वस्त्र मंत्रालय
राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन
प्रविष्टि तिथि:
05 DEC 2025 5:58PM by PIB Delhi
देश में तकनीकी वस्त्रों के क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम) वर्ष 2020 में 1,480 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ शुरू किया गया था। एनटीटीएम के घटक-I के तहत, कार्बन फाइबर, एरामिड फाइबर, नायलॉन, कंपोजिट आदि जैसे विशेष फाइबर के साथ-साथ भू-वस्त्र, कृषि-वस्त्र, चिकित्सा-वस्त्र, स्मार्ट वस्त्र आदि तकनीकी वस्त्रों के विभिन्न खंडों में अनुसंधान और नवाचार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। एनटीटीएम के तहत कुल 168 परियोजनाओं को स्वीकृत किया गया है, जिनमें से 247 करोड़ रुपये की लागत वाली 79 अनुसंधान परियोजनाएं विशेष फाइबर, भू-वस्त्र, कृषि-वस्त्र और स्मार्ट वस्त्र के क्षेत्र में स्वीकृत की गई हैं। इन परियोजनाओं की व्यापक प्रकृति नीचे दी गई है।
एनटीटीएम के तहत स्वीकृत अनुसंधान परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य भारत में तकनीकी वस्त्रों के निर्माण के लिए एक इकोसिस्टम का निर्माण करना और आयात पर निर्भरता को कम करते हुए घरेलू बाजार के आकार में सुधार करना, साथ ही रोजगार सृजन करना है। मिशन अनुसंधान और नवाचार तथा मशीनरी के स्वदेशी विकास; उपयोगकर्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाना; तकनीकी वस्त्रों के भारत के निर्यात को बढ़ाना; और आवश्यक कौशल वाले मानव संसाधन बनाने पर केंद्रित है। इसके अतिरिक्त, देश में तकनीकी वस्त्रों के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए, “तकनीकी वस्त्रों में महत्वाकांक्षी नवोन्मेषकों के लिए अनुसंधान और उद्यमिता हेतु अनुदान (जीआरईएटी)” योजना को एनटीटीएम के तहत युवा उद्यमियों का समर्थन करने, मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने और उभरते तकनीकी वस्त्र क्षेत्रों में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया, जिससे नए आजीविका और आर्थिक अवसर पैदा होंगे। नवाचार के साथ-साथ, एनटीटीएम सभी 12 तकनीकी वस्त्र खंडों में संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से कौशल विकास और बाजार पहुंच को प्राथमिकता देता है, जो श्रमिकों, छात्रों, पेशेवरों और उद्योग जगत के नेताओं की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। मिशन सम्मेलनों, कार्यशालाओं, चिंतन शिविरों, वेबिनारों और आउटरीच गतिविधियों के माध्यम से उद्योग की भागीदारी को भी बढ़ावा देता है, जिससे एक कुशल कार्यबल का निर्माण होता है और देश भर में तकनीकी वस्त्रों को अपनाया जाता है।
राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन के तहत विशेष फाइबर, भू-वस्त्र, कृषि-वस्त्र और स्मार्ट वस्त्र के क्षेत्र में स्वीकृत आर एंड डी परियोजनाओं की व्यापक प्रकृति
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खंड
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परियोजनाओं की व्यापक प्रकृति
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विशेष फाइबर्स
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ये परियोजनाएं उन्नत फाइबर और कंपोजिट कार्बन, नैनोफाइबर, यूएचएमडब्ल्यूपीई, एरामिड, ग्लास और प्राकृतिक फाइबर विकसित करती हैं। परिणाम रक्षा, ऊर्जा भंडारण, स्वास्थ्य सेवा, स्मार्ट वस्त्र और टिकाऊ सामग्री में उच्च-प्रदर्शन अनुप्रयोगों को लक्षित करते हैं।
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भू-वस्त्र
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ये परियोजनाएं प्राकृतिक फाइबर, पुनर्नवीनीकरण सामग्री और उन्नत पॉलिमर का उपयोग करके नवीन भू-वस्त्र, जियोग्रिड और जियोकंपोजिट विकसित करने पर केंद्रित हैं जिनका उपयोग पेवमेंट, रेलवे, तटबंधों, जल निकासी, कटाव नियंत्रण और भूस्खलन शमन के लिए किया जाता है। ये टिकाऊ भूमि सुधार समाधान, प्रदर्शन-अवर्धित भू-सिंथेटिक प्रणालियों और विविध भू-तकनीकी स्थितियों के लिए बेहतर डिजाइन मॉडल पर जोर देते हैं।
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कृषि वस्त्र
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ये परियोजनाएं प्राकृतिक फाइबर और कृषि अवशेषों से टिकाऊ कृषि-वस्त्र विकसित करती हैं जिनका उपयोग फसल सुरक्षा, मल्चिंग, पैकेजिंग और बीज संरक्षण के लिए किया जाता है। इनमें स्मार्ट और ऊर्जा-संवेदनशील वस्त्र भी शामिल हैं जिनका उद्देश्य फसल उत्पादकता में सुधार करना और पर्यावरण के अनुकूल कृषि को बढ़ावा देना है।
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स्मार्ट वस्त्र
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ये परियोजनाएं उन्नत स्मार्ट वस्त्रों के विकास पर केंद्रित हैं, जिनमें फोटोनिक कपड़े, प्रवाहकीय फाइबर, पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक्स, पेरोव्स्काइट सौर-वस्त्र और एंटीना-एकीकृत सामग्री शामिल हैं। ये अंतरिक्ष अनुप्रयोगों, गामा-प्रोटेक्टिव कपड़ों, एंटी-काउंटरफिटिंग एजेंटों और अगली पीढ़ी के पीजोइलेक्ट्रिक/फ्लेक्सोइलेक्ट्रिक कपड़ों के लिए उच्च-प्रदर्शन कंपोजिट को भी कवर करते हैं।
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यह जानकारी वस्त्र राज्य मंत्री श्री पाबित्रा मार्गेरिटा ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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पीके/केसी/एसके
(रिलीज़ आईडी: 2199637)
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