भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय
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सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने अंतर्राष्‍ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एसएंडटी) से जुड़े क्षेत्रों के विशेषज्ञों का सम्‍मेलन आयोजित किया

प्रविष्टि तिथि: 05 DEC 2025 7:31PM by PIB Delhi

सरकार (जीओआई) के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (ओपीएसए) के कार्यालय ने 4-5 दिसम्‍बर 2025 को नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (डीएआईसी) में विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एसएंडटी) से जुड़े क्षेत्रों के विशेषज्ञों का पहला अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन (आईएसटीसीसी) – ‘एसऔरटी के ज़रिए ज़िंदगी को आसान बनाना’ आयोजित किया। सम्‍मेलन का उद्घाटन सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए), प्रो. अजय कुमार सूद ने किया। उनके साथ वैज्ञानिक सचिव, डॉ. परविंदर मैनी; ब्रिटेन (यूके) के मुख्‍य वैज्ञानिक सलाहकार, प्रो. सर जॉन एडमंड्स; और ओपीएसए के वैज्ञानिक ‘एफ’, डॉ. विशाल चौधरी भी शामिल हुए।

उद्घाटन सत्र ओपीएसए की वैज्ञानिक सचिव डॉ. परविंदर मैनी के स्‍वागत भाषण से शुरू हुआ, जिन्होंने क्लस्टर के कामकाज को निर्देशित करने वाले क्वाड्रपल हेलिक्स मॉडल के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत भर में आठ क्लस्टर अभी नवोन्‍मेष, स्थिरता और अनुसंधान के क्षेत्र में विज्ञान की बुनियादी खोजों को तेजी से व्‍यवहार में ला रहे हैं। इसके लिए वे एकेडेमिया, इंडस्ट्री, स्टार्टअप्स और सरकारी स्टेकहोल्डर्स को एक साथ ला रहे हैं ताकि क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान किया जा सके।

इसके बाद सरकार के पीएसए प्रो. अजय कुमार सूद ने मुख्‍य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने अलग-अलग भागीदारों के बीच साइलो को तोड़ने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए क्लस्टर मॉडल की तारीफ़ की। उन्होंने इस सम्‍मेलन को विचारों के आदान-प्रदान, स्केलेबल समाधान दिखाने और अंतर्राष्‍ट्रीय साझेदारी को मज़बूत करने के लिए एक वैश्विक प्लेटफॉर्म बताया।

दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक सहयोग के लंबे समय से चले आ रहे रिश्तों के बारे में बात करते हुए, प्रो. एडमंड्स ने वैक्सीन बनाने, बायोटेक, सॉफ्टवेयर और दूसरी चीज़ों में भारत की ताकत पर ज़ोर दिया, जिससे यह एक बहुमूल्‍य साझेदार बन गया। डॉ. विशाल ने हर क्लस्टर की खास कामयाबियों का ओवरव्यू पेश करके सम्‍मेलन की विषय वस्‍तु तय की।

इस खास कार्यक्रम में सरकार के सचिव, राजदूत, वरिष्‍ठ सरकारी अधिकारी, कूटनीतिज्ञ, भाग ले रहे देशों के दूतावास के अधिकारी, भारत और विदेश के नीति निर्माता, शिक्षाविद, उद्योगपति और इनोवेटर एक मंच पर आए ताकि साइंस और टेक्नोलॉजी में सहयोग को मज़बूत किया जा सके। सम्‍मेलन में 30 से ज़्यादा देशों ने हिस्सा लिया, जिसमें सभी आठ एसऔरटी क्लस्टर के सीईओ शामिल हुए। भारत में स्पेन के राजदूत जुआन एंटोनियो मार्च और भारत में नॉर्वे की एम्बेसडर मे-एलिन स्टेनर ने इस दौरान प्रतिभागियों को संबोधित किया।

उद्घाटन सत्र के दौरान, चार सार संग्रह जारी किए गए, जिनमें वॉटर टेक्नोलॉजी, एग्री-टेक, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और कलानुभाव के एरिया में किए गए काम को दस्‍तावेज के रुप में तैयार किया गया है। इसमें क्लस्टर्स में हुए नवोन्‍मेष और उनके समाज पर पड़ने वाले असर को भी दिखाया गया है। ओपीएसए की पत्रिकामैगज़ीन, विज्ञान धारा का नवीनतम संस्‍करण भी जारी किया गया, जिसकी विषय वस्‍तु “यूएवी में भारत की टेक्नोलॉजी सॉवरेनिटी को आगे बढ़ाना” थी।

इसके अलावा, पीएसए प्रो. सूद ने आईएसटीसीसी में प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, उनके साथ डॉ. मैनी और सेक्रेटरी (डीएआरई) और डीजी (आईसीएआर), डॉ. मांगी लाल जाट भी थे। 42-स्टॉल वाली इस प्रदर्शनी में एसऔरटी क्लस्टर्स द्वारा छह थीमैटिक एरिया - स्मार्ट एग्रीकल्चर, हेल्थकेयर, एनवायर्नमेंटल सस्टेनेबिलिटी, इंडस्ट्री ऑटोमेशन और स्टार्टअप्स, प्लास्टिक और ई-वेस्ट मैनेजमेंट, और लाइवलीहुड को मज़बूत बनाने वाली टेक्नोलॉजीज़ - में बनाए गए स्केलेबल, टेक्नोलॉजी-लेड सॉल्यूशंस दिखाए गए। प्रदर्शनी में इंटरनेशनल स्टेकहोल्डर्स और आरयूटीएजी के इनोवेशन भी दिखाए गए, जो भारत के बढ़ते इनोवेशन इकोसिस्टम को दिखाते हैं।

दो दिनों तक, सम्‍मेलन में छह थीमैटिक क्षेत्रों पर सत्र हुए। ग्लोबल एक्सपर्ट्स, पॉलिसीमेकर्स, क्लस्टर लीडर्स, इंडस्ट्री रिप्रेजेंटेटिव्स और इनोवेशन स्ट्रैटेजिस्ट्स के पैनल डिस्कशन के साथ-साथ ग्लोबल एसऔरटी लीडर्स के साथ क्लोज-डोर राउंडटेबल मीटिंग्स ने कोलेबोरेशन और पार्टनरशिप मॉडल्स पर चर्चा को आसान बनाया।

कॉन्फ्रेंस के आखिरी सत्र में क्लस्टर्स और इंटरनेशनल स्टेकहोल्डर्स के बीच 12 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए गए, और पीएसए प्रो. सूद और डॉ. मैनी की मौजूदगी में सीएचईएम अमेज, एक गेमिफाइड लर्निंग प्लेटफॉर्म की शुरूआत की गई। समझौता ज्ञापन स्‍वच्‍छ और नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण निरंतरता और सर्कुलर इकॉनमी समाधान, अत्‍याधुनिक टेक्नोलॉजी और उद्योग 4.0, कृषि और बायो-इनोवेशन, और हेल्थकेयर और लाइफ साइंसेज के डोमेन पर केन्द्रित थे।

समापन के दौरान, डॉ. मैनी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दो दिन की चर्चाओं में मंत्रालयों, राज्य विभागों और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी में क्लस्टर-आधारित इनोवेशन को बढ़ाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया।

कॉन्फ्रेंस खत्म करते हुए, पीएसए प्रो. सूद ने दोहराया कि कॉन्फ्रेंस ने दिखाया कि एसऔरटी क्लस्टर सिर्फ़ कॉन्सेप्ट से आगे बढ़ गए हैं और अब डिलीवरी के साधन हैं।

बातचीत में अनुसंधान को डिप्लॉयमेंट में बदलने और एसऔरटी के ज़रिए ज़िंदगी को आसान बनाने के राष्‍ट्रीय मिशन को आगे बढ़ाने के लिए एक साझा प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया गया। कॉन्फ्रेंस भारत के एसऔरटी क्लस्टर्स के लिए एक आगे के रोडमैप के साथ खत्म हुई, जिसमें अगले चरण के लिए प्राथमिकता बताई गईं, जहाँ क्लस्टर्स नेशनल टेक्नोलॉजी एक्सेलरेटर बनेंगे जो पानी, खेती, जलवायु लचीलापन और निरंतरता जैसे ज़रूरी क्षेत्र में समाधान में मदद करेंगे। अगला चरण जॉइंट चैलेंज कॉल्स, शेयर्ड प्लेटफॉर्म्स और रिसर्चर एक्सचेंज जैसे तरीकों से इंटरनेशनल कोलेबोरेशन को मज़बूत करने पर भी ध्‍यान केन्द्रित करेगा, साथ ही इनोवेशन को गवर्नेंस सिस्टम्स और पब्लिक प्रोग्राम्स में इंटीग्रेट करके बड़े पैमाने पर अपनाना पक्का करेगा।

एसऔरटी क्लस्टर्स इनिशिएटिव ओपीएसए का एक फ्लैगशिप प्रोग्राम है, जिसे प्रधानमंत्री की विज्ञान, टेक्नोलॉजी और नवोन्‍मेष सलाहकार परिषद (पीएम-एसटीआईएसी) ​​की सिफारिश पर बनाया गया था। अभी, देश भर में बेंगलुरु, भुवनेश्वर, दिल्ली, हैदराबाद, जोधपुर, उत्तरी क्षेत्र (जम्‍मू और कश्‍मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़), पुणे और विशाखापत्तनम में आठ क्लस्टर चल रहे हैं।

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पीके/केसी/केपी/एसएस  


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