जल शक्ति मंत्रालय
एफएमबीएपी के एफएमपी के तहत आंध्र प्रदेश को सहायता
प्रविष्टि तिथि:
01 DEC 2025 7:18PM by PIB Delhi
केंद्रीय जल आयोग ने भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन के तहत रीजनल रिमोट सेंसिंग सर्विस सेंटर, जोधपुर के साथ मिलकर वर्ष 2003 से वर्ष 2008 के दौरान "देश (भारत) में वृहद् और मध्यम सिंचाई परियोजना के सभी कमानों में जलाप्लावन और लवणीय/क्षारीय मृदा का आकलन" पर एक शोध किया। इससे पता चलता है कि आंध्र प्रदेश में कुल जलाप्लावित क्षेत्र एवं लवणीय क्षेत्र क्रमशः 28.267 हज़ार हेक्टेयर और 12.933 हजार हेक्टेयरहै। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश सरकार ने सूचित किया है कि बुडामेरू डायवर्जन चैनल की 11.900 किमी लंबाई को बाढ़-प्रवण स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है।
बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (एफएमबीएपी) के बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम (एफएमपी) घटक के तहत, बाढ़ नियंत्रण, कटाव रोधी, जल निकासी विकास, समुद्र-कटाव रोधी आदि संबंधित कार्यों के लिए राज्यों को केंद्र की सहायता प्रदान की जाती है। नई महत्वपूर्ण बाढ़ प्रबंधन परियोजनाएँ, जिनकी थ्रेशहोल्ड सीमा सामान्य श्रेणी के राज्यों के लिए 100 करोड़ रुपये और विशेष श्रेणी एवं पहाड़ी राज्यों के लिए 50 करोड़ रुपये है, जो मुख्य अंतर्राज्यीय नदियों के संबंध में आधुनिक प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषी सामग्री/दृष्टिकोण अपनाती हैं और उन राज्यों से जो बाढ़ मैदान क्षेत्रीकरण (एफपीजेड) को या तो किसी कानून के माध्यम से या किसी उपयुक्त कार्यकारी आदेश के माध्यम से लागू कर चुके हैं, केवल उनके वित्तपोषण पर ही विचार किया जाता है।
सामान्य श्रेणी के राज्यों की ऐसी परियोजनाओं/कार्यों के लिए वित्त पोषण का पैटर्न 60 (केंद्र): 40 (राज्य) होगा और विशेष श्रेणी एवं पहाड़ी राज्यों के लिए 90 (केंद्र): 10 (राज्य) होगा।
यह सूचना केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी द्वारा राज्यसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में प्रदान की गई है।
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एन. डी.
(रिलीज़ आईडी: 2197953)
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