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रणनीतिक साझेदारी से विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रिश्तों तक: भारत-रूस संबंधों पर एक दृष्टि

प्रविष्टि तिथि: 04 DEC 2025 12:08PM by PIB Delhi

मुख्य बिंदु

  • विदेश मंत्री की अगस्त 2025 की यात्रा के दौरान, भारत और रूस ने 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य की दिशा में प्रगति में तेजी लाने पर बल दिया, जिसमें भारत-ईएईयू एफटीए और रूस में दो नए भारतीय वाणिज्य दूतावासों पर काम[1] शामिल है।
  • इंद्र-2025 नौसैनिक अभ्यास मार्च-अप्रैल 2025 में आयोजित किया गया था, जिसमें दोनों पक्षों के प्रमुख जहाजों और विमानों को शामिल करते हुए संयुक्त अभ्यास के माध्यम से निरंतर प्रचालनगत रक्षा सहयोग का प्रदर्शन किया गया था।
  • भारत और रूस ने नवंबर 2025 में समुद्री परामर्श और भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 में रूस की भागीदारी सहित कई उच्च-स्तरीय कार्यक्रमों के माध्यम से 2025 में सेक्टरवार सहयोग को आगे बढ़ाया

 

भारत-रूस द्विपक्षीय संबंध

रूस, भारत का लंबे समय से साझीदारी रहा है जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है। अक्टूबर, 2000 में भारत-रूस सामरिक भागीदारी घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद से भारत-रूस संबंधों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिसमें राजनीतिक, सुरक्षा, रक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों के बीच परस्पर सहयोग शामिल है। दिसंबर 2010 में, रूस के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान इस साझेदारी को "विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी" के स्तर तक बढ़ाया गया था। इस साझेदारी के तहत सहयोग गतिविधियों पर नियमित परस्पर बातचीत और अनुवर्ती सहयोग कार्यकलाप सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक और आधिकारिक दोनों स्तरों पर कई संस्थागत संवाद तंत्र काम करते हैं।

भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी) जैसे औपचारिक संस्थानों के माध्यम से भारत और रूस रणनीतिक, आर्थिक और रक्षा स्तरों पर भी मिलकर काम करते हैं। इसके दो भाग हैं: एक व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीय और सांस्कृतिक सहयोग प्रभाग (आईआरआईजीसी-टीईसी) है, जिसका नेतृत्व भारत के विदेश मंत्री (ईएएम) और रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री (डीपीएम) करते हैं; दूसरा सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग प्रभाग  है (आईआरआईजीसी-एम और एमटीसी) की अध्यक्षता दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों द्वारा की जाती है। दिसंबर 2021 में, "2+2 संवाद" नामक एक नया प्रारूप जोड़ा गया, जहां विदेश और रक्षा मंत्री दोनों एक साथ मिलते हैं। यह भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच शिखर सम्मेलन स्तर की वार्ता के दौरान किया गया था।

अंतर-सरकारी आयोग दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग के क्षेत्रों में द्विपक्षीय प्रगति की नियमित निगरानी के लिए एक तंत्र है, जिसे मई 1992 में हस्ताक्षरित व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय सहयोग पर अंतर-सरकारी आयोग पर एक समझौते द्वारा स्थापित किया गया था

भारत-रूस राजनीतिक संबंध

भारत और रूस गहन तथा बहुस्तरीय राजनीतिक संबंधों के माध्यम से अपनी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का पोषण करना जारी रखे हुए हैं। सर्वोच्च संस्थागत तंत्र भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन है, जिसमें अब तक 22 शिखर सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं। रूस के राष्ट्रपति महामहिम श्री व्लादिमीर पुतिन 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए 04 से 05 दिसंबर 2025 तक फिर से भारत की यात्रा पर आएंगे। राष्ट्रपति श्री पुतिन की आगामी भारत यात्रा से दोनों देशों के नेताओं को भारत-रूस सहयोग की प्रगति की समीक्षा करने, हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की भविष्य की दिशा तय करने और दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा। पिछला (22वां) शिखर सम्मेलन 8-9 जुलाई 2024 को मास्को में आयोजित किया गया था, जिसके दौरान दोनों नेताओं ने "भारत-रूस: स्थायी और विस्तारित साझेदारी शीर्षक से एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया था  9 समझौता  ज्ञापनों  पर हस्ताक्षर करने के अतिरिक्‍त 2030 तक रणनीतिक आर्थिक सहयोग पर एक अलग संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया। यात्रा के दौरान भारत के प्रधानमंत्री को भारत-रूस संबंधों में उत्कृष्ट योगदान के लिए रूस के सर्वोच्च राजकीय अलंकरण, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल द फर्स्ट-कॉल्‍ड से सम्मानित किया गया। दोनों नेताओं ने 22 अक्टूबर 2024 को कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान और फिर 01 सितंबर 2025 को चीन के तियानजिन में एससीओ राष्ट्राध्यक्षों की बैठक के अवसर पर फिर से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद 15 जनवरी, 20 मार्च, 5 जून और 27 अगस्त 2024 के साथ-साथ 5 मई 2025 को बातचीत सहित टेलीफोन संपर्क निरंतर बनाए रखा है। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के विरूद्ध लड़ाई में सहयोग को और सुदृढ़ करने के अपने दृढ़ संकल्प की पुष्टि की। इससे पूर्व भी, 08 और 18 अगस्त 2025 को राष्ट्रपति श्री पुतिन ने प्रधानमंत्री से बात की थी और उन्हें अमेरिका-रूस के अलास्का शिखर सम्मेलन के संदर्भ में यूक्रेन के संबंध में नवीनतम घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी थी।

दोनों देशों के बीच मंत्रिस्तरीय और आधिकारिक स्तर की परस्पर बातचीत मजबूत बनी हुई है। विदेश मंत्री और रूस के विदेश मंत्री श्री लावरोव ने हाल ही में 17 नवंबर 2025 को एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (सीएचजी) की बैठक के लिए विदेश मंत्री की मॉस्को यात्रा के दौरान भी मुलाकात की।  इस वर्ष दोनों मंत्रियों की छह बैठकें हो चुकी हैं: 17 नवंबर को मॉस्को (रूस), 27 सितंबर को न्यूयॉर्क (अमरीका), 21 अगस्त को मॉस्को (रूस), 15 जुलाई को तियानजिन (चीन), 07 जुलाई को रियो डी जनेरियो (ब्राजील) में और 20 फरवरी को जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में।

अगस्त 2025 में मॉस्को की यात्रा के दौरान विदेश मंत्री ने रूस के पहले उप-प्रधानमंत्री श्री मंतुरोव के साथ 26वें आईआरआईजीसी-टीईसी की सह-अध्यक्षता की। उन्होंने राष्ट्रपति श्री पुतिन और विदेश मंत्री लावरोव से मुलाकात की और 2030 तक 100 अरब डॉलर के व्यापार को बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने कज़ान और येकातेरिनबर्ग में दो नए भारतीय वाणिज्य दूतावासों को शीघ्र खोलने, ऊर्जा संबंधों और भारत-ईएईयू एफटीए पर चर्चा की। उन्होंने यूक्रेन, मध्य पूर्व, पश्चिम एशिया और अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रमों की समीक्षा की। विदेश मंत्री ने भारत के इस विचार की पुष्टि की कि मतभेदों को दूर करने के लिए संवाद और कूटनीति सबसे रचनात्मक मार्ग हैं। उन्होंने रूसी सेना में सेवारत भारतीयों के बारे में भारत की चिंताओं से भी अवगत कराया और लंबित मामलों के त्वरित तथा विचारशील समाधान की आशा व्यक्त की।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 26 जून 2025 को चीन के क़िंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक से अलग रूस के रक्षा मंत्री श्री एंड्री बेलौसोव के साथ द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने इससे पहले सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी) की 21वीं बैठक की सह-अध्यक्षता करने के लिए 8-10 दिसंबर 2024 तक मास्को का दौरा किया और राष्ट्रपति श्री व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। 

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल ने भारत-रूस एनएसए-स्तरीय रणनीतिक वार्ता के लिए 07-08 अगस्त 2025 को मास्को का दौरा किया। यात्रा के दौरान, उन्होंने राष्ट्रपति श्री पुतिन से मुलाकात की और रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव श्री सर्गेई शोइगु, राष्‍ट्रपति श्री पुतिन के सहायक श्री नियोकोलाई पात्रुशेव और प्रथम उप प्रधानमंत्री श्री डेनिस मंटुरोव के साथ बैठकें कीं। एनएसए ने सितंबर 2024 में ब्रिक्स एनएसए की बैठक के लिए सेंट पीटर्सबर्ग का भी दौरा किया, जिसके दौरान उन्होंने राष्ट्रपति श्री पुतिन और सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगू से मुलाकात की। रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने 9 मई 2025 को रूस के 80वें विजय दिवस समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

कार्य स्तर पर विदेश सचिव श्री विक्रम मिस्री ने 7 मार्च 2025 को मॉस्को में उप-विदेश मंत्री एंड्री रुडेंको के साथ विदेश कार्यालय परामर्श कियाकई प्रारूपों में ये निरंतर उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान भारत-रूस राजनीतिक संबंधों की गहराई, गतिशीलता और भविष्योन्मुखी की गति को रेखांकित करते हैं।

भारत और रूस ने 17 नवंबर, 2025 को नई दिल्ली में मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल और श्री निकोलाई पेत्रुशेव के नेतृत्व में उच्च स्तरीय समुद्री परामर्श आयोजित  किया। दोनों पक्षों ने जहाज निर्माण, बंदरगाह विकास, लॉजिस्टिक्स और आर्कटिक सहयोग की समीक्षा की, अपनी रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि की और दीर्घकालिक कनेक्टिविटी तथा विकास का समर्थन करने वाले एक लचीले, कुशल एवं टिकाऊ समुद्री ढांचे के निर्माण के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की

 

 भारत-रूस आर्थिक संबंध

 व्यापार और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए सरकार के स्तर पर प्राथमिक तंत्र व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक सहयोग के लिए भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) है, जिसकी सह-अध्यक्षता भारत की ओर से विदेश मंत्री और रूस की ओर से प्रथम उपप्रधान श्री डेनिस मंतुरोव करेंगे।  आईआरआईजीसी-टीईसी का 26वां सत्र 20 अगस्त 2025 को मॉस्को में आयोजित किया गया था और इसमें टैरिफ एवं गैर-टैरिफ व्यापार बाधाओं को दूर करने, लॉजिस्टिक्स की बाधाओं को दूर करने, कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने, भुगतान तंत्र को सुचारू रूप से प्रभावी बनाने, 2030 तक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम को समय पर अंतिम रूप देने और निष्पादन पर ध्यान केंद्रित किया गया था। सत्र में भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ एफटीए के शीघ्र समापन पर भी जोर दिया गया। 2030 तक 100 बिलियन अमरीकी डालर के संशोधित द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दोनों देशों के व्यवसायों के बीच नियमित बातचीत की आवश्यकता के साथ-साथ इसके विचारार्थ विषयों को अंतिम रूप दिया गया। पूर्ण सत्र के बाद, आईआरआईजीसी-टीईसी के 26वें सत्र के प्रोटोकॉल पर सह-अध्यक्षों द्वारा हस्ताक्षर किए गए। दोनों देश अपने नेताओं द्वारा निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों : 2025 तक 50 बिलियन डॉलर का आपसी निवेश और 2030 तक वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार में 100 बिलियन डॉलर की दिशा में काम कर रहे हैं

द्विपक्षीय व्यापार तेजी से बढ़ा है और वित्त वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 68.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जिसमें भारतीय निर्यात 4.9 बिलियन डॉलर (मुख्य रूप से फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, लोहा एवं इस्पात और समुद्री उत्पाद) तथा रूस से 63.8 बिलियन डॉलर (मुख्य रूप से कच्चा तेल और पेट्रोलियम उत्पाद, सूरजमुखी तेल, उर्वरक, कोकिंग कोल और कीमती पत्थर/धातुका आयात है।

पिछले कुछ वर्षों के दौरान सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार स्थिर रहा है। वर्ष 2021 के लिए यह राशि 1.021 बिलियन डॉलर थी। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश 2025 तक 50 अरब डॉलर के निवेश के लक्ष्य के साथ मजबूत बना हुआ है। भारत में रूस द्वारा प्रमुख द्विपक्षीय निवेश तेल और गैस, पेट्रोकेमिकल्स, बैंकिंग, रेलवे और इस्पात क्षेत्रों में किया गया है, जबकि रूस में भारतीय निवेश मुख्य रूप से तेल और गैस और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्रों में है

 भारत-रूस रक्षा सहयोग

 रक्षा भारत और रूस के बीच मजबूत मित्रता और रणनीतिक साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक है। दोनों देश 10 साल के विशेष समझौते का पालन करते हैं जो उनके सभी सैन्य और रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग का मार्गदर्शन करता है। 2021-2031 के लिए सैन्य-तकनीकी सहयोग समझौता 6 दिसंबर 2021 को नई दिल्ली में हस्ताक्षरित हुआ, जो हथियारों और सैन्य उपकरणों के संयुक्त अनुसंधान, विकास, उत्पादन और बिक्री के बाद की सहायता पर केंद्रित है

दोनों देशों के बीच लंबे समय से चला आ रहा और व्यापक सैन्य तकनीकी सहयोग क्रेता-विक्रेता ढांचे से विकसित हुआ है जिसमें उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों के संयुक्त अनुसंधान, विकास तथा उत्पादन शामिल हैं। रूस रक्षा उपकरण, इंजन, स्पेयर पार्ट्स और घटकों की आपूर्ति के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है। भारत में कई रक्षा प्लेटफॉर्म भी असेंबल/निर्मित किए जाते हैं जैसे टी-90 टैंक और सुखोई-30 एमकेआई विमान। दोनों पक्ष रक्षा उपकरणों और प्लेटफार्मों के सह-विकास और सह-उत्पादन की भी खोज कर रहे हैं जिसमें ब्रह्मोस प्रणाली जैसे अन्य देशों को निर्यात की संभावना शामिल है।

सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी) की सह-अध्यक्षता भारत के रक्षा मंत्री और रूस के रक्षा मंत्री द्वारा की जाती है। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने दिसंबर 2024 में रूस का दौरा किया और कलिनिनग्राद में भारतीय नौसेना में एक फ्रिगेट "आईएनएस तुशील" के जलावतरण में भाग लेने के अतिरिक्‍त 21वीं आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी बैठक की सह-अध्यक्षता की। 01 जुलाई 2025 को, नवीनतम स्टील्थ मल्टी-रोल फ्रिगेट, आईएनएस तमाल को भी कलिनिनग्राद में कमीशन किया गया थाआईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी की 5वीं बैठक 28-29 अक्टूबर, 2025 को नई दिल्ली में हुई।

भारत-रूस संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास इंद्र-2025 का 14वां संस्करण 6-15 अक्टूबर, 2025 तक राजस्थान के बीकानेर में आयोजित किया गया था, जिसमें प्रत्येक पक्ष के 250 से अधिक सैनिकों ने भाग लिया था। 10-16 सितंबर 2025 को, सेना, वायु सेना और नौसेना के 65 भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की एक टुकड़ी ने रूस के निज़नी नोवगोरोड में जैपड-2025 सैन्य अभ्यास में भाग लिया। 28 मार्च-02 अप्रैल 2025 को, भारतीय और रूसी नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास इंद्र 2025 दो चरणों - चेन्नई में बंदरगाह चरण और बंगाल की खाड़ी में समुद्री चरण- में आयोजित किया गया था । 10-16 सितंबर 2025 को, सेना, वायु सेना और नौसेना के 65 भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की एक टुकड़ी  ने  रूस के निज़नी नोवगोरोड में जैपड-2025 सैन्य अभ्यास में भाग लिया।

29 अक्टूबर 2025 को, सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सैन्य तकनीकी सहयोग एवं मास्को में रक्षा उद्योग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की 23वीं कार्य समूह की बैठक में भाग लिया।

संयुक्त अनुसंधान एवं विकास और उत्पादन की ओर बदलाव

संयुक्त अनुसंधान, विकास और उन्नत प्रणालियों का सह-उत्पादन शामिल करने के लिए रक्षा सहयोग अब केवल क्रेता-विक्रेता व्‍यवस्‍था न रह कर इससे आगे विकसित हो चुका है। कुछ हथियार प्रणालियां निम्नलिखित हैं: 

हथियार प्रणाली

विवरण

ब्रह्मोस मिसाइल 

ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल प्रणाली भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओ माशिनोस्ट्रोयेनिया (एनपीओएम) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई है, जो मिसाइल प्रौद्योगिकी में भारत-रूस सैन्य-तकनीकी सहयोग की एक प्रमुख प्रणाली है।

सुखोई एसयू-30एमकेआई

भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा बहु-भूमिका वाले लड़ाकू विमान का लाइसेंस प्राप्त उत्पादन।

टी-90 टैंक

भारत में टी-90एस भीष्म मुख्य युद्धक टैंकों का लाइसेंस प्राप्त उत्पादन।

एस-400 ट्रायम्फ

भारत द्वारा उन्नत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली (एसएएम) की खरीद। यह संयुक्त रूप से उत्पादित नहीं होता बल्कि खरीदा जाता है

आईएनएस विक्रमादित्य

पूर्व रूसी विमानवाहक पोत एडमिरल गोर्शकोव का भारतीय नौसेना में नवीनीकरण और स्थानांतरण। भारत की अधिकांश पारंपरिक और परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियां रूसी मूल की हैं।

एके-203 असॉल्ट राइफल्स

"मेक इन इंडिया" पहल के तहत, भारत के कोरवा में इंडो-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल) के संयुक्त उद्यम द्वारा उत्पादन।

 

संसदीय सहयोग:

 

लोकसभा और रूसी स्टेट ड्यूमा (निचले सदन) के बीच अंतर-संसदीय आयोग ने संसदीय सहयोग को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी स्थापना के बाद से इसकी पांच बार बैठक (2000, 2003, 2015, 2017, 2018) हो चुकी है। आयोग की सह-अध्यक्षता लोकसभा के अध्यक्ष और स्टेट ड्यूमा के अध्यक्ष द्वारा की जाती है। 5वां भारत-रूस अंतर संसदीय आयोग 09 दिसंबर 2018 को भारत में आयोजित किया गया था।

स्टेट ड्यूमा (रूस की संसद के निचले सदन) के अध्यक्ष श्री व्याचेस्लाव वोलोडिन ने 02-04 फरवरी 2025 तक भारत की आधिकारिक यात्रा की। यात्रा के दौरान, वोलोडिन ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से मुलाकात की और लोकसभा अध्यक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक की। रूसी प्रतिनिधिमंडल ने दोनों राज्यसभा और लोकसभा के तत्कालीन 2025 के बजट सत्र में भाग लिया था। जुलाई 2024 में, लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने सेंट पीटर्सबर्ग में 10वें ब्रिक्स संसदीय मंच के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और चेयरमेन वोलोडिन तथा रूसी संघ परिषद (संसद के ऊपरी सदन) की अध्यक्ष सुश्री वेलेंटीना मतविएन्को के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।

पहलगाम आतंकी हमले और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में, सुश्री कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जिसमें 5 सांसद और वरिष्ठ राजनयिक राजदूत मंजीव पुरी शामिल थे, ने 22-24 मई 2025 तक रूस का दौरा किया, जिससे कि आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के विरूद्ध भारत के एकजुट संकल्प और जीरो-टॉलरेंस दृष्टिकोण को पेश किया जा सके। 21-26 जून 2025 तक लोकसभा सांसद डॉ. शशि थरूर, जो अपनी व्यक्तिगत यात्रा पर थे, ने श्री कॉन्स्टेंटिन कोसाचेव (संघीय परिषद के उपाध्यक्ष) और श्री लियोनिद स्लटस्की (अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर स्टेट ड्यूमा कमेटी के चेयरमैन) के साथ बैठकें कीं। 29-30 अक्टूबर तक लोकसभा सांसद श्री राजकुमार चाहर, लोकसभा सांसद डॉ. सी.एन. मंजूनाथ और राज्यसभा सांसद डॉ. वी. शिवदासन सहित भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने मॉस्को में सामाजिक और सांस्कृतिक मामलों पर एशियाई संसदीय सभा की स्थायी समिति की बैठकों में भाग लिया।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी

विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने विशेष रूप से भारत की आजादी के बाद के शुरुआती दिनों में द्विपक्षीय भारत-रूस साझेदारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज, भारत और रूस मूलभूत विज्ञान, सामग्री विज्ञान, गणित और भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम (गगनयान), नैनो टेक्नोलॉजीज आदि जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों पर एक साथ काम कर रहे हैं। भारत का एकमात्र परमाणु ऊर्जा संयंत्र तमिलनाडु के कुडनकुलम में स्थापित किया गया है, जिसे रूस के सहयोग से स्थापित किया गया था। द्विपक्षीय सहयोग दिसंबर 2021 में नई दिल्ली में 21वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षरित विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के लिए नए रोडमैप द्वारा निर्देशित है। इससे दोनों देशों के बीच नवाचार संबंधी सहयोग को बढ़ावा मिलने और प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण और आर्थिक एवं सामाजिक प्रभाव की संयुक्त परियोजनाओं के लिए पूर्ण-चक्र समर्थन पर ध्यान केंद्रित होने की उम्मीद है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर रूस-भारत कार्य समूह की बैठकें, दोनों देशों के संबंधित मंत्रालयों, विश्वविद्यालयों और वैज्ञानिकों के प्रतिनिधियों के साथ, आईआरआईजीसी-टीईसी तंत्र के तहत नियमित रूप से होती हैं।

क्या आप जानते हैं?

भारत और रूस के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र में लंबे समय से सहयोग है। उनकी अंतरिक्ष एजेंसियों, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रोस्कोस्मोस ने एक साथ काम करने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें भारत का  पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन, गगनयान भी शामिल है। इस साझेदारी के हिस्से के रूप में, भारतीय अंतरिक्ष यात्री पहले ही रोस्कोस्मोस के तहत रूस में अपना प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं।

 

शिक्षा:

शिक्षा के क्षेत्र में भारत और रूस के बीच सहयोग बहुआयामी और दीर्घकालिक प्रकृति का है। इस सहयोग के सबसे स्पष्ट पहलुओं में एक - चिकित्सा, इंजीनियरिंग, अर्थशास्त्र, विज्ञान और अन्य विषयों के पाठ्यक्रमों के लिए रूस के संस्थानों में लगभग 20,000 भारतीय छात्रों की उपस्थिति है। रूस में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों में मेडिकल छात्रों का सबसे बड़ा समूह है। इसके अतिरिक्‍त, हिंदी, संस्कृत और पाली जैसी भारतीय भाषाओं के अलावा कई रूसी विश्वविद्यालयों में इंडोलॉजी पढ़ाई जाती है। स्कूल स्तर पर भारत का अटल इनोवेशन मिशन और एसआईआरआईयूएस सेंटर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति पुतिन द्वारा परिकल्पित एक पहल के हिस्से के रूप में मिलकर काम करते हैं। विश्वविद्यालयों/संस्थानों के बीच उच्च शिक्षा में सहयोग के संदर्भ में, निम्नलिखित मुख्य तंत्र सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं -  दोनों सरकारों के बीच शैक्षिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (ईईपी), भारत और रूस के उच्च शिक्षा संस्थानों का नेटवर्क (जिसे आरआईएन के रूप में जाना जाता है), शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने की योजना (एसपीएआरसी), और अकादमिक नेटवर्क की वैश्विक पहल (जीआईएएन) कार्यक्रम।

रूस आईटीईसी छात्रवृत्ति के लिए एक सक्रिय भागीदार देश रहा है। 2024-25 में लगभग 17 रूसी नागरिकों ने आईटीईसी में भाग लिया, जबकि 2023-24 में, लगभग 23 रूसी नागरिकों ने आईटीईसी छात्रवृत्ति ली। जबकि कोविड-पूर्व वर्षों के दौरान यह संख्या 100 से अधिक थी। 19 सितंबर को, दूतावास ने आईटीईसी दिवस 2025 मनाया।

भारत-रूस सांस्कृतिक संबंध

भारत और रूस के बीच गहरे और सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध हैं, जो भारत की स्वतंत्रता से पहले के हैं। ये रूस के व्यापारी अफानासी निकितिन की 15वीं शताब्दी की यात्राओं, अस्त्रखान में बसने वाले व्यापारियों और गेरासिम लेबेदेव द्वारा कोलकाता में एक रूसी थिएटर की स्थापना से जुड़े हैं। प्रमुख रूसी विद्वानों और कलाकारों जैसे निकोलस रोरिक रूसियों की पीढ़ियां प्रतिष्ठित भारतीय फिल्में देखते हुए बड़ी हुई हैं और 1980 के दशक के बाद से योग ने विशेष रूप से प्रमुख शहरों में अत्यधिक लोकप्रियता अर्जित की है।

क्या आप जानते हैं?

2019 में, रूस के राष्ट्रपति श्री पुतिन ने भारत और रूस के बीच विशेष मित्रता को सुदृढ़ करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ द होली एपोस्टल एंड्रयू द फर्स्ट से सम्मानित किया।

दोनों दिशाओं में पर्यटकों के प्रवाह में उल्लेखनीय वृद्धि और वीजा व्यवस्थाओं को सुगम बनाने के लिए जारी प्रयासों के साथ लोगों के बीच परस्पर संपर्क सुदृढ़ हो रहे हैं। मॉस्को में 1989 में स्थापित जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केंद्र, कथक, योग, तबला और हिंदुस्तानी गायन संगीत में नियमित कक्षाओं के साथ-साथ रूसी विश्वविद्यालयों और सांस्कृतिक संगठनों के साथ सहयोग के माध्यम से रूस में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक संस्थान के रूप में कार्य करता है। कई रूसी विश्वविद्यालय और संस्थान भारतीय भाषाएं पढ़ाते हैं। सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम और आईसीसीआर-रूसी संस्कृति मंत्रालय प्रोटोकॉल (नियमित रूप से नवीनीकृत) के तहत, भारतीय सांस्कृतिक दल लगभग प्रति वर्ष रूस का दौरा करते हैं; 2023 में पांच समूहों ने कई क्षेत्रों में प्रदर्शन किया, जिसमें भारत की योद्धा महिलाओं, भरतनाट्यम, ओडिसी और राजस्थानी लोक नृत्य का प्रदर्शन किया गया। आईसीसीआर भारत में मानविकी, विज्ञान, आयुर्वेद, नृत्य और संगीत में उच्च अध्ययन करने के लिए रूसी नागरिकों के लिए चार समर्पित छात्रवृत्ति योजनाएं भी प्रदान करता है।

क्या आप जानते हैं?

रूस की संस्कृति मंत्री सुश्री ओल्गा ल्यूबिमोवा ने मई 2025 में मुंबई में विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन 2025 (वेव्स 2025) के लिए भारत का दौरा किया तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव के साथ सिनेमैटोग्राफी में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की।[28]

द्वितीय भारतीय फिल्म महोत्सव 04-15 अक्टूबर 2025 तक पांच रूसी शहरों: मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग, कज़ान, याकुत्स्क और व्लादिवोस्तोक में आयोजित किया गया था। मॉस्को शहर के मध्य क्षेत्र में पहली बार 5-13 जुलाई 2025 तक 9 दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव 'भारत उत्सव-भारत महोत्सव' आयोजित किया गया। भारत के 100 अधिक कलाकारों और शिल्पकारों के 120 से अधिक कार्यक्रमों के साथ यह उत्सव 8,50,000 मॉस्‍कोवासियों की उपस्थिति को देखते हुए एक बड़ी सफलता थी। ग्यारहवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (2025) रूस के 60 से अधिक क्षेत्रों में मनाया गया। मॉस्को के वीडीएनकेएच परिसर (21 जून) में 1000 से अधिक लोगों ने आयुर्वेद और ध्यान पर योग प्रदर्शन और मास्टर कक्षाओं में भाग लिया।

 

भारत 3-7 सितंबर 2025 के दौरान मॉस्को अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में 2025 के लिए सम्मानित अतिथि देश था। 11 अक्टूबर को, भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष प्रदर्शनी के लिए एलिस्टा, काल्मिकिया गणराज्य पहुंचे। अवशेषों के साथ उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य भी रूस गए और उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा भी भारत वापस आए।

अंतर्राष्ट्रीय/बहुपक्षीय संगठन और कनेक्टिविटी परियोजनाएं

भारत और रूस संयुक्त राष्ट्र, जी20, ब्रिक्स और एससीओ जैसे कई बहुपक्षीय मंचों पर घनिष्ठरूप से सहयोग करते हैं। 2023 में भारत की जी20 और एससीओ की अध्यक्षता और 2024 में रूस की ब्रिक्स अध्यक्षता के दौरान नियमित आदान-प्रदान तथा आपसी समर्थन के माध्यम से इस सहयोग को और सुदृढ़ किया गया है। रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी के लिए लगातार समर्थन व्यक्त किया है। भारत 2026 में ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा, यह अपनी प्रक्रियाओं के संस्थागतकरण के माध्यम से ब्रिक्स में सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए काम करेगा।

 

निष्‍कर्ष

पिछले 78 वर्षों में द्विपक्षीय संबंध मजबूत और स्थिर बने रहे हैं। भारत-रूस साझेदारी समकालीन युग में सबसे स्थिर रही है, जिसमें बहुध्रुवीय विश्‍व के लिए साझा प्रतिबद्धता के साथ-साथ पारंपरिक सैन्य, परमाणु और अंतरिक्ष सहयोग से परे सहयोग का विस्तार करना है। पिछले दो वर्षों में, द्विपक्षीय व्यापार में अत्‍यधिक विस्तार हुआ है। भारत से निर्यात बढ़ाने के साथ-साथ सहयोग के नए मॉडल विकसित करने के तरीकों पर भी चर्चा हो रही है। दोनों देश विशेष रूप से रूसी सुदूर पूर्व के साथ अंतर-क्षेत्रीय सहयोग को सुदृढ़ करने और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे, चेन्नई-व्लादिवोस्तोक पूर्वी समुद्री गलियारे और उत्तरी समुद्री मार्ग जैसी कनेक्टिविटी पहल को बढ़ावा देना चाहते हैं। पूर्व, उसके संसाधनों और प्रौद्योगिकी की ओर रूस के केन्‍द्र बिन्‍दु तथा आत्मनिर्भर भारत एवं मेक इन इंडिया जैसी भारत की अपनी प्रमुख पहलों के बीच एक व्‍यापक समन्‍वय है।

संदर्भ

विदेश मंत्रालय

पत्र सूचना कार्यालय

भारतीय दूतावास, मास्को

3. रक्षा एवं प्रौद्योगिकी

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पीके/केसी/एसकेजे/वाईबी


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