शिक्षा मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

प्रयागराज में काशी तमिल संगमम् 4.0 के छात्र प्रतिनिधिमंडल का भव्य स्वागत; सभी ने गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र त्रिवेणी संगम पर अध्यात्म की डुबकी लगायी

प्रविष्टि तिथि: 04 DEC 2025 9:48PM by PIB Delhi

काशी तमिल संगमम् 4.0 के अंतर्गत आए कुल 200 छात्रों का समूह आज  काशी से प्रयागराज पहुंचा।  यह समूह प्रातः 8:10 बजे विशेष बसों के माध्यम से काशी से प्रयागराज के लिए प्रस्थान किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व ऐतिहासिक एकता को और अधिक सुदृढ़ करना है एवं “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को नई ऊर्जा प्रदान करना है। लगभग 12 बजे यह दल संगम तट पहुँचा, जहाँ पारंपरिक शैली में उनका शानदार स्वागत किया गया। स्वागतकर्ताओं में प्रमुख रूप से महापौर श्री उमेश चंद्र गणेश केशवानी, सिटी मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह, मंडलीय सूचना अधिकारी इंद्रमणि पाण्डेय, सह जिला विद्यालय निरीक्षक जितेंद्र प्रताप सिंह, नगर निगम के जोनल अधिकारी संजय ममगई, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सुदेश शर्मा, एसीपी झूसी विमल किशोर मिश्रा तथा उपनिरीक्षक नीरज मिश्रा उपस्थित रहे।


 

छात्रों के स्वागत के पश्चात उन्हें तमिल भाषा में प्रकाशित भागवत गीता की प्रति सम्मानपूर्वक प्रदान की गई, जिससे धार्मिक एवं सांस्कृतिक आदान–प्रदान की यह यात्रा और भी अर्थपूर्ण बन सकी। संगम तट पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में दक्षिण और उत्तर भारत की विविध कला शैलियों ने एक अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। करगम, कावड़ी, मरकलाअट्टम जैसी तमिल लोक कलाओं के साथ कजरी, भजन और कथक की प्रस्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। “कला के माध्यम से एकता” का यह दृश्य उपस्थित सभी लोगों के लिए यादगार बन गया।

काशी तमिल संगमम 4.0 का तीसरे दिन तमिलनाडु से आये छात्रों ने आज प्रयागराज में संगम से नौका भ्रमण किया। सभी ने
गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र त्रिवेणी संगम पर अध्यात्म की डुबकी लगायी। @EduMinOfIndia #KashiTamilSangamam #ekbharatshreshthabharat pic.twitter.com/qhHRkPYeAT

— PIB in Uttar Pradesh (@PibLucknow) December 4, 2025

 

सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद छात्रों को दो समूहों में विभाजित कर पवित्र संगम स्नान हेतु ले जाया गया। वहाँ छात्रों ने गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी संगम की दिव्यता को आत्मसात किया। आध्यात्मिक अनुभूति से ओत-प्रोत इस क्रम के बाद सभी को श्री बड़े हनुमान जी मंदिर के दर्शन कराने ले जाया गया, जहाँ उन्होंने श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की। इसके उपरांत छात्र दल स्वामीनारायण मंदिर पहुँचा, जहाँ सभी ने प्रसाद स्वरूप भोज ग्रहण किया। पूरे दिन छात्रों ने प्रयागराज की ऐतिहासिक समृद्धि, आस्था और विरासत का जीवंत अनुभव किया। यह अनुभव उनके लिए ज्ञान, संस्कृति और अध्यात्म का एक अनूठा मेल रहा।

महापौर श्री उमेश चंद्र गणेश केशवानी ने सभी अतिथियों का “वडक्कम” कहकर गर्मजोशी से अभिनंदन किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा —
“यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है कि आज दक्षिण भारत के लोग उत्तर भारत की साझी संस्कृति, परंपराओं और मान्यताओं का अनुभव स्वयं कर रहे हैं। गंगा, यमुना और सरस्वती का यह पावन संगम आज उत्तर और दक्षिण भारत के प्रेम, एकता और सम्मान का प्रतीक बन गया है। एक भारत, श्रेष्ठ भारत का यह संदेश आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।” कार्यक्रम पूर्ण होने के पश्चात काशी तमिल संगमम् 4.0 के छात्र प्रतिनिधिमंडल ने अयोध्या धाम के लिए प्रयागराज से प्रस्थान किया।

***

PK/BBT


(रिलीज़ आईडी: 2199132) आगंतुक पटल : 40