संस्‍कृति मंत्रालय
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एएसआई ने राष्ट्रीय महत्व के 3,685 प्राचीन स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों के संरक्षण और रखरखाव का कार्य शुरू किया


राष्ट्रीय संस्कृति कोष (एनसीएफ) का उद्देश्य विरासत स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के माध्यम से अतिरिक्त संसाधन जुटाना है

प्रविष्टि तिथि: 04 DEC 2025 4:21PM by PIB Delhi

1976 से अब तक विदेशों से कुल 655 पुरावशेष प्राप्त किए गए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) देश भर में राष्ट्रीय महत्व के 3,685 प्राचीन स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों के संरक्षण और रखरखाव का कार्य करता है, जिसमें पेयजल, शौचालय, रास्ते और भू निर्माण जैसी सुविधाओं का प्रावधान शामिल है। इन स्मारकों और स्थलों का रखरखाव एक सतत प्रक्रिया है और इसे आवश्यकता और संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार किया जाता है।

2007 में स्थापित राष्ट्रीय स्मारक एवं पुरावशेष मिशन ने 11,406 निर्मित धरोहरों एवं स्थलों, तथा 12,46,211 पुरावशेषों से संबंधित आँकड़े संकलित एवं प्रकाशित किए हैं। ये आँकड़े एनएमएमए की वेबसाइट www.nmma.nic.in पर प्रकाशित किए गए हैं।

सरकार ने 1996 में चैरिटेबल एंडोमेंट एक्ट, 1890 के तहत एक ट्रस्ट के रूप में राष्ट्रीय संस्कृति कोष (एनसीएफ) की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य विरासत स्थलों के संरक्षण और विकास तथा भारत की सांस्कृतिक विरासत के समग्र संवर्धन के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के माध्यम से अतिरिक्त संसाधन जुटाना था।

एनसीएफ में योगदान करते समय, कोई भी दाता/प्रायोजक किसी भी स्मारक के संरक्षण या उसके आसपास सुविधाओं के विकास हेतु किसी परियोजना का उल्लेख कर सकता है। संरक्षित स्मारकों का संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा किया जाता है और उसका रखरखाव भी वही करता है। सभी दाता एजेंसियाँ एनसीएफ और एएसआई द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करती हैं।

केन्द्रीय संरक्षित स्मारकों के लिए पीपीपी मोड के तहत एनसीएफ द्वारा अनुमोदित परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी एएसआई, दाता और एनसीएफ को शामिल करते हुए परियोजना कार्यान्वयन समिति द्वारा नियमित रूप से की जाती है।

केन्द्रीय संरक्षित स्मारकों के संरक्षण के लिए कॉर्पोरेट, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों या गैर-लाभकारी संगठनों सहित किसी भी निजी पार्टी को अनुमति देने के लिए कोई पायलट परियोजना शुरू नहीं की गई है।

यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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पीके/केसी/पीएस


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