मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2025 के अवसर पर आधारभूत पशुपालन सांख्यिकी 2025 का विमोचन
प्रविष्टि तिथि:
26 NOV 2025 9:14PM by PIB Delhi
मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायती राज मंत्रालय के राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने 26 नवंबर, 2025 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर सुषमा स्वराज भवन, नई दिल्ली में पशुपालन एवं डेयरी विभाग के 'आधारभूत पशुपालन सांख्यिकी 2025' का वार्षिक प्रकाशन का विमोचन किया। इस अवसर पर मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव श्री नरेश पाल गंगवार और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
आधारभूत पशुपालन सांख्यिकी (बीएएचएस) 2025 एक महत्वपूर्ण प्रकाशन दस्तावेज है जो पशुधन और डेयरी क्षेत्र के रुझानों पर व्यापक आंकड़े प्रदान करता है। बीएएचएस 2025, 1 मार्च, 2024 से 29 फरवरी, 2025 की अवधि के लिए किए गए एकीकृत नमूना सर्वेक्षण के परिणामों पर आधारित है। देश में अनूठा यह सर्वेक्षण, दूध, अंडे, मांस और ऊन जैसे प्रमुख पशुधन उत्पादों (एमएलपी) के उत्पादन अनुमानों पर महत्वपूर्ण आंकड़े प्रस्तुत करता है, जो पशुधन क्षेत्र में अनुसंधान और नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस प्रकाशन में राज्यवार एमएलपी के उत्पादन और प्रति व्यक्ति उपलब्धता का अनुमान शामिल है, जिसमें दूध उत्पादन में शामिल पशुओं, अंडा देने वाले पक्षियों, वध किए गए पशुओं और भेड़ों की अनुमानित संख्या की जानकारी शामिल है। इसके अलावा, यह पशु चिकित्सालयों, पॉलीक्लिनिकों, गौशालाओं, राजकीय फार्मों और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर के विवरणों के साथ-साथ किए गए कृत्रिम गर्भाधानों की संख्या और पशुधन क्षेत्र पर एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य पर मूल्यवान आंकड़े प्रस्तुत करता है। ये सर्वेक्षण मिलकर एक मजबूत सांख्यिकीय संरचना तैयार करते हैं जो आंकड़ों पर आधारित निर्णय लेने में सहायक होता है, सरकारी पहलों के प्रदर्शन मूल्यांकन को सुगम बनाता है और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग और तुलना को सक्षम बनाता है, जिससे अंततः पशुधन क्षेत्र के सतत विकास और उत्पादकता वृद्धि में सहायता मिलती है।
विवरण निम्नानुसार है:
दूध, अंडा, मांस और ऊन का उत्पादन 2024-25
बीएएचएस-2025 देश में दूध, अंडा, मांस और ऊन के उत्पादन का अनुमान प्रतिवर्ष जारी करता है। यह अनुमान एकीकृत नमूना सर्वेक्षण (आईएसएस) के परिणामों पर आधारित है। यह सर्वेक्षण देश भर में तीन मौसमों, अर्थात् ग्रीष्म (मार्च-जून), वर्षा (जुलाई-अक्टूबर) और शीत (नवंबर-फरवरी) में किया जाता है। वर्ष 2024-25 के लिए दूध, अंडा, मांस और ऊन के अनुमान प्रस्तुत किए गए हैं और इस सर्वेक्षण के परिणाम नीचे संक्षेप में दिए गए हैं:
दूध उत्पादन: दूध उत्पादन में भारत वैश्विक रैंक में प्रथम है। देश में 2024-25 के दौरान कुल दूध उत्पादन 247.87 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो 2023-24 में 239.30 मिलियन टन से बढ़कर 2024-25 में पिछले वर्ष की तुलना में 3.58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करता है। प्रति व्यक्ति उपलब्धता 2014-15 में 319 ग्राम/दिन से बढ़कर 2024-25 में 485 ग्राम/दिन हो गई है। शीर्ष 5 दूध उत्पादक राज्य हैं: उत्तर प्रदेश (15.66 प्रतिशत), राजस्थान (14.82 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (9.12 प्रतिशत), गुजरात (7.78 प्रतिशत), महाराष्ट्र (6.71 प्रतिशत)। ये सभी मिलकर देश के कुल दूध उत्पादन में 54.09 प्रतिशत का योगदान करते हैं। विदेशी/संकर नस्ल के मवेशियों से दूध उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में 4.97 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और देशी/अज्ञात मवेशियों से दूध उत्पादन में 3.51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भैंसों से दूध उत्पादन में भी पिछले वर्ष की तुलना में 2.45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

अंडा उत्पादन: भारत विश्व स्तर पर अंडा उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। देश में कुल अंडा उत्पादन 2024-25 के दौरान 149.11 अरब अनुमानित है और इसमें 4.44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 2023-24 के दौरान उत्पादन में वार्षिक 3.18 प्रतिशत की वृद्धि होगी। प्रति व्यक्ति अंडों की उपलब्धता 2014-15 के 62 अंडे/वर्ष से बढ़कर 2024-25 में 106 अंडे/वर्ष हो जाएगी।
कुल अंडा उत्पादन में सबसे बड़ा योगदान आंध्र प्रदेश का है, जिसकी कुल अंडा उत्पादन में हिस्सेदारी (18.37 प्रतिशत) है, इसके बाद तमिलनाडु (15.63 प्रतिशत), तेलंगाना (12.98 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (10.72 प्रतिशत) और कर्नाटक (6.67 प्रतिशत) का स्थान है। सामूहिक रूप से, ये राज्य भारत के कुल अंडा उत्पादन में 64.37 प्रतिशत का योगदान करते हैं, जो देश के पोल्ट्री क्षेत्र में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
उत्पादित कुल अंडों में से, व्यावसायिक मुर्गीपालन ने 125.98 अरब अंडों का योगदान दिया, जो राष्ट्रीय उत्पादन का 84.49 प्रतिशत था। दूसरी ओर, पिछवाड़े में मुर्गीपालन से 23.13 अरब अंडों का उत्पादन हुआ, जो कुल उत्पादन का 15.51 प्रतिशत था।

मांस उत्पादन: मांस उत्पादन में भारत का वैश्विक स्थान चौथा है। देश में कुल मांस उत्पादन 2024-25 के दौरान 10.50 मिलियन टन अनुमानित है और इसमें 2.46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 2023-24 की तुलना में उत्पादन में वृद्धि हुई है। मुर्गीपालन से मांस उत्पादन 5.18 मिलियन टन है, जो कुल मांस उत्पादन का लगभग आधा है।
शीर्ष पांच मांस उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल (12.46 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (12.20 प्रतिशत), महाराष्ट्र (11.57 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (10.84 प्रतिशत) और तेलंगाना (10.49 प्रतिशत) हैं। ये सभी मिलकर देश के कुल मांस उत्पादन में 57.55 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

ऊन उत्पादन: देश में कुल ऊन उत्पादन 2024-25 के दौरान 34.57 मिलियन किलोग्राम अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.63 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज करता है।
कुल ऊन उत्पादन में राजस्थान का सबसे बड़ा योगदान 47.85 प्रतिशत है, इसके बाद जम्मू-कश्मीर (22.88 प्रतिशत), गुजरात (6.22 प्रतिशत), महाराष्ट्र (4.75 प्रतिशत) और हिमाचल प्रदेश (4.30 प्रतिशत) का स्थान आता है। इन राज्यों का कुल मिलाकर देश के कुल ऊन उत्पादन में 85.98 प्रतिशत का योगदान है, जो भारत के ऊन उद्योग में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
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पीके/केसी/एसकेएस/केके
(रिलीज़ आईडी: 2195308)
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