राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा शहर में सामूहिक बलात्कार और पीडिता के पति को अवैध हिरासत से रिहा करने के लिए रिश्वत मांगने के मामले में कथित पुलिस निष्क्रियता का स्वतः संज्ञान लिया


कथित तौर पर, शहर के एक पुलिस स्टेशन के एसएचओ ने भी पीड़ित महिला का यौन उत्पीड़न किया

आयोग ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है

प्रविष्टि तिथि: 01 DEC 2025 5:06PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है जिसमें बताया गया है कि एक सामूहिक बलात्कार पीड़िता के पति को पुलिस चौकी में अवैध रूप से हिरासत में रखा गया था। कथित तौर पर, पुलिस कर्मियों ने पीड़िता से उसके पति को रिहा करने के बदले 1.2 लाख रुपये की रिश्वत मांगी और 50,000 रुपये की आंशिक राशि भी प्राप्त की। कथित तौर प, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा पुलिस स्टेशन के एसएचओ ने पीड़िता का यौन उत्पीड़न भी किया।

आयोग के अनुसार यदि समाचार रिपोर्ट की सामग्री सत्य है, तो यह पीड़ित महिला और उसके पति के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। इसलिए, आयोग ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

17 नवंबर 2025 को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित महिला अपने पति के एक दोस्त के निमंत्रण पर 2024 में एक प्रदर्शनी देखने अलीगढ़ गई थी। वहाँ उसने महिला को नशीला पदार्थ खिलाकर डेढ़ महीने तक बंधक बनाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। उसका धर्म परिवर्तन भी करवाया गया। पीड़िता किसी तरह अपने साथ हुए दुष्कर्मियों से बचकर पुलिस चौकी पहुँची और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने उसके पति को बुलाया। उसके और पुलिस के बीच कुछ बहस हुई, जिसके बाद उसके साथ मारपीट की गई और उसे हिरासत में ले लिया गया।

 

पीके/ केसी/ जेएस


(रिलीज़ आईडी: 2197103) आगंतुक पटल : 66
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