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नमो घाट पर इंस्टॉलेशन आर्ट प्रतियोगिता, छात्रों द्वारा बनाए आर्ट कृतियों में दिखा काशी और तमिल संस्कृति का अनोखा संगम

प्रविष्टि तिथि: 01 DEC 2025 2:33PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के अंतर्गत काशी तमिल संगमम्-4.0 का आयोजन 2 दिसंबर से वाराणसी में होने जा रहा है। यह पूरा आयोजन शिक्षा मंत्रालय की देखरेख में हो रहा है। वाराणसी में इस आयोजन की मेजबानी काशी हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही है। आयोजन से पहले कई कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जोड़ा जा रहा है।

इसी क्रम में नमो घाट के पावन तट परइंस्टॉलेशन आर्ट प्रतियोगिता–2025” का भव्य आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य काशी और तमिलनाडु की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाना था। “Celebrating the Cultures of Kashi and Tamil Nadu” थीम पर आधारित इस प्रतियोगिता में बीएचयू सहित अन्य कॉलेज के 50 से अधिक स्टूडेंट्स ने भाग लिया। प्रतियोगिता सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चली। जिसमें प्रतिभागियों ने व्यक्तिगत तथा समूह दोनों रूपों में भाग लिया। इस आयोजन में प्रस्तुत इंस्टॉलेशन आर्ट कृतियों में मंदिर स्थापत्य, द्रविड़ एवं नागर शैली की झलक, काशी की गलियों की जीवंतता, काशी विश्वनाथ मंदिर के आध्यात्मिक दृश्यों, नटराज की गतिमय आकृति तथा तमिलनाडु के पारंपरिक नृत्य-संगीत तत्वों को दर्शाया गया। कलाकारों ने लकड़ी, मिट्टी, कपड़े, धातु, लालटेन, जूट और पुनर्चक्रित सामग्री का उपयोग करते हुए सांस्कृतिक एकता और परंपराओं के गहरे संबंध को रचनात्मक रूप से व्यक्त किया।

कार्यक्रम के समन्वयक, फैकल्टी ऑफ विजुअल आर्ट्स के सहायक प्रोफेसर साहेब राम तुडु और डॉ. आशीष कुमार गुप्ता ने बताया कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों को न केवल कलात्मक स्वतंत्रता देना है बल्कि उन्हें भारतीय सांस्कृतिक विविधताओं को अनुभवात्मक रूप से समझने का अवसर प्रदान करना भी है। उनका कहना कि काशी और तमिलनाडु का ऐतिहासिक व आध्यात्मिक रिश्ता कला के माध्यम से नई पीढ़ी तक पहुँचाया जाना आवश्यक है। स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों ने भी बड़ी संख्या में पहुँचकर इस सांस्कृतिक कला-उत्सव का आनंद लिया। नमो घाट की सुंदरता और कलाकारों की रचनात्मक अभिव्यक्तियों ने इसे एक यादगार आयोजन बना दिया। कार्यक्रम की सफलता ने सिद्ध कर दिया कि कला दो संस्कृतियों के बीच सेतु का कार्य करते हुए एकता, सौहार्द और परंपरा के साझा धागों को और अधिक मजबूती देती है।

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SC/AK/DS


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