पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
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संसद प्रश्न: औद्योगिक क्षेत्रों के लिए ग्रीनबेल्ट मानकों में संशोधन

प्रविष्टि तिथि: 04 DEC 2025 4:23PM by PIB Delhi

प्रदूषण क्षमता के आधार पर हरित पट्टी की आवश्यकता को युक्तिसंगत बनाने के लिए, मंत्रालय ने दिनांक 29.10.2025 के कार्यालय ज्ञापन में निर्देश दिया है कि औद्योगिक संपदाओं/पार्कों और व्यक्तिगत उद्योगों के लिए हरित पट्टी/हरित आवरण विकसित करने के संशोधित मानदंडों का पालन दिनांक 27 अक्टूबर, 2020 के कार्यालय ज्ञापन के स्थान पर किया जा सकता है।

संशोधित मानदंड, अन्य बातों के साथ-साथ, यह अनिवार्य करता है कि औद्योगिक संपदाओं में औद्योगिक संपदा के कम से कम 10% क्षेत्र को सामान्य हरित क्षेत्र के रूप में नामित किया जाएगा और संपदा के भीतर लाल श्रेणी और नारंगी श्रेणी की औद्योगिक इकाइयां अपने परिसर के क्षेत्र के क्रमशः 15% और 10% क्षेत्र को हरित पट्टी/हरित आवरण के रूप में विकसित करेंगी।

इसके अलावा, औद्योगिक संपदाओं के बाहर व्यक्तिगत औद्योगिक इकाइयों के लिए लाल और नारंगी श्रेणी के उद्योगों को अपने संबंधित परिसर में 25% और 20% हरित पट्टी/हरित आवरण विकसित करना आवश्यक है, जिसमें 5% की कमी की जा सकती है यदि वे मुख्य रूप से वायु प्रदूषणकारी उद्योग नहीं हैं।

हरित और श्वेत उद्योगों के संबंध में, यह निर्देश दिया गया है कि हरित पट्टी/हरित आवरण का विकास वैकल्पिक है और इसकी कोई अनिवार्य आवश्यकता नहीं है, सिवाय उन हरित श्रेणी के उद्योगों के जिनका वायु प्रदूषण स्कोर ≥25 है, ऐसी स्थिति में ऐसे उद्योगों को अपने संबंधित परिसर में 10% हरित पट्टी/हरित आवरण विकसित करना होगा।

परियोजनाओं और गतिविधियों के लिए भूमि की आवश्यकता और हरित पट्टी की पर्यावरणीय आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता थी। साथ ही संशोधित ईआईए अधिसूचना 2006 के प्रावधानों के अनुसार जारी पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी के भाग के रूप में सामान्य और विशिष्ट शर्तों के तहत निर्धारित मौजूदा प्रदूषण नियंत्रण और उपशमन उपायों के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता थी, ताकि उपलब्ध भूमि का इष्टतम उपयोग किया जा सके।

अतएव, प्रदूषण क्षमता के आधार पर हरित पट्टी की आवश्यकता को युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया गया। हरित पट्टी/हरित आवरण का युक्तिसंगतकरण एक समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया, जो अन्य बातों के साथ-साथ, हरित पट्टी/हरित आवरण के विकास हेतु विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों की जाँच पर आधारित थी।

संशोधित हरित पट्टी/हरित आवरण मानदंडों का तर्क यह है कि उच्च प्रदूषण क्षमता वाले उद्योगों, जैसे लाल श्रेणी के उद्योगों और नारंगी श्रेणी के उद्योगों को औद्योगिक गतिविधियों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए हरित पट्टी का अधिक प्रतिशत विकसित करने की आवश्यकता है। संशोधित मानदंड एक विशेषज्ञ समिति द्वारा वैज्ञानिक परीक्षण के आधार पर विकसित किए गए हैं और हरित पट्टी/हरित आवरण की आवश्यकता निर्धारित करते समय प्रदूषण क्षमता को ध्यान में रखा गया है।

यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री, श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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पीके/ केसी/ जेएस


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