मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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मछुआरों की सुरक्षा हेतु बीमा की सुविधा और समुद्री सीमा में बचाव हेतु फिशिंग वेसल्स पर 1 लाख जियो फेसिंग ट्रांसपोंडर लगाने का काम प्रगति पर

प्रविष्टि तिथि: 02 DEC 2025 3:45PM by PIB Delhi

मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार  समुद्र में मछुआरों की सुरक्षा और संरक्षा को सर्वोपरि महत्व देती है और अपनी विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करता है। मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत समुद्र में मत्स्यन के दौरान और प्रतिकूल मौसम की स्थिति में मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए  राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को (i) पारंपरिक और मोटोराइज्ड फिशिंग वेसल्स के मछुआरों को जीपीएस, लाइफ जैकेट, लाइफबॉय और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों, रडार रिफ्लेक्टर, प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, फ्लेयर्स का सेट, बैकअप बैटरी, सर्च और रेस्क्यू बीकन आदि से युक्त सुरक्षा किट, (ii) फिशिंग वेसल्स पर कम्यूनिकेशन और ट्रैकिंग उपकरण, (iii) पोटेंशियल फिशिंग जोन (PFZ) उपकरण आदि प्रदान करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।  विगत पांच वर्षों (वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25) के दौरान मत्स्यपालन विभाग भारत सरकार  ने PMMSY  के तहत 50.05 करोड़ रुपए की कुल लागत से समुद्री मछुआरों को 14,300 संचार( कम्यूनिकेशन) उपकरणों की आपूर्ति के लिए विभिन्न तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है।

PMMSY अन्य बातों के साथ-साथ मछुआरों को मृत्यु और शारीरिक अक्षमता पर बीमा कवर और फिशिंग वेसल्स के बीमा के लिए बीमा प्रीमियम अनुदान (सबवेनशन)  प्रदान करता है। मछुआरों को प्रदान की जाने वाली बीमा कवरेज में शामिल हैं (i) मृत्यु या स्थायी पूर्ण शारीरिक अक्षमता के लिए ₹5.00 लाख, (ii) स्थायी आंशिक शारीरिक अक्षमता के लिए ₹2.50 लाख और (iii) अस्पताल में भर्ती होने पर खर्च के लिए ₹25,000/- का कवरेज। फिशिंग वेसल्स के बीमा के लिए बीमा प्रीमियम में छूट, हल्ल, मशीनरी, फिशिंग नेट सहित एक्सेसरीज़ के नुकसान, कलिशन लायबिलिटी, कुल नुकसान, आंशिक नुकसान और प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कवर करने के लिए है। विगत तीन वर्षों (2021-22 से 2023-24) और वर्तमान वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान, PMMSY के तहत प्रतिवर्ष औसतन 32.82 लाख मछुआरों के साथ कुल 131.30 लाख मछुआरों को बीमा कवरेज प्रदान किया गया है।                       

मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार ने प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फिशिंग वेसल्स पर ट्रांसपोंडर लगाने के लिए कुल 364 करोड़ रुपए की लागत से वेसल कम्युनिकेशन और सपोर्ट सिस्टम (NRVCSS) के नेशनल रोलआउट के एक और प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। 100% सरकारी सहायता से कुल एक लाख फिशिंग वेसल्स पर ट्रांसपोंडर्स लगाए जा रहे हैं। ट्रांसपोंडर में जियो-फेंसिंग फ़ीचर हैं और ये मछुआरों को समुद्री सीमा के पास पहुँचने या उसे पार करने पर अलर्ट देते हैं ताकि समुद्री सीमा पार करने की ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। NRVCSS परियोजना के तहत, अब तक मरीन फिशिंग वेसल्स पर कुल 45051 ट्रांसपोंडर लगाए जा चुके हैं, इसमें तमिलनाडु में ब्लू रिवोल्यूशन स्कीम के तहत लगाए गए 3,884 ट्रांसपोंडर भी शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, तटीय राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के मत्स्यपालन विभाग, भारतीय तटरक्षक के साथ मिलकर नियमित रूप से मछुआरों के साथ सामुदायिक संवाद कार्यक्रम/कम्युनिटी इंटरैक्शन प्रोग्राम (CIPs) कर रहे हैं, ताकि उन्हें समुद्र में जीवन सुरक्षा के महत्व, जीवन रक्षक इक्विपमेंट ले जाने, पोर्टेबल कम्युनिकेशन सेट के उपयोग के बारे में जागरूक किया जा सके और उन्हें समुद्री सीमा न लांघने के लिए प्रेरित किया जा सके।

ये जानकारी मत्स्य, पशुपालन और डेरी मंत्रालय के मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने लोकसभा में  एक प्रश्न के उत्तर में दी।

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जे पी(लोक सभा प्रश्न )


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