रक्षा मंत्रालय
भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस विग्रह ने आसियान देशों में अपनी विदेशी तैनाती के क्रम में इंडोनेशिया का एक महत्वपूर्ण परिचालन दौरा किया
प्रविष्टि तिथि:
03 DEC 2025 3:23PM by PIB Delhi
आसियान देशों में अपनी विदेशी तैनाती के तहत भारतीय तटरक्षक पोत (आईसीजीएस) विग्रह 2 से 5 दिसंबर, 2025 तक इंडोनेशिया में जकार्ता की यात्रा पर है। इस तीन दिवसीय दौरे के दौरान भारतीय तटरक्षक और इंडोनेशियाई तटरक्षक बल (बाकमला) के कर्मी पेशेवर बातचीत, टेबलटॉप अभ्यास, जहाज-आधारित ड्रिल और संयुक्त प्रशिक्षण सत्रों सहित गतिविधियों के विस्तृत कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। यह यात्रा क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा, संरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को सुदृढ़ करने में तटरक्षक-से-तटरक्षक सहयोग के बढ़ते महत्व को रेखांकित करती है। साथ ही, यह दोनों बलों के बीच परिचालन तालमेल, आपसी विश्वास एवं सहयोग की निरंतर प्रतिबद्धता को और मजबूत बनाती है।

इन गतिविधियों का केंद्र बिंदु समुद्री कानून प्रवर्तन, समुद्री प्रदूषण रोधी कार्रवाई तथा समुद्री खोज एवं बचाव जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर है, जहां दोनों संगठन अपने विस्तृत विशिष्ट आर्थिक क्षेत्रों और भारी समुद्री यातायात के कारण महत्त्वपूर्ण परिचालन जिम्मेदारियां साझा करते हैं। संयुक्त अभ्यास अवैध, अप्रतिबंधित एवं अनियमित मछली पकड़ने, समुद्री डकैती, तस्करी, समुद्री दुर्घटनाओं तथा पर्यावरणीय खतरों से संबंधित परिस्थितियों में आपसी आपसी सहभागिता को और सुदृढ़ करेंगे। परिचालन सामंजस्य, संचार प्रक्रियाओं एवं नाविक कौशल के समन्वय को और बेहतर बनाने के लिए दोनों तटरक्षक सेवाओं के बीच एक मार्ग अभ्यास (पासेक्स) भी आयोजित किया जाएगा। यह अभ्यास समुद्री संचालन में समन्वय, प्रतिक्रिया क्षमता और सहयोग को नई मजबूती प्रदान करेगा।
वर्तमान यात्रा में शिष्टाचार भेंट, जहाजों का दौरा, योग एवं खेल स्पर्धाएं और समुद्री प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों में कार्यात्मक आदान-प्रदान भी शामिल हैं। ये सभी गतिविधियां दोनों देशों के कर्मियों के बीच सौहार्द को बढ़ावा देने, लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने और प्रभावी परिचालन सहयोग के लिए आवश्यक विश्वास-आधार को सशक्त करने में सहायक होंगी। भारत और इंडोनेशिया दोनों ही देश प्रमुख समुद्री लोकतंत्र के नाते हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था (आरबीआईओ) को बनाए रखने के लिए समान रूप से प्रतिबद्ध हैं। नियमित समुद्री प्रवर्तन, संयुक्त प्रतिक्रिया तंत्र और रणनीतिक समुद्री मार्गों की समन्वित निगरानी के माध्यम से इस सिद्धांत को व्यवहार में लागू करने में तटरक्षक-से-तटरक्षक सहयोग एक निर्णायक भूमिका निभाता है।

भारत–इंडोनेशिया समुद्री साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ जुलाई 2020 में भारतीय तटरक्षक और इंडोनेशियाई तटरक्षक बल के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन है। इस ऐतिहासिक दस्तावेज ने दोनों एजेंसियों के बीच परिचालन जुड़ाव के लिए एक सुव्यवस्थित और संस्थागत ढांचा स्थापित किया, जिसके परिणामस्वरूप समुद्री कानून प्रवर्तन, समन्वित गश्त, खोज एवं बचाव, समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया, सूचना साझाकरण और क्षमता निर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को नई मजबूती मिली। समझौता प्रभावी होने के बाद से दोनों तटरक्षक बलों के बीच सतत संपर्क, पेशेवर संवाद और संयुक्त गतिविधियों को प्रोत्साहन मिला है। इससे सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का आदान-प्रदान, उन्नत प्रशिक्षण अवसरों की उपलब्धता और संयुक्त समुद्री अभियानों के दौरान अंतर-संचालन क्षमता में उल्लेखनीय सुधार सुनिश्चित हुआ है।
पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय तटरक्षक और इंडोनेशियाई तटरक्षक बल ने नियमित उच्च-स्तरीय यात्राओं, द्विपक्षीय प्रशिक्षण आदान-प्रदान, समन्वित गश्तों तथा आसियान-नेतृत्व वाली और हिंद-प्रशांत समुद्री गतिविधियों के माध्यम से सहयोग की एक सुदृढ़ परंपरा विकसित की है। इंडोनेशिया लगातार आईसीजी द्वारा संचालित क्षमता-निर्माण कार्यक्रमों एवं विशिष्ट प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी करता रहा है, जबकि इंडोनेशियाई बंदरगाहों पर आने वाले आईसीजी जहाजों ने व्यावहारिक प्रशिक्षण, साझा संचालन और क्रॉस-डेक बातचीत को महत्वपूर्ण रूप से प्रोत्साहित किया है। जकार्ता में आईसीजीएस विग्रह की वर्तमान उपस्थिति न केवल सहयोगी समुद्री सुरक्षा के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह क्षेत्रीय साझेदारों की समुद्री क्षमताओं और परिचालन तत्परता को सुदृढ़ करने में भारत की सक्रिय भूमिका का भी प्रतीक है।
जकार्ता दौरे के पूर्ण होने के बाद आईसीजीएस विग्रह मलेशिया के पोर्ट क्लैंग के लिए प्रस्थान करेगा और आसियान देशों में अपनी परिचालन तैनाती को आगे बढ़ाएगा। इस तैनाती का उद्देश्य क्षेत्रीय जुड़ाव को सुदृढ़ करना, सहयोगात्मक प्रतिक्रिया तंत्र को बेहतर बनाना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री शांति, स्थिरता एवं सुव्यवस्था को बनाए रखने में सक्रिय योगदान देना है।
पीके/केसी/एनके/डीके
(रिलीज़ आईडी: 2198313)
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