उप राष्ट्रपति सचिवालय
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उपराष्‍ट्रपति को एमएसएमई मंत्रालय की प्रमुख पहलों और उपलब्धियों की जानकारी दी गई

Posted On: 27 NOV 2025 5:08PM by PIB Delhi

केंद्रीय सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री जीतन राम मांझी और इसी मंत्रालय में राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने मंत्रलाय के वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ संसद भवन उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन से मुलाकात की।

बैठक के दौरान उपराष्ट्रपति को सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम क्षेत्र के भारतीय अर्थव्यवस्था के एक अत्‍यंत जीवंत और गतिशील स्‍तंभ के रूप में उभरने के बारे में जानकारी दी गई।

उन्हें आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, उद्यमिता विकास, लोगों के सशक्तिकरण और पर्यावरण सततता में इस क्षेत्र की निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका से अवगत कराया गया।

उपराष्ट्रपति महोदय को मंत्रालय द्वारा उद्यम पंजीकरण पोर्टल के माध्‍यम से उद्यमों के औपचारिकीकरण पर दिए जा रहे जोर के बारे में भी बताया गया, जो पहचान मजबूत करने और व्‍यवसाय सुगमता में सुधार के लिए महत्‍वपूर्ण है।

मंत्रालय ने खादी, ग्रामीण और कॉयर उद्योगों सहित एमएसएमई क्षेत्र के विकास में मदद करने वाली अपनी अग्रणी पहलों को रेखांकित किया, जिसमें ऋण सहायता, प्रौद्योगिकी संबंधी सहायता, बुनियादी ढ़ांचे का विकास, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण, बढ़ी हुई प्रतिस्‍र्द्धात्‍मकता तथा बाजार सहायता पर ध्यान केंद्रित किया गया।

उपराष्‍ट्रपति महोदय को पीएम विश्वकर्मा, क्रेडिट गारंटी स्कीम, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन प्रोग्राम, सूक्ष्‍म और लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम, एमएसएमई के लिए सार्वजनिक खरीद नीति तथा महिला एवं एससी/एसटी उद्यमियों के स्‍वामित्‍व वाले उद्यमों को बढ़ावा देने वाली पहलों जैसी प्रमुख योजनाओं के बारे में बताया गया। विकसित भारत के विज़न के अनुरूप मंत्रालय की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला गया।

उपराष्ट्रपति ने एमएसएमई को मज़बूत करने के लिए मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की, बजट समर्थन में वृद्धि और उद्यमियों को बढ़ते ऋण प्रवाह पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की और पीएम विश्‍वकर्मा तथा देश भर में लाभ पहुँचाने वाली अन्‍य योजनाओं की सफलता की प्रसन्‍नता की।

यह उल्‍लेख करते हुए कि एमएसएमई देश में रोज़गार उपलब्‍ध कराने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस क्षेत्र की समृद्ध विरासत और विशाल अप्रयुक्त क्षमता को ध्‍यान में रखते हुए इस निरंतर सुदृढ़ किया जाना चाहिए। इसके लिए लक्षित हस्‍तक्षेप जैसे- अवसंरचना विकास, कौशल उन्‍नयन और आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में प्रशिक्षण संस्‍थानों की स्‍थापना- महत्‍वपूर्ण हैं।

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