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जन औषधि केंद्रों (JAKs) पर दवाओं की नियमित आपूर्ति

प्रविष्टि तिथि: 05 DEC 2025 4:21PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि योजना के अंतर्गत उत्पादों में 2,110 दवाएं और 315 सर्जिकल, मेडिकल कंज्यूमेबल्स और डिवाइस शामिल हैं। ये सभी प्रमुख थेराप्यूटिक ग्रुप्स को कवर करते हैं, जैसे कार्डियोवस्कुलर, कैंसर रोधी, मधुमेह रोधी, एंटी-इन्फेक्टिव, एंटी-एलर्जिक और गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल दवाएं और न्यूट्रास्यूटिकल्स। लैब रिएजेंट और वैक्सीन को छोड़कर, राष्ट्रीय आवश्यक दवा सूची में शामिल लगभग सभी जेनेरिक दवाएं उत्पादों (प्रोडक्ट बास्केट) का हिस्सा हैं।

जन औषधि केंद्रों (JAKs) पर दवाओं की प्रभावी और नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

i. सितंबर 2024 से, JAKs द्वारा आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली 200 दवाओं का स्टॉक रखने को इंसेंटिव दिया गया है, जिसमें स्कीम प्रोडक्ट बास्केट में सबसे ज़्यादा बिकने वाली 100 दवाएं और बाज़ार में तेज़ी से बिकने वाली 100 दवाएं शामिल हैं। इसके तहत, JAK मालिक इन दवाओं के स्टॉक को बनाए रखने के आधार पर मासिक इंसेंटिव के लिए पात्र हैं।

ii. शुरू से आखिर तक सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम आपूर्ति शृंखला प्रणाली (एंड-टू-एंड इंफॉर्मेशन-टेक्नोलॉजी-इनेबल्ड सप्लाई चेन सिस्टम) मौजूद है जो मजबूत सप्लाई चेन सिस्टम को जोड़ता है। इसमें एक केंद्रीय भण्डारगृह, चार क्षेत्रीय  भण्डारगृह और देश भर में वितरकों का बढ़ता हुआ नेटवर्क शामिल है, जिनकी संख्या अभी 39 है।

iii. इसके अलावा, स्कीम लागू करने वाली एजेंसी फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ़ इंडिया (PMBI) आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, तेज़ी से बिकने वाले 400 उत्पादों की नियमित निगरानी करती है और इनकी मांग का अनुमान लगातार लगाया जाता है। साथ ही, ऑटोमेशन के ज़रिए खरीद प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए अनुमान विधि को डिजिटाइज़ करने के लिए कदम उठाए गए हैं।

परिणामस्वरूप जन औषधि केंद्रों से दवाओं की बिक्री वित्त वर्ष (FY) 2023-24 में कुल ₹1,470 करोड़ के अधिकतम खुदरा कीमत वैल्यू से बढ़कर ₹2,022.47 करोड़ हो गई है।

विशेषज्ञों, उपभोक्ताओं और डॉक्टरों सहित कोई भी व्यक्ति, जन औषधि केंद्रों के बारे में शिकायतें दर्ज कर सकता है। इसमें उनके माध्यम से उपलब्ध कराई गई दवाओं की गुणवत्ता के संबंध में भी शिकायत शामिल है, भारत सरकार के केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पोर्टल का उपयोग करके या complaints@janaushadhi.gov.in पर ईमेल करके या योजना हेल्पलाइन नंबर 1800 180 8080 पर कॉल करके शिकायत की जा सकती है। देश भर में लगभग 15 लाख उपभोक्ता रोजाना जनऔषधि खरीदते हैं, वित्त वर्ष 2024-25 में पूरे वर्ष के दौरान दर्ज की गई शिकायतों की संख्या 2,102 थी, जो 0.0004% से कम की शिकायत पंजीकरण दर में परिवर्तित होती है। 

जन औषधि केंद्रों में उपलब्ध दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से (ताकि मरीजों के स्वास्थ्य से समझौता न हो) निरंतर निरीक्षण, परीक्षण और मानकीकरण सुनिश्चित करने के लिए ठोस तंत्र लागू किए गए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

i. केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन की अच्छी  विनिर्माण परिपाटियों (GMP) से प्रमाणित संयंत्रों से आपूर्ति: केवल वे संयंत्र जो प्रत्यक्ष निरीक्षण के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) द्वारा WHO-GMP अनुरूप प्रमाणित हैं, आपूर्ति के लिए पात्र हैं।

ii. सभी दवा बैचों के 100% पूर्व परीक्षण के बाद ही वितरण: नमूने गुमनाम रूप से परीक्षण के लिए PMBI के गोदामों में आपूर्ति किए गए 100% बैचों से लिए जाते हैं और गुणवत्ता परीक्षण पास होने के बाद ही दवाओं को जन औषधि केंद्रों को आपूर्ति के लिए भेजा जाता है।

iii. केवल गुड लेबोरेटरी प्रैक्टिसेस (GLP) के अनुरूप प्रयोगशालाओं में परीक्षण:  सैंपल्स की टेस्टिंग सिर्फ़ उन्हीं लैब में होती है जो नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज़ (NABL) से मान्यता प्राप्त हैं और जिनकी समय-समय पर जांच होती है, और इसके अलावा PMBI द्वारा GLP अनुपालन के लिए भी उनका आकलन किया जाता है।

यह जानकारी रसायन और उर्वरक मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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