वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत 1,97,692 स्टार्टअप्स को मान्यता दी
सरकार ने डीपीआईआईटी मान्यता संरचना के माध्यम से स्टार्टअप विकास को सुदृढ़ किया
प्रविष्टि तिथि:
02 DEC 2025 5:09PM by PIB Delhi
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 31 अक्टूबर 2025 तक स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत 1,97,692 संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी है। ये मान्यताएं 19 फरवरी 2019 की जीएसआर अधिसूचना 127 (ई) के तहत निर्धारित पात्रता शर्तों के अनुसार प्रदान की गई हैं, जो संस्थाओं को स्टार्टअप्स के रूप में वर्गीकृत करने के मानदंडों को रेखांकित करती हैं।
कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) के अनुसार, 31 अक्टूबर 2025 तक 6,385 मान्यता प्राप्त स्टार्टअप बंद (अर्थात, भंग/समाप्त) श्रेणी [11 नवंबर 2025 को साझा किए गए आंकड़ों के आधार पर] में हैं। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार बंद (अर्थात, भंग/समाप्त) श्रेणी में आने वाली संस्थाओं की संख्या अनुलग्नक-I में दी गई है।
सरकार ने स्टार्टअप्स के बंद होने की घटनाओं में कोई वृद्धि नहीं देखी है। जो बंद होते हैं, वे आमतौर पर व्यावसायिक मॉडल की व्यवहार्यता, बाज़ार की मांगों के साथ संयोजन, घरेलू और वैश्विक आर्थिक स्थितियों, विकसित उत्पादों और सेवाओं की प्रकृति, वित्तपोषण आकर्षित करने की क्षमता और अन्य व्यवसाय-विशिष्ट कारकों से प्रभावित होते हैं।
स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक पहल है। स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत, सरकार तीन प्रमुख योजनाओं, स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस), स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) और स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम (सीजीएसएस) को कार्यान्वित कर रही है ताकि विभिन्न क्षेत्रों के स्टार्टअप्स को उनके व्यावसायिक चक्र के विभिन्न चरणों में वित्तपोषण के अवसर और सहायता प्रदान की जा सके।
उद्यम पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये की निधि के साथ एफएफएस की स्थापना की गई है। इसका संचालन भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा किया जाता है, जो भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत वैकल्पिक निवेश कोषों (एआईएफ) को पूंजी प्रदान करता है, जो बदले में स्टार्टअप्स में निवेश करते हैं। 31 अक्टूबर 2025 तक कैलेंडर वर्ष 2023, 2024 और 2025 में एआईएफ को प्रतिबद्ध और वितरित राशि अनुलग्नक-II में दी गई है।
एसआईएसएफएस इनक्यूबेटरों के माध्यम से सीड स्टेज स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। एसआईएसएफएस 1 अप्रैल 2021 से 945 करोड़ रुपये के कोष के साथ प्रचालनगत किया गया है। कैलेंडर वर्ष 2023, 2024 और 2025 में 31 अक्टूबर 2025 तक इनक्यूबेटरों को स्वीकृत और वितरित की गई राशि अनुलग्नक-III में दी गई है।
सीजीएसएस को पात्र वित्तीय संस्थानों के माध्यम से स्टार्टअप्स को बिना किसी गारंटी के ऋण उपलब्ध कराने के लिए क्रियान्वित किया गया है। सीजीएसएस का संचालन राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी (एनसीजीटीसी) लिमिटेड द्वारा किया जाता है और यह 1 अप्रैल 2023 से चालू हो गया है। कैलेंडर वर्ष 2023, 2024 और 2025 में 31 अक्टूबर 2025 तक स्टार्टअप उधारकर्ताओं को गारंटीकृत ऋणों की राशि अनुलग्नक-IV में दी गई है।
यह जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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पीके/केसी/एसकेजे/एसके
(रिलीज़ आईडी: 2197751)
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