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संसद प्रश्न: परमाणु संयंत्रों की कार्यप्रणाली

प्रविष्टि तिथि: 04 DEC 2025 6:18PM by PIB Delhi

परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा की निगरानी के लिए एक बहु-स्तरीय सुरक्षा तंत्र मौज़ूद है, जिसमें न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के अंतर्गत सुरक्षा समीक्षा समितियाँ तथा नियामक प्राधिकरण (परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड – एईआरबी) की सुरक्षा समीक्षा समितियाँ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर सुरक्षा समीक्षा, ऑडिट तथा निरीक्षण का ढांचा भी लागू है।

सभी एनपीपी (न्यूक्लियर पावर प्लांट) को एईआरबी की आवश्यकताओं के अनुसार हर 10 वर्ष में एक व्यापक आवधिक सुरक्षा समीक्षा (पीएसआर) से गुजरना आवश्यक है। पीएसआर के दौरान संयंत्र की सुरक्षा का मूल्यांकन पुराने होने के संचयी प्रभाव, संयंत्र संशोधनों, संचालन अनुभव के साथ-साथ वर्तमान सुरक्षा मानकों/पद्धतियों की तुलना को ध्यान में रखते हुए किया जाता है और आवश्यक उन्‍नयन की पहचान की जाती है। रिएक्टरों के संचालन के लिए लाइसेंस को पीएसआर की विस्तृत समीक्षा और एईआरबी की स्वीकृति के बाद आगे के संचालन हेतु रीन्‍यू किया जाता है। इन समीक्षाओं और संचालन अनुभव से प्राप्त फीडबैक के आधार पर आवश्यक उन्‍नयन किए जाते हैं और सुरक्षा के संदर्भ में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का रख-रखाव अत्याधुनिक स्तर पर किया जाता है।

वर्तमान में 6600 मेगावॉट की कुल क्षमता वाले आठ परमाणु रिएक्टर (जिसमें भाविनि के 500 मेगावॉट पीएफबीआर शामिल है) निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। इसके अतिरिक्त, 700 मेगावॉट क्षमता वाले दस रिएक्टर पूर्व-परियोजना गतिविधियों के अंतर्गत हैं।

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पीके/केसी/पीके


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