आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय
स्वच्छ भारत मिशन–अर्बन 2.0 के अंतर्गत मुरादाबादकास्वच्छ प्रयास ला रहा है शहर की सोच में बदलाव
प्रविष्टि तिथि:
01 DEC 2025 5:16PM by PIB Delhi

मुरादाबाद उत्तर प्रदेश का वो शहर है जिसे दुनिया ‘पीतल नगरी’ के नाम से जानती है, पर यह शहर अपने अर्बन ट्रान्सफॉर्मेशन के विजन को लेकर देश-प्रदेश में मिसाल कायम कर रहा है। मुरादाबाद में हो रहे हैं कई ऐसे बदलाव जो इस शहर को बेहतर भविष्य की ओर ले जा रहे हैं। इसी शहर में विकसित हुआ है देश का पहला Waste Awareness Center- गौतम बुद्ध अपशिष्ट प्रबंधन शिक्षा केंद्र। मुरादाबाद नगर निगम की यह अनूठी और प्रेरणादायक पहल न केवल पर्यावरणीय शिक्षा का एक आधुनिक केंद्र है, बल्कि एक ऐसीजीवंत प्रयोगशाला है जो इस सोच को जन्म देता है कि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छता और सस्टेनेबल डेवलपमेंट की ओर अपनी जिम्मेदारी को निभाने के लिए आगे आना होगा। जहां टेक्नोलॉजी, क्रिएटीविटी और जन-शिक्षा मिल कर एक ऐसा स्पेस बनाते हैं जहां ‘कचरा प्रबंधन’ समस्या नहीं बल्कि समाधान की ओर जाता है।

मुरादाबाद के बुद्ध विहार में बना यह जागरूकता केंद्र1200 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। और इसे खास तौर पर इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि स्कूली छात्रों, नागरिकों और पर्यटकों के लिए पर्यावरण और शहर के अपशिष्ट प्रबंधन की जानकारी पहुंचाने में सुलभ हो। इस केंद्र में अत्याधुनिक तकनीक, इंटर एक्टिव डिस्प्ले, ऑडियो-विजुअल अनुभव और आकर्षक झलकियों के माध्यम से कचरा प्रबंधन, रीसाइक्लिंग और संसाधनों के संरक्षण जैसे जटिल विषयों को बेहद सरल, प्रभावशाली और रोचक तरीके से समझाया जाता है। केंद्र छह प्रमुख क्षेत्रोंमें विभाजित है, जो संसाधनों की जानकारी से लेकर सस्टेनेबल भविष्य की ओर नागरिकों की भागीदारी तक की पूरी प्रक्रिया से अवगत कराता है।


मुरादाबाद नगर निगम ने इस परियोजना को न केवल तकनीकी रूप से उत्कृष्ट बनाया, बल्कि इसे शहर की ज़रूरतों और स्थानीय समस्याओं के अनुरूप ढाला है। इस जागरूकता केंद्र में प्राकृतिक संसाधनों की महत्वता, बढ़ते कचरे के कारण उत्पन्न समस्याएं, मुरादाबाद की स्थानीय चुनौतियों जैसे पीतल उद्योग से उत्पन्न कचरा, औरनगर निगम की स्वच्छता संबंधी योजनाओं आदि से भी अवगत कराता है। इन चुनौतियोंके प्रदर्शनसे ही नागरिकों को नए नवाचारों को अपनाने और स्वच्छतासंकल्प लेने की इच्छाशक्ति प्राप्त हो रही है। मुरादाबाद नगर निगम ने यह भी सिद्ध किया कि यदि इच्छाशक्ति हो तो पुराने कचरे को भी नए अवसरों में बदला जा सकता है। इसी कड़ी में शहर ने सफलतापूर्वक 5.8 लाख मीट्रिक टन लेगेसी वेस्टको प्रोसेस कर लगभग 20 एकड़ भूमि को पुनः उपयोग के योग्य बनाया है। इस भूमि का उपयोग अब एक सैनिटरी लैंडफिल, कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट और जापान की मियावाकी तकनीक से वृक्षारोपण किया जा रहा है। मुरादाबाद सस्टेनेबल कचरा प्रबंधन की दिशा में देश का एक आदर्श मॉडल बनरहा है।
इस शिक्षा केंद्र का अनुभव न केवल ज्ञानवर्धक है बल्कि नागरिकों में जिम्मेदारी और सहभागिता की भावना को भी मजबूत करता है। गौतम बुद्ध वेस्ट अवेयरनेस एंड एजुकेशन सेंटर मुरादाबाद की ओर से एक सशक्त संदेश है—कि स्वच्छता केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि हर नागरिक की व्यक्तिगत और सामूहिक जिम्मेदारी है। यह केंद्र न केवल देखने योग्य है, बल्कि महसूस करने योग्य भी है। यह शहर को सिर्फ स्वच्छ बनाने की बात नहीं करता, बल्कि नागरिकों को उस स्वच्छता की प्रक्रिया का भागीदार बनाता है। यह पहल निश्चित रूप से मुरादाबाद को देश के सबसे जागरूक, जिम्मेदार और सस्टेनेबल शहरों की श्रेणी में स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
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SK
(रिलीज़ आईडी: 2197050)
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