कार्यान्वयन योग्य सिफारिशों को साझा किया। मंत्रालय ने इन योगदानों को सावधानीपूर्वक एक व्यापक रिपोर्ट में समझाया है, जो भारत में जल स्थिरता में तेजी लाने के लिए स्पष्ट, दूरदर्शी रास्ता दिखाती है। राष्ट्रव्यापी परामर्श प्रक्रिया ने पांच प्रमुख प्राथमिकताओं: स्रोत की स्थिरता को मजबूत करना, भूजल रिचार्ज को स्केल करना, आधुनिक और प्रकृति-आधारित समाधानों को अपनाना और बढ़ाना, सामुदायिक संस्थानों को पुनर्जीवित करना और अधिक प्रभावी कार्यक्रम वितरण सुनिश्चित करने के लिए अधिक अंतर-विभागीय अभिसरण को प्रोत्साहन देना, को स्पष्ट किया है।

दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि, तकनीकी विशेषज्ञ, पंचायत सदस्य, गैर सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), सामुदायिक संगठन और राष्ट्रीय जल पुरस्कार एवं जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार प्राप्तकर्ता शामिल होंगे। चर्चाओं में विषयगत कार्यशालाओं की सिफारिशों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

"सुजलाम भारत" शिखर सम्मेलन, 2025 का विजन, भारत के सर्वोच्च नीति-निर्धारक अधिकारियों और जमीनी स्तर पर बदलाव लाने वालों - केंद्रीय और राज्य सचिवों, वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर समुदायों से सीधे जुड़े अग्रिम पंक्ति के जमीनी कार्यकर्ताओं - के एक ऐतिहासिक सम्मिलन का प्रतीक है। यह गहन अभ्यास एक खुले, परिणाम-उन्मुख संवाद, रणनीति और क्रियान्वयन के बीच बेहतर समन्वय और व्यावहारिक सिफारिशों की दिशा में है, जो जल एवं स्वच्छता क्षेत्र में शासन व्यवस्था को बदल देंगे।

यह शिखर सम्मेलन एकीकृत नियोजन, सक्रिय सामुदायिक स्वामित्व और संपोषित प्रथाओं के जरिए स्थायी जल सुरक्षा के निर्माण के लिए भारत के एकीकृत दृढ़ संकल्प का प्रतीक है, जो राष्ट्र को सच्चे सुजलाम और संपोषित भारत के साझा लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर करता है।

***

पीके/केसी/एमएम/डीके


(Release ID: 2194983) Visitor Counter : 16
Read this release in: English , Urdu