जल शक्ति मंत्रालय
भूजल संसाधन और जल संरक्षण
प्रविष्टि तिथि:
01 DEC 2025 7:15PM by PIB Delhi
केंद्रीय भूमि जल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) द्वारा संचालित डॉयनेमिक भूजल संसाधन आकलन 2024 के अनुसार यह कथन सत्य है। तथापि, वर्ष 2025 के नवीनतम आकलन के अनुसार, कर्नाटक राज्य के कुल 05 जिलों को अति दोहित, 02 जिलों को गंभीर एवं 06 जिलों को अर्ध-गंभीर के रूप में वर्गीकृत किया गया है। वर्ष 2025 के आकलन के अनुसार इन श्रेणियों के तहत उल्लिखित जिलों के नाम निम्नलिखित हैं:
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वर्गीकरण
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कुल जिलों की संख्या
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जिलों का नाम
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अति-दोहित
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05
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कोलार, बेंगलुरु (शहरी), चिक्काबल्लापुरा, बेंगलुरु (ग्रामीण), चित्रदुर्ग।
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गंभीर
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02
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बेंगलुरु (दक्षिण) (पूर्ववर्तीरामनगर), तुमकुरु।
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अर्ध- गंभीर
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06
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विजयनगर, बागलकोट, गडग, बेलगावी, चामराजनगर, दावणगेरे।
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भारत सरकार द्वारा देश में जल शक्ति अभियान (जेएसए) का कार्यान्वयन किया जा रहा है। यह वर्षा जल संचयन/भूजल पुनर्भरण कार्यों को शुरू करने के लिए एक मिशन मोड केम्पेन है। प्रथम जेएसए अभियान की शुरुआत वर्ष 2019 में 256 जिलों के जल की कमी वाले ब्लॉकों में की गई थी। इस अभियान का कार्यान्वयन वर्ष 2021 से (पूरे देश में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में) वार्षिक आधार पर किया जाने लगा, जिसका प्राथमिक उद्देश्य कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण, वाटरशेड प्रबंधन, पुनर्भरण और पुन: उपयोग संरचनाओं का निर्माण, गहन वनीकरण और जागरूकता सृजन आदि के माध्यम से मानसून वर्षा जल का प्रभावी संचयन करना है। वर्तमानमें, जेएसए 2025 का कार्यान्वयन देशके 148 जल की कमी वाले जिलों पर विशेष ध्यान देते हुए, किया जा रहा है,जिसमे 102 जिले अति-दोहित और 22 जिले गंभीर श्रेणी के अंतर्गत (वर्ष 2024 के आकलन के अनुसार) हैं। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2024 के आकलन के अनुसार कर्नाटक के सभी 5 अति-दोहित और 4 गंभीर जिलों को जेएसए 2025 के लिए विशेष फोकस जिलों के रूप में शामिल किया गया है। जलशक्ति अभियान की गति को और सशक्त करने के लिए, माननीय प्रधानमंत्री द्वारा देश में वर्षा जल संचयन को एक जन आंदोलन बनाने के दृष्टिकोण के साथ जल संचय जन भागीदारी (जेएसजेबी): भारत में जल स्थिरता के लिए एक समुदाय-संचालित अभियान का शुभारंभ किया गया। सामुदायिक स्वामित्व और जिम्मेदारी को बढ़ावा देकर, यह पहल विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट जल चुनौतियों के अनुरूप लागत प्रभावी, स्थानीय समाधान विकसित करने का लक्ष्य रखती है।
केंद्रित दृष्टिकोण और सतत प्रयासों के परिणाम स्वरूप, कर्नाटक में जलशक्ति अभियान और जल संचय जन भागीदारी के माध्यम से 17 लाख से अधिक जल संरक्षण/संचयन और कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण का समन्वय किया गया है, जिससे राज्य की भूजल स्थिति में समग्र रूप से सुधार हुआ है। सीजीडब्ल्यूबी की आकलन रिपोर्ट के अनुसार, भूजल निष्कर्षण का चरण (एसओई), जिसे कुल वार्षिक निष्कर्षण योग्य भूजल संसाधनों और कुल वार्षिक भूजल निष्कर्षण के अनुपात के रूप में परिभाषित किया गया है, यह कर्नाटक राज्य के लिए वर्ष 2024 में 68.44% सेबढ़कर वर्ष 2025 में 66.49% होगयाहै। इसके अतिरिक्त, चिक्काबल्लापुराऔर तुमकुरु के अतिरिक्त, राज्य के सभी अति-दोहित, गंभीर और अर्धगंभीर (ओसीएस) जिलों द्वारा वर्ष 2024 और 2025 के मध्य भूजल निष्कर्षण (एसओई) के चरण में सुधार की सूचना प्राप्त हुई है।
यह सूचना केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी द्वारा राज्यसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में प्रदान की गई है।
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एन. डी.
(रिलीज़ आईडी: 2197892)
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