संचार मंत्रालय
भुवनेश्वर में परफॉर्मेंस, सर्विस क्वालिटी और एक्सपीरियंस क्वालिटी पर आईटीयू-ट्राई कार्यशाला का उद्घाटन
प्रविष्टि तिथि:
04 DEC 2025 2:00PM by PIB Delhi
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (आईटीयू) के साथ साझेदारी में आज भुवनेश्वर में परफॉर्मेंस, सर्विस क्वालिटी और एक्सपीरियंस क्वालिटी पर आईटीयू-ट्राई कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस दो दिन के अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में दुनिया भर के नेशनल रेगुलेटरी अथॉरिटी (एनआरएएस), सर्विस प्रोवाइडर और तकनीकी विशेषज्ञ एक साथ आए ताकि टेलीकॉम सर्विस-क्वालिटी फ्रेमवर्क पर मिलकर किए जाने वाले कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके। कार्यशाला की शुरुआत एक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद ट्राई के सेक्रेटरी श्री अतुल कुमार चौधरी ने स्वागत भाषण दिया और आईटीयू तथा ओडिशा सरकार के वरिष्ठ प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ट्राई के चेयरमैन श्री अनिल कुमार लाहोटी ने उद्घाटन संबोधन किया।

अपने स्वागत भाषण में, श्री अतुल कुमार चौधरी ने पारदर्शी और उपभोक्ता-केंद्रित नियमन के लिए ट्राई की प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की। उन्होंने सेवा गुणवत्ता कार्यक्रम को मजबूत करने में वैश्विक सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि कनेक्टिविटी मानचित्रण, उपग्रह-आधारित गुणवत्ता मूल्यांकन और क्षेत्रीय नियामक पहल पर चर्चा होने से सामूहिक समझ कायम करने में काफी मदद मिलेगी।
उद्घाटन सत्र के दौरान केंद्रीय संचार राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर का एक वीडियो संदेश साझा किया गया। उन्होंने नागरिकों के लिए भरोसेमंद और उच्च-गुणवत्तापूर्ण कनेक्टिविटी पर भारत के फोकस के बारे में बताया, दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत सर्विस क्वालिटी को मजबूत करने के लिए चल रहे प्रयासों से अवगत कराया और वैश्विक मानदंडों और सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीकों को आगे बढ़ाने में ट्राई एवं आईटीयू के संयुक्त कार्यों का स्वागत किया।
इस सत्र में आईटीयू टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन ब्यूरो (आईटीयू-टीएसबी) के डायरेक्टर श्री सेइजो ओनो का एक वीडियो संदेश भी शामिल था। इस संदेश में उन्होंने इक्विटेबल डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को इनेबल करने में हार्मोनाइज्ड क्यूओएस मानदंडों के वैश्विक महत्व के बारे में बताया। उन्होंने अलग-अलग देशों के लिए सही क्यूओएस और क्यूओई फ्रेमवर्क डिजाइन करने में सदस्य देशों को समर्थन करने के आईटीयू की प्रतिबद्धता को दोहराया।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, ओडिशा सरकार के मुख्य सचिव, आईएएस श्री मनोज आहूजा ने लोगों की सुरक्षा और आपदा मोचन प्रणाली में दूरसंचार सेवा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। चक्रवात और सुनामी अलर्ट के साथ ओडिशा के अनुभव से सीखते हुए, उन्होंने समावेशी विकास, आर्थिक विकास और प्रभावी लोक सेवा वितरण में दूरसंचार सेवा की मुख्य भूमिका पर जोर दिया। यह देखते हुए कि आज कल्याण से जुड़ी लगभग हर प्रणाली कनेक्टिविटी पर निर्भर करता है, उन्होंने जोर दिया कि समय पर चेतावनी और समुचित सेवा वितरण के लिए मजबूत क्यूओएस और क्यूओई सिस्टम ज़रूरी हैं। उन्होंने कहा, “आज दूरसंचार समावेशी विकास, आर्थिक विकास और हर बड़े कल्याण कार्यक्रम का लाभ पहुंचाने में आधार का काम करता है। ग्रामीण शासन और पंचायत सेवा के ऑनलाइन होने से लेकर सार्वजनिक कार्य के बेहतर कार्यान्वयन तक, कनेक्टिविटी अब रोजमर्रा के जीवन के हर पहलू को छूती है।” उन्होंने यह भी कहा कि “उपभोक्ता-केंद्रित क्यूओएस पर लगातार फोकस, जिसे राज्यों और देशों के बीच समन्वय से समर्थन मिलना बहुत जरूरी है क्योंकि हम सभी के लिए सेवा गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना जरूरी है।”
उद्घाटन भाषण देते हुए, ट्राई के चेयरमैन श्री अनिल कुमार लाहोटी ने डिजिटल रूप से सबको साथ लेकर चलने वाला टेलीकॉम इकोसिस्टम बनाने में भारत की तरक्की और रोजमर्रा की जिंदगी में कनेक्टिविटी की बदलाव लाने वाली भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया भर में 5जी सेवा को सबसे तेजी से शुरू किया है, जिसे 1.23 बिलियन से अधिक दूरसंचार ग्राहक और लगभग 99 प्रतिशत 4जी कवरेज का समर्थन मिला है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में डेटा की खपत का स्तर लगातार बढ़ रहा है, साथ ही सस्ते टैरिफ भी हैं जो सभी सामाजिक-आर्थिक समूह के लिए बड़ी डिजिटल पहुंच सुनिश्चित करते हैं।

श्री लाहोटी ने शहरी-ग्रामीण अंतर को कम करने, मोबाइल-बेस्ड फाइनेंशियल इनक्लूजन को मुमकिन बनाने और दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत प्रक्रियात्मक कार्यक्रम को आसान बनाने में उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए भारत के एक मॉडल के तौर पर उभरने पर जोर दिया। उन्होंने भवनों के लिए ट्राई के सेवा गुणवत्ता रेटिंग कार्यक्रम को सेवा गुणवत्ता मूल्यांकन में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक जरूरी पहल बताया और भवनों के अंदर होने वाले डेटा इस्तेमाल के बड़े हिस्से को देखते हुए इनडोर कनेक्टिविटी को मजबूत करने की बढ़ती जरूरत पर ध्यान केंद्रित किया।
इसके बाद उन्होंने गहरे मल्टीलेटरल कोलेबोरेशन की जरूरत पर जोर दिया और धोखाधड़ी की रोकथाम, साइबर सुरक्षा और नेटवर्क इंटरऑपरेबिलिटी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए क्यूओएस और क्यूओई पर एशिया के लिए एक आईटीयू रीजनल ग्रुप बनाने की मांग की। उन्होंने कहा, “भारत का अनुभव दिखाता है कि कैसे व्यापक दूरसंचार नीति, नियामक सुधार और मजबूत सहयोग समावेशी विकास और डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा दे सकते हैं।” उन्होंने कहा कि समन्वित क्षेत्रीय प्रयासों से पूरे एशिया में क्यूओएस और क्यूओई फ्रेमवर्क को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
पहले सेशन के आखिर में, आईटीयू के स्टडी ग्रुप एडवाइजर मिस्टर मार्टिन एडॉल्फ ने कार्यशाला आयोजित करने के लिए ट्राई और समर्थन के लिए ओडिशा सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों के योगदान को स्वीकार करते हुए कहा कि ये चर्चाएं सीधे तौर पर क्यूएसडीजी के ग्लोबल क्यूओएस और क्यूओई फ्रेमवर्क को मजबूत करने के भविष्य के काम के बारे में बताएंगी।

वर्कशॉप में 4 दिसंबर को चार विषय आधारित सत्र हैं, जिसमें कनेक्टिविटी मानचित्रण, उपग्रह सेवा निष्पादन, मापन विधि और पूरे एशिया में सेवा गुणवत्ता पहल पर एक क्षेत्रीय पैनल शामिल है। इन सेशन में रेगुलेटर, इंडस्ट्री लीडर और एक्सपर्ट टूल, मेथड और रेगुलेटरी नजरिए का आदान-प्रदान करने के लिए एक साथ आए। 5 दिसंबर को, प्रोग्राम क्वालिटी ऑफ सर्विस डेवलपमेंट ग्रुप (क्यूएसडीजी) की मीटिंग के साथ जारी रहेगा, जिसके बाद आईटीयू-टी स्टडी ग्रुप 12 की “एनआरए रिपॉजिटरी” पहल पर एक रैपॉर्टर ग्रुप मीटिंग होगी, जिसका मकसद रेगुलेटर द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले क्यूओएस और क्यूओई पैरामीटर की एक ग्लोबल लाइब्रेरी बनाना है।
वर्कशॉप का मकसद क्यूओएस और क्यूओई मैनेजमेंट में मुख्य चुनौतियों की गहरी समझ बनाना और नियामक निकाय और सेवा प्रदाता के लिए कार्रवाई करने लायक सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीके के विकास में मदद करना था। प्रतिनिधि अलग-अलग क्षेत्रों में व्यापक, भरोसेमंद और सुरक्षित दूरसंचार सेवा को आगे बढ़ाने के लिए अग्रणी शिक्षण और सामूहिक वार्तालाप में शामिल हुए। आईटीयू-टी के साथ साझेदारी में ट्राई द्वारा होस्ट किए गए इस इवेंट में एशिया, अफ्रीका और यूरोप से लगभग 150 भागीदार शामिल हुए, जो व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर और वर्चुअल तौर पर शामिल हुए, जो टेलीकॉम स्टैंडर्ड और पॉलिसी डेवलपमेंट की वैश्विक जरूरत को दिखाता है। इसमें 39 देशों के रेगुलेटरी अधिकारी, ऑपरेटर, टेक्नोलॉजी वेंडर और ओपनसिग्नल, ऊकला और कीसाइट टेक्नोलॉजी जैसे मेजरमेंट-टूल स्पेशलिस्ट शामिल थे।
अधिक जानकारी या क्लैरिफिकेशन के लिए, कृपया ट्राई के एडवाइजर (ब्रॉडबैंड और पॉलिसी एनालिसिस) श्री अब्दुल कयूम से advbbpa@trai.gov.in पर सम्पर्क करें।
****
पीके/केसी/एसकेएस/केके
(रिलीज़ आईडी: 2198775)
आगंतुक पटल : 33