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केंद्रीय संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने राष्ट्रीय संचार अकादमी - वित्त में विशेष फाउंडेशन कोर्स 2025 के समापन समारोह में भाग लिया


डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने 15 अखिल भारतीय और केंद्रीय सिविल सेवाओं के अधिकारी प्रशिक्षुओं को अपने चुने हुए क्षेत्रों में विषय विशेषज्ञ बनने के लिए प्रोत्साहित किया

प्रविष्टि तिथि: 06 DEC 2025 5:31PM by PIB Delhi

केन्‍द्रीय संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्र शेखर पेम्मसानी 6 दिसंबर 2025 को राष्ट्रीय संचार अकादमी–वित्त (एनसीए-एफ) में आयोजित स्पेशल फाउंडेशन कोर्स 2025 के समापन समारोह में मुख्य अतिथि रहे। एनसीए-एफ दूरसंचार विभाग, भारत सरकार के अधीन एक सर्वोत्कृष्ट (5-स्टार) रेटेड केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान है।

डॉ. चंद्र शेखर पेम्मसानी ने समापन संबोधन में अधिकारी प्रशिक्षुओं को अपने चुने हुए क्षेत्रों में विषय-वस्तु विशेषज्ञ बनने का आह्वान किया और इस बात पर बल दिया कि दक्षता ही सार्वजनिक सेवा में विश्वसनीयता का आधार है। उन्होंने कहा कि धर्म के मार्ग पर दृढ़ रहने से अधिकारी भ्रष्टाचार को निश्चयपूर्वक अस्वीकार कर सकते हैं और अंततः विजय प्राप्त करते हैं। स्व-जागरूकता पर जोर देते हुए, उन्होंने आगाह किया कि अहंकार आपका शत्रु है और अधिकारी प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे अपने कार्यों के प्रभाव पर विचार करें। टीमवर्क के महत्व को रेखांकित करते हुए, उन्होंने अधिकारियों को यह संदेश दिया कि वे अपने से बेहतर लोगों से प्रतिस्पर्धा न करें, बल्कि उनके साथ मिलकर कार्य करें, क्योंकि सार्वजनिक संस्थान मजबूत प्रणालियों पर चलते हैं। उन्होंने अंत में अधिकारी प्रशिक्षुओं को यह स्मरण कराया कि भारत के 1.4 अरब नागरिकों की सेवा करने का अवसर लोक सेवा का सबसे बड़ा उपहार है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2024 के माध्यम से चयनित 15 अखिल भारतीय और केंद्रीय सिविल सेवाओं के 176 अधिकारी प्रशिक्षुओं (ओटी) के लिए लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए), मसूरी के सहयोग से 15 सितंबर से 5 दिसंबर 2025 तक विशेष फाउंडेशन कोर्स आयोजित किया गया। युवा सिविल सेवकों को भारत के प्रशासनिक, सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य से परिचित कराने और सेवाओं में एकता की भावना का निर्माण करने के लिए डिज़ाइन किए गए इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य अनुशासन, नैतिकता, व्यावसायिकता, सेवा भाव को विकसित करना, साथ ही नौकरशाही, शिक्षा जगत, नागरिक समाज के साथ-साथ चिकित्सकों और उद्योग विशेषज्ञों के प्रख्यात वक्ताओं के नेतृत्व में सत्रों के माध्यम से क्रॉस-सर्विस लर्निंग के लिए एक मंच प्रदान करना था। पाठ्यक्रम में कठोर शैक्षणिक निर्देश को अनुभवात्मक शिक्षा के साथ जोड़ा गया। उन्होंने पद्म पुरस्कार विजेताओं, खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार विजेताओं, अर्थशास्त्रियों, एक अंतरिक्ष यात्री और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों सहित प्रतिष्ठित हस्तियों के साथ बातचीत की, जिन्होंने अतिथि संकाय के रूप में कार्य किया और प्रतिभागियों को प्रेरित किया।

समापन समारोह में वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों की भी उपस्थिति रही, जिनमें एलबीएसएनएए के निदेशक श्री श्रीराम तरनीकांति, दूरसंचार विभाग की संचार लेखा महानियंत्रक सुश्री वंदना गुप्ता, एनसीए-एफ की महानिदेशक सुश्री माधवी दास, पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. कमल कपूर, पाठ्यक्रम समन्वयक श्री शैलेश बंसल और अन्य संकाय सदस्य तथा विभिन्न केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों और अन्य विभागों के विशिष्ट अतिथि शामिल हुए।

श्री तरणीकांति ने सभी सेवाओं को एकजुट करने वाले साझा उद्देश्य पर प्रकाश डाला और प्रशिक्षु अधिकारियों से अलगाव को दूर करने, तालमेल बनाने और सार्थक बदलाव के लिए स्थानीय प्रतिभा और जनभागीदारी का लाभ उठाने का आग्रह किया। अपने संबोधन में, एनसीए-एफ की महानिदेशक सुश्री माधवी दास ने आजीवन सीखने, विनम्रता और सिविल सेवकों पर अधिकार के बजाय ज़िम्मेदारी के रूप में भरोसा करने पर बल दिया। पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. कपूर ने पाठ्यक्रम अवलोकन प्रस्तुत किया और एसएफसी के अंतर्गत संचालित विभिन्न मॉड्यूल और गतिविधियों की रूपरेखा प्रस्तुत की।

इस अवसर पर, विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत मेधावी प्रशिक्षुओं को पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें सर्वश्रेष्ठ समग्र सदन, हिमालयन अध्ययन यात्रा में सर्वश्रेष्ठ सदन, ग्रामीण-शहरी विसर्जन कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ सदन, तथा व्यक्तिगत विशिष्टताएं जैसे सर्वश्रेष्ठ समग्र अधिकारी प्रशिक्षु, शैक्षणिक क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ, तथा खेलकूद में सर्वश्रेष्ठ आदि शामिल थे। उप महानिदेशक सुश्री प्रीति महतो द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव तथा राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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पीके/केसी/केएल/पीके


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