युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने घुड़सवारी में पदक जीत कर इतिहास रचने वाले विजेताओं को सम्मानित किया; बताया कि भारत का नया खेल पारिस्थितिकी तंत्र कई स्पर्धाओं में पहली बार पदक जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है
प्रविष्टि तिथि:
05 DEC 2025 2:25PM by PIB Delhi
केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को एफईआई एशियाई घुड़सवारी चैंपियनशिप 2025 में इवेंटिंग और ड्रेसेज में ऐतिहासिक प्रदर्शन कर पदक जीतने वाली भारतीय टीमों को सम्मानित किया। छह सदस्यीय भारतीय टीम महाद्वीपीय चैंपियनशिप में ऐतिहासिक प्रदर्शन कर पटाया से टीम और व्यक्तिगत स्पर्धाओं में पांच पदक जीतकर लौटी है।
इनमें आशीष लिमये ने इवेंटिंग व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण और टीम स्पर्धा में रजत सहित दो पदक जीते हैं जबकि श्रुति वोरा ने दो व्यक्तिगत और ड्रेसेज टीम स्पर्धा में एक पदक सहित तीन रजत पदक हासिल किए हैं। टीम के अन्य सदस्यों में घुड़सवारी की इवेंटिंग स्पर्धा में शशांक सिंह कटारिया और शशांक कनमुरी और ड्रेसेज स्पर्धा में दिव्यकृति सिंह और गौरव पुंडीर शामिल रहे।
आज इन एथलीटों को सम्मानित करते हुए, डॉ. मांडविया ने घुड़सवारी में भारतीय खिलाडि़यों के बेहतर होते प्रदर्शन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत उन खेलों में भी अब अच्छा प्रदर्शन कर रहा है जिनमें पहले हमारी वैश्विक उपस्थिति ना के बराबर थी। भारतीय एथलीटों की सराहना करते हुए डॉ.मांडविया ने कहा भारतीय घुड़सवारों ने ऐसा खेल अपनाया है जिसके लिए भारत में बेहद सीमित पारिस्थितिकी तंत्र है। लेकिन उन्होंने कहा कि अब भारत 10 साल पहले वाला नहीं रहा। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में खेल पारिस्थितिकी तंत्र में आए बदलावों को खिलाडि़यों ने जरूर महसूस किया होगा। उन्होंने खिलाडियों को आश्वस्त किया कि सरकार किसी भी एथलीट और उसके पदक के बीच आने वाली हर बाधा को दूर करेगी। डॉ. मांडविया ने कहा कि हम भारत में घुड़सवारी के अनुकूल खेल पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करेंगे, ताकि एथलीटों को प्रशिक्षण के लिए विदेश न जाना पड़े।
डॉ.मांडविया ने एक वर्ष के भीतर भारत में एक क्वारंटाइन केंद्र स्थापित करने की सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए घोड़ों को लाने ले जाने की लंबे समय से मांग की जा रही है।
प्रतियोगिता में तीन रजत पदक जीतने वाली श्रुति वोरा ने घुड़सवार एथलीटों की समस्याओं पर खेल मंत्री के त्वरित कदम पर आभार जताया। श्रुति ने कहा कि एथलीटों ने जब अपनी समस्याएं बताई, तो खेल मंत्री ने तुरंत घोड़ों के रोग-मुक्त क्षेत्र बनाने के बारे में कदम उठाने के निर्देश दिए है। खेल मंत्री ने कहा कि हमें एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता है, केवल कुछ एथलीटों को विदेश जाने की सुविधा की नहीं। डॉ. मांडविया ने कहा कि हमें पूरे घुड़सवार समुदाय को यह सुविधा देने की जरूरत है, ताकि वे भारत में प्रतिस्पर्धा कर सकें, क्षमता हासिल कर सकें और चयन मानदंडों के बाद, अपने घोड़ों को भारत से किसी भी अन्य देश में ले जा सकें। खेल मंत्री ने कहा कि एक बार यह व्यवस्था लागू हो जाए, तो एथलीटों को काफी सुगमता हो जाएगी।
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पीके/केसी/एकेवी/एसके
(रिलीज़ आईडी: 2199466)
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