भारी उद्योग मंत्रालय
आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ाना
प्रविष्टि तिथि:
05 DEC 2025 4:33PM by PIB Delhi
नीचे दी गई तालिका से पता चलता है कि भारी इंजीनियरिंग उपकरणों और कैपिटल गुड्स सेक्टर के अलग-अलग सब-सेक्टर का प्रोडक्शन डेटा वर्ष 2019-20 में 2,87,233 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 5,69,900 करोड़ रुपये हो गया है:
(रुपये करोड़ में)
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सब-सेक्टर
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डाइज, मोल्ड्स और प्रेस टूल्स
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प्लास्टिक प्रोसेसिंग मशीनरी
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(स्रोत: IMTMA, TAGMA, TMMA, IPAMA, iCEMA, PMMAI, AFTPAI, PPMAI और IEEMA जैसे उद्योग संघ)
“भारतीय कैपिटल गुड्स सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की स्कीम - फेज II” अखिल भारतीय मांग आधारित स्कीम है। इसके तहत देश के किसी भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से उद्योग साझेदार (रों) के साथ मिलकर परियोजना कार्यान्वयन संगठनों (PIOs) द्वारा परियोजना प्रस्तुत की जानी हैं।
इस स्कीम के तहत इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (iCAT), मानेसर द्वारा “वेब बेस्ड टेक्नोलॉजी इनोवेशन प्लेटफॉर्म यानी, उद्योग, अनुसंधान और शिक्षा के लिए ऑटोमोटिव सॉल्यूशन पोर्टल (ASPIRE)” के विकास के लिए सामान्य इंजीनियरिंग सुविधा केंद्र (CEFC) स्थापित किया गया है। इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य उद्योग के समक्ष प्रौद्योगिकी से जुड़ी समस्याओं की पहचान करने और व्यवस्थित तरीके से उनके लिए समाधान खोजने के लिए शिक्षाविदों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों और उद्योग को एक साथ लाना है। इसके अलावा, इस स्कीम के तहत पानीपत (टेक्सटाइल्स) और यमुनानगर (प्लाईवुड मशीनरी) से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।
यह जानकारी भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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पीके/केसी/पीके / डीए
(रिलीज़ आईडी: 2199582)
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