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भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ), 2025


विज्ञान से समृद्धि: आत्मनिर्भर भारत के लिए

प्रविष्टि तिथि: 05 DEC 2025 12:55PM by PIB Delhi

प्रमुख बिंदु

  • आईआईएसएफ 2025 में भारत और विदेश से 40,000 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे।

  • इस आयोजन में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से जुड़े 150 से अधिक तकनीकी और विषयगत सत्र होंगे।

  • यह जैव प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और पारंपरिक ज्ञान एकीकरण सहित पाँच विषयगत क्षेत्रों पर केंद्रित होगा।

भूमिका

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अंतर्गत वर्ष 2015 में शुरू किया गया भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव, वैज्ञानिक सोच और विज्ञान में जनभागीदारी को प्रोत्साहन देने के लिए भारत के सबसे बड़े मंचों में से एक बन गया है। इसका उद्देश्य वैश्विक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अग्रणी रूप से भारत की बढ़ती स्थिति को उजागर करना, भारत की विज्ञान संस्कृति को सुदृढ़ करना, जनभागीदारी का विस्तार करना और अनुसंधान, नवाचार एवं प्रतिभा विकास में राष्ट्रीय लक्ष्यों का समर्थन करना है। आईआईएसएफ एक ऐसे मंच के रूप में कार्य करता है जो वैज्ञानिकों, नवप्रवर्तकों, शिक्षकों, विद्यार्थियों, उद्योग जगत के नेताओं, विज्ञान संचारकों और नीति निर्माताओं को बड़े पैमाने पर प्रदर्शनियों और जनसंपर्क गतिविधियों के माध्यम से सहयोग और नवाचारों के आदान-प्रदान के लिए एक साथ लाता है।


 

11वां भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2025: विषय और परिकल्पना

आईआईएसएफ का 11वां संस्करण 6 से 9 दिसंबर 2025 तक हरियाणा के पंचकूला में आयोजित किया जाएगा। इस प्रमुख आयोजन में प्रदर्शनियाँ, व्यावसायिक बैठकें, प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे जो प्रयोगशालाओं और समाज के बीच की खाई को पाटेंगे।

आईआईएसएफ का उद्देश्य पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान से जोड़ना है, जिससे भारत की स्वदेशी ज्ञान विरासत और समकालीन वैज्ञानिक अन्वेषण के बीच की कड़ी मजबूत होगी।

भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2025 का विषय - "विज्ञान से समृद्धि: आत्मनिर्भर भारत के लिए" एक आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत के लिए विज्ञान-आधारित विकास की भावना का उत्सव मनाना और उसे आगे बढ़ाना है। यह विज्ञान को राष्ट्रीय विकास के केंद्र में रखता है और आत्मनिर्भरता एवं आर्थिक विकास को मजबूत करने में वैज्ञानिक अनुप्रयोगों की भूमिका पर प्रकाश डालता है।

इसके अलावा, आईआईएसएफ 2025 पांच व्यापक विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगा:

  • उत्तर-पश्चिम भारत और हिमालयी क्षेत्र का विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पारिस्थितिकी;

  • समाज और शिक्षा के लिए विज्ञान;

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत;

  • जैव प्रौद्योगिकी और जैव-अर्थव्यवस्था; तथा

  • आधुनिक विज्ञान के साथ पारंपरिक ज्ञान का एकीकरण।

विज्ञान क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं, स्कूली बच्चों, युवा उद्यमियों और शुरुआती करियर वाले शोधकर्ताओं के लिए भी विशेष सत्रों की योजना बनाई गई है, जो महोत्सव के समावेशी चरित्र को और मजबूत करेंगे।


 

यह महोत्सव "नवाचार, आत्मनिर्भरता, वैश्विक भलाई के लिए भारत" के व्यापक दृष्टिकोण का अनुसरण करता है। यह राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का समर्थन करने और वैश्विक प्रगति में योगदान देने के लिए अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के उपयोग को प्रोत्साहन देता है। विषय और दृष्टिकोण दोनों मिलकर विज्ञान-आधारित समृद्धि पर बल देते हैं, उद्योग और समाज में ज्ञान के व्यावहारिक उपयोग को प्रोत्साहित करते हैं और राष्ट्रीय एवं वैश्विक लाभ के लिए नवाचार को आगे बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करते हैं।

कार्यक्रम और प्रमुख घटक

आईआईएसएफ 2025 में भारत और विदेश से 40,000 से ज़्यादा प्रतिभागियों के सम्मिलित होने की संभावना है। इस महोत्सव में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार और उद्योग जगत से जुड़े 150 से अधिक तकनीकी और विषयगत सत्र होंगे। इस आयोजन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (एजीआई), जैव-अर्थव्यवस्था, नए युग की प्रौद्योगिकी, क्वांटम प्रौद्योगिकी और जीन एडिटिंग जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर प्रकाश डाला जाएगा। इसमें विद्यार्थियों, युवाओं, महिला वैज्ञानिकों और सामुदायिक गतिविधियों के लिए सहयोग दिया जाएगा। इसमें हिमालय और क्षेत्रीय जलवायु विज्ञान पर सत्रों के साथ-साथ उपग्रहों, प्रक्षेपण प्रणालियों और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर भी चर्चा होगी। इन सत्रों में राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल होंगे और भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिदृश्य को आकार देने वाली प्रगति पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

भागीदारी अवलोकन

आईआईएसएफ 2025 को एक बहु-हितधारक मंच के रूप में डिज़ाइन किया गया है। यह निम्नलिखित को एक साथ लाएगा:

  • राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के वैज्ञानिक और शोधकर्ता

  • विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थी, शिक्षक और युवा नवोन्मेषक

  • स्टार्टअप, इनक्यूबेटर, उद्योग जगत के प्रतिनिधि और निवेशक

  • विज्ञान संचारक, लेखक और मीडिया पेशेवर

  • कम प्रतिनिधित्व वाले समूहों की महिला वैज्ञानिक और शोधकर्ता

  • केंद्र और राज्य सरकारों के नीति-निर्माता

इस आयोजन का व्यापक स्तर पर संस्थानों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान को मज़बूत बनाता है। यह भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पहलों में संरचित संवाद, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन, प्रदर्शनियों और विशेषज्ञों की भागीदारी को संभव बनाता है।

आईआईएसएफ 2025 में सम्मिलित संस्थान

इस वर्ष आईआईएसएफ 2025 का आयोजन पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) द्वारा किया जाएगा और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) पुणे द्वारा इसका समन्वय किया जाएगा। इसमें विषयगत क्षेत्रों को राष्ट्रीय विज्ञान प्राथमिकताओं के साथ संरेखित किया जाएगा और प्रमुख सरकारी एजेंसियों, अनुसंधान संस्थानों और शैक्षणिक भागीदारों की भागीदारी का समन्वय किया जाएगा।

भागीदार मंत्रालय

  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) प्रमुख विषयगत ट्रैकों का नेतृत्व करता है और क्वांटम प्रौद्योगिकियों, उन्नत सामग्रियों, एआई प्रणालियों और राष्ट्रीय गहन-प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों जैसी अग्रणी प्रौद्योगिकियों पर आधारित विशेषज्ञ सत्रों के लिए शोधकर्ताओं को उपलब्ध कराता है।

  • जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) राष्ट्रीय जैव-मिशनों और अनुसंधान सुविधाओं से सुझाव प्राप्त करता है और जीनोमिक्स, जैव-निर्माण, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों और औद्योगिक जैव प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्रों में वर्तमान कार्यों का प्रदर्शन करता है।

  • वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) अपनी प्रयोगशालाओं और क्षेत्र के विशेषज्ञों के माध्यम से इसमें भाग लेता है और एयरोस्पेस, स्वच्छ ऊर्जा, रसायन, सामग्री, सेंसर, पर्यावरणीय समाधान और अनुप्रयुक्त इंजीनियरिंग में प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करता है।

  • अंतरिक्ष विभाग उपग्रहों, प्रक्षेपण यानों और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर अग्रणी अनुसंधान एवं विकास का प्रदर्शन करता है।

  • परमाणु ऊर्जा विभाग विशेषज्ञ और वैज्ञानिक सामग्री प्रदान करता है और परमाणु विज्ञान, विकिरण प्रौद्योगिकियों, चिकित्सा समस्थानिकों, उन्नत उपकरणों और अनुसंधान अवसंरचना में चल रहे कार्यों का प्रदर्शन करता है।

  • विज्ञान भारती (विभा) एक जनसंपर्क भागीदार के रूप में कार्य करता है। यह जन सहभागिता, विद्यार्थी भागीदारी और विद्यालयों, महविद्यालयों तथा समुदाय-आधारित विज्ञान समूहों के साथ संबंधों को सुगम बनाता है।

आईआईएसएफ के पिछले संस्करण: मुख्य विशेषताएं

वर्ष 2015 में शुरू किया गया आईआईएसएफ, वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने और विज्ञान में जनभागीदारी बढ़ाने के लिए देश के सबसे बड़े मंचों में से एक बन गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में स्थापित आईआईएसएफ की परिकल्पना भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों के एक राष्ट्रीय उत्सव के रूप में की गई थी, जिसमें देश-विदेश के विद्यार्थी, नवप्रवर्तक, शिल्पकार, किसान, वैज्ञानिक और टेक्नोक्रेट सम्मिलित होते हैं।

आईआईएसएफ का उद्देश्य स्वदेशी की भावना से प्रेरित होकर, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोगों और वैज्ञानिक समुदाय को एक साथ लाना है ताकि वे सहयोग कर सकें, परस्पर संवाद कर सकें और भारत और मानवता की भलाई के लिए विज्ञान के आनंद का अनुभव कर सकें। पिछले कुछ वर्षों में, आईआईएसएफ ने नवोन्मेषी कार्यक्रमों के माध्यम से विकास किया है जो विज्ञान को रोजमर्रा के जीवन के विभिन्न पहलुओं से जोड़ते हैं।

यह महोत्सव अपनी स्थापना के बाद से, भारत के प्रमुख शहरों में आयोजित किया जा चुका है। वर्ष 2015 और 2016 में दिल्ली में, 2018 में कोलकाता में, 2019 में लखनऊ में, 2020 में चेन्नई में, 2021 में गोआ में, 2022 में भोपाल में, 2023 में फरीदाबाद में और 2024 में असम में यह महोत्सव आयोजित किया जा चुका है। कोविड-19 महामारी के दौरान, वैश्विक बाधाओं के बावजूद निरंतरता सुनिश्चित करते हुए, आईआईएसएफ का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया गया था।

पिछले कुछ वर्षों में, आईआईएसएफ में भारत और विदेशों से भागीदारी में लगातार वृद्धि हुई है और इसकी पहुँच और प्रभाव का लगातार विस्तार हुआ है। प्रत्येक संस्करण ने अपने मिशन को और मज़बूत किया है, यानी पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान से जोड़ना, भारत की स्वदेशी ज्ञान विरासत और समकालीन वैज्ञानिक अन्वेषण के बीच की कड़ी को मज़बूत करना।

भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव संस्करण

मुख्य विशेषताएं

आईआईएसएफ का 10वां संस्करण 30 नवंबर से 3 दिसंबर 2024 के बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी, असम में आयोजित किया गया था।

 

सीएसआईआर-एनआईआईएसटी, तिरुवनंतपुरम ने "भारत को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-संचालित वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलना" विषय पर एक नोडल एजेंसी के रूप में इस आयोजन का नेतृत्व किया। इस आयोजन में 35,000 आगंतुक, 7,000 प्रतिनिधि और 10,000 विद्यार्थी सम्मिलित हुए।

  • सीएसआईआर-एसईआरसी और मेसर्स मॉडर्न प्रीफैब सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली ने लेस्ड स्टील कंक्रीट कम्पोजिट (एलएससीसी) प्रणाली के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया।

  • सागरिका - पृथ्वी विज्ञान की कहानी; सीमाओं से परे विज्ञान; पूर्वोत्तर का विज्ञान ओडिसी, विज्ञानिका और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मीडिया कॉन्क्लेव जैसे नए आयोजनों का शुभारंभ हुआ।

  • अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की प्रगति को प्रदर्शित करते हुए चंद्रमा की 10 मीटर ऊँची 'वास्तविक सतह' प्रतिकृति का प्रदर्शन किया गया।

 

आईआईएसएफ का 9वां संस्करण 17-20 जनवरी 2024 के बीच हरियाणा के फरीदाबाद में आयोजित किया गया था।

 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने "अमृत काल में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, जन संपर्क" विषय पर एक नोडल एजेंसी के रूप में इस आयोजन का नेतृत्व किया। इसमें लगभग 1 लाख आगंतुकों के साथ-साथ 21 देशों और 35 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

  • फरीदाबाद में 50 एकड़ के साइंस सिटी की घोषणा की गई।

  • एक्सपो में सरकारी और निजी संगठनों के 100 से अधिक स्टॉल स्थापित किए गये।

आईआईएसएफ का आठवाँ संस्करण 21 से 24 जनवरी 2023 के बीच मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट), भोपाल, मध्य प्रदेश में आयोजित किया गया।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग के क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र ने "विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के साथ अमृत काल की ओर अग्रसर" विषय पर एक नोडल एजेंसी के रूप में इस आयोजन का नेतृत्व किया। इस आयोजन में देश भर से 2,500 स्कूली विद्यार्थी, 1,500 युवा वैज्ञानिक और शोधकर्ता, 600 स्टार्टअप और 8,000 से अधिक प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।

  • स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए स्मार्ट और ज्ञानवर्धक खिलौनों के साथ-साथ बायोटेक और एग्रीटेक स्टार्टअप्स को प्रदर्शित किया गया।

  • आर्टिज़न्स टेक्नोलॉजी विलेज, वोकल फॉर लोकल और विज्ञानिका (विज्ञान साहित्य महोत्सव) जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए।

  • एक प्रमुख विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी सहित 12 कार्यक्रम आयोजित किए गए

  • विज्ञान फिल्म महोत्सव में 25 देशों की 100 फिल्में दिखाई गईं

  • इंजीनियरिंग विद्यार्थियों द्वारा 300 मॉडल प्रदर्शित किए गए

  • गोआ के ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों को विज्ञान ग्राम महोत्सव के माध्यम से वैज्ञानिकों से बातचीत करने का अवसर मिला।

  • 200 पारंपरिक शिल्पकारों ने महोत्सव में भाग लिया और पारंपरिक विज्ञान को साझा किया।

  • 3 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, मॉडल रॉकेट किट बनाने, वर्षा जल संचयन किट बनाने और सबसे बड़े एकल-स्थल अंतरिक्ष-अन्वेषण पाठ के संचालन से संबंधित प्रदर्शन किए गए।

  • भारत और विदेशों में नौ क्षेत्रों में 41 कार्यक्रम आयोजित किए गए।

  • पाँच गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, जिनमें सबसे बड़ा विज्ञान महोत्सव और सूर्यघड़ी निर्माण, हाथ की स्वच्छता, सुरक्षात्मक मास्क लगाने और पोषण पाठ पर सामूहिक छात्र गतिविधियाँ शामिल हैं।

आईआईएसएफ का सातवाँ संस्करण 10 से 13 दिसंबर 2021 के बीच पणजी, गोवा (हाइब्रिड माध्यम) में आयोजित किया गया।

 

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान केंद्र ने एक नोडल एजेंसी के रूप में इस आयोजन का नेतृत्व किया। इस आयोजन का विषय था, "आज़ादी का अमृत महोत्सव, समृद्ध भारत के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में रचनात्मकता का उत्सव" इसमें 10,000 प्रतिनिधियों ने भौतिक रूप से और 20,000 प्रतिभागियों ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।

  • स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए स्मार्ट और ज्ञानवर्धक खिलौनों के साथ-साथ बायोटेक और एग्रीटेक स्टार्टअप्स को प्रदर्शित किया गया।

  • आर्टिज़न्स टेक्नोलॉजी विलेज, वोकल फॉर लोकल और विज्ञानिका (विज्ञान साहित्य महोत्सव) जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए।

  • एक प्रमुख विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी सहित 12 कार्यक्रम आयोजित किए गए

  • विज्ञान फिल्म महोत्सव में 25 देशों की 100 फिल्में दिखाई गईं

  • इंजीनियरिंग विद्यार्थियों द्वारा 300 मॉडल प्रदर्शित किए गए

  • गोआ के ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों को विज्ञान ग्राम महोत्सव के माध्यम से वैज्ञानिकों से बातचीत करने का अवसर मिला।

  • 200 पारंपरिक शिल्पकारों ने महोत्सव में भाग लिया और पारंपरिक विज्ञान को साझा किया।

  • मॉडल रॉकेट किट बनाने, वर्षा जल संचयन किट बनाने और सबसे बड़े एकल-स्थल अंतरिक्ष-अन्वेषण पाठ के संचालन से संबंधित 3 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स स्थापित किए गए।

  • भारत और विदेशों में नौ क्षेत्रों में 41 कार्यक्रम आयोजित किए गए।

  • पाँच गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, जिनमें सबसे बड़ा विज्ञान महोत्सव और सूर्यघड़ी निर्माण, हाथ की स्वच्छता, सुरक्षात्मक मास्क लगाने और पोषण पाठ पर सामूहिक छात्र गतिविधियाँ शामिल हैं।

आईआईएसएफ का छठा संस्करण 22-25 दिसंबर 2020 के बीच आयोजित किया गया (वर्चुअल प्लेटफ़ॉर्म)

 

राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं विकास अध्ययन संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएसटीएडीएस) ने "आत्मनिर्भर भारत और वैश्विक कल्याण के लिए विज्ञान" विषय पर एक नोडल एजेंसी के रूप में इस संस्करण का नेतृत्व किया, जिसमें 10,000 शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और विषय विशेषज्ञों ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।

  • स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए स्मार्ट और ज्ञानवर्धक खिलौनों के साथ-साथ बायोटेक और एग्रीटेक स्टार्टअप्स को प्रदर्शित किया गया।

  • आर्टिज़न्स टेक्नोलॉजी विलेज, वोकल फॉर लोकल और विज्ञानिका (विज्ञान साहित्य महोत्सव) जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए।

  • एक प्रमुख विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी सहित 12 कार्यक्रम आयोजित किए गए।

  • विज्ञान फिल्म महोत्सव में 25 देशों की 100 फिल्में दिखाई गईं

  • इंजीनियरिंग विद्यार्थियों द्वारा 300 मॉडल प्रदर्शित किए गए

  • गोआ के ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों  को विज्ञान ग्राम महोत्सव के माध्यम से वैज्ञानिकों से बातचीत करने का अवसर मिला।

  • 200 पारंपरिक शिल्पकारों ने महोत्सव में भाग लिया और पारंपरिक विज्ञान को साझा किया।

  • मॉडल रॉकेट किट बनाने, वर्षा जल संचयन किट बनाने और सबसे बड़े एकल-स्थल अंतरिक्ष-अन्वेषण पाठ के संचालन से संबंधित 3 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स स्थापित किए गए।

  • भारत और विदेशों में नौ क्षेत्रों में 41 कार्यक्रम आयोजित किए गए।

  • पाँच गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, जिनमें सबसे बड़ा विज्ञान महोत्सव और सूर्यघड़ी निर्माण, हाथ की स्वच्छता, सुरक्षात्मक मास्क लगाने और पोषण पाठ पर सामूहिक छात्र गतिविधियाँ शामिल हैं।

आईआईएसएफ का पाँचवाँ संस्करण 5 से 8 नवंबर 2019 के बीच विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर, कोलकाता में आयोजित किया गया।

 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने "राइज़न इंडिया - अनुसंधान, नवाचार और विज्ञान द्वारा राष्ट्र का सशक्तिकरण" विषय पर एक नोडल एजेंसी के रूप में इस आयोजन का नेतृत्व किया।

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े 28 विभिन्न कार्यक्रम/कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

  • महिला वैज्ञानिक एवं उद्यमी सम्मेलन में लगभग 700 महिला वैज्ञानिकों/उद्यमियों ने भाग लिया।

  • विज्ञानिका कार्यक्रम में नाटक, कविता, चर्चाओं और सीएसआईआर-निस्केयर, विज्ञान प्रसार और विज्ञान भारती द्वारा आयोजित एक विज्ञान पुस्तक मेले के माध्यम से विज्ञान संचार को प्रदर्शित किया गया।

 

आईआईएसएफ का चौथा संस्करण 5 से 8 अक्टूबर 2018 के बीच इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आयोजित किया गया।

राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान ने "परिवर्तन के लिए विज्ञान" विषय के अंतर्गत एक नोडल एजेंसी के रूप में इस आयोजन का नेतृत्व किया। इस आयोजन में 10 लाख से अधिक आगंतुकों और 22 विभिन्न कार्यक्रमों में 20,000 से अधिक पंजीकृत प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में संस्थागत उपलब्धियों, नवाचार प्रदर्शनों और वैज्ञानिक जनसंपर्क गतिविधियों को प्रदर्शित करने वाला एक प्रमुख विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी आयोजित की गई।

आईआईएसएफ का तीसरा संस्करण 13 से 16 अक्टूबर 2017 के बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास और अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई में आयोजित किया गया।

राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान ने "नए भारत के लिए विज्ञान" विषय के अंतर्गत एक नोडल एजेंसी के रूप में इस आयोजन का नेतृत्व किया। लगभग 5 लाख आगंतुकों और 7,000 से अधिक पंजीकृत प्रतिनिधियों ने 16 विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया।

आईआईएसएफ के तीसरे संस्करण में सबसे बड़े जीव विज्ञान पाठ का गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना। इस रिकॉर्ड तोड़ने वाले सत्र में कुल 1049 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

 

आईआईएसएफ का दूसरा संस्करण 7 से 11 दिसंबर 2016 के बीच सीएसआईआर-एनपीएल, नई दिल्ली में आयोजित किया गया।

सीएसआईआर ने "जनता के लिए विज्ञान" विषय पर एक नोडल एजेंसी के रूप में इस आयोजन का नेतृत्व किया। इस आयोजन में 5 लाख से अधिक आगंतुक, अनुसंधान एवं विकास तथा विज्ञान संगठनों के 10,000 से अधिक प्रतिनिधि सम्मिलित हुए और 300 से अधिक संस्थानों की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया।

एक अनूठा कार्यक्रम "छात्र विज्ञान ग्राम" शुरू किया गया; इसमें देश भर के 1900 से ज़्यादा ग्रामीण विद्यार्थियों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया। सभी प्रतिभागियों को प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत अपने-अपने गोद लिए गए गाँवों के माननीय सांसदों द्वारा नामित किया गया था।

आईआईएसएफ का पहला संस्करण 4-8 दिसंबर 2015 के बीच आईआईटी दिल्ली में आयोजित किया गया।

 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने "विज्ञान सोचें, विज्ञान जिएं" विषय पर एक नोडल एजेंसी के रूप में इस आयोजन का नेतृत्व किया, जिसमें देश भर से लगभग 10,000 प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।

7 दिसंबर 2015 को 2,000 विद्यार्थियों को शामिल करते हुए एक उत्प्रेरक-केंद्रित व्यावहारिक सत्र ने रिकॉर्ड तोड़ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अर्जित किया।

निष्कर्ष

आईआईएसएफ 2025, विज्ञान को भारत के विकास एजेंडे के केंद्र में रखने के एक दशक से चल रहे राष्ट्रीय प्रयास का एक हिस्सा है। यह महोत्सव वर्ष 2015 में अपनी शुरुआत के बाद से वैज्ञानिक आदान-प्रदान, नवाचार, जनसंपर्क और जन सहभागिता के एक प्रमुख मंच के रूप में विकसित हुआ है और प्रत्येक संस्करण में विविध कार्यक्रमों, व्यापक भागीदारी और ऐतिहासिक पहलों के माध्यम से लगातार अपने दायरे का विस्तार कर रहा है। वर्ष 2025 का महोत्सव, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ जोड़कर, मंत्रालयों, अनुसंधान संस्थानों, शिक्षा जगत, उद्योग और नागरिक समाज के बीच सहयोग को मज़बूत करके इस विरासत को आगे बढ़ाएगा। अग्रणी प्रौद्योगिकियों, क्षेत्रीय ज्ञान, पारंपरिक ज्ञान और समावेशी भागीदारी पर अपने विशेष ध्यान देने के साथ, आईआईएसएफ 2025, विज्ञान-आधारित प्रगति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है और देश के आत्मनिर्भर भारत के व्यापक दृष्टिकोण का समर्थन करता है।

संदर्भ

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय

आईआईएसएफ 2019

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (आरसीबी)

जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी)

साइंस इंडिया फेस्ट

विशेष सेवा एवं सुविधाएँ

आईआईएसएफ 2025

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पीके/केसी/एमकेएस/डीके


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