जनजातीय कार्य मंत्रालय
जनजातीय समुदायों के लिए कल्याणकारी योजनाएं
प्रविष्टि तिथि:
04 DEC 2025 5:45PM by PIB Delhi
सरकार महाराष्ट्र राज्य सहित देश में अनुसूचित जनजातियों के विकास और जनजातीय बहुल क्षेत्रों के विकास के लिए एक कार्यनीति के रूप में अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) को लागू कर रही है। जनजातीय कार्य मंत्रालय के अलावा, 41 मंत्रालय/विभाग अनुसूचित जनजातियों (अजजा) और गैर-अनुसूचित जनजाति आबादी के बीच विकासात्मक अंतर को पाटने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, सड़क, आवास, विद्युतीकरण, रोजगार सृजन, कौशल विकास आदि से संबंधित विभिन्न जनजातीय विकास परियोजनाओं के लिए डीएपीएसटी के तहत हर वर्ष अपने कुल योजना बजट का एक निश्चित प्रतिशत जनजातीय विकास के लिए आवंटित करने के लिए अधिदेशित हैं। अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए बाध्य मंत्रालयों/विभागों द्वारा आवंटित निधियों सहित योजनाएं केंद्रीय बजट दस्तावेज के व्यय प्रालेख (प्रोफाइल) का विवरण 10ख में लिंक https://www.indiabudget.gov.in/budget2024-25/doc/eb/stat10b.pdf में दी गई हैं।
राज्य सरकारों को भी राज्य में अनुसूचित जनजाति जनसंख्या (जनगणना 2011) के अनुपात में, कुल योजना आवंटन के संबंध में टीएसपी निधियां निर्धारित करनी होंगी। महाराष्ट्र राज्य सहित राज्यों/ संघ राज्यक्षेत्रों द्वारा अपने स्वयं की निधियों से टीएसपी के लिए आवंटन और व्यय के ब्यौरे https://statetsp.tribal.gov.in पर उपलब्ध हैं।
इसके अलावा, जनजातीय कार्य मंत्रालय देश में अनुसूचित जनजातियों (अजजा) के कल्याण और विकास के लिए कई योजनाएं/कार्यक्रम लागू कर रहा है। इन योजनाओं का विवरण अनुलग्नक I में दिया गया है।
अनुलग्नक I
श्री श्यामकुमार दौलत बर्वे द्वारा “जनजातीय समुदायों के लिए कल्याणकारी योजनाएं” के संबंध में दिनांक 04.12.2025 को पूछे जाने वाले लोक सभा अतारांकित प्रश्न संख्या 820 के भाग (क) और (ख) के उत्तर में
संदर्भित अनुलग्नक
देश में जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित की जा रही प्रमुख योजनाओं/कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण:
(i) धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीएजेजीयूए) : माननीय प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर, 2024 को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान में 17 संबंधित मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित 25 उपाय शामिल हैं और इसका उद्देश्य 5 वर्षों में 30 राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों के 549 जिलों और 2,911 ब्लॉकों में 5 करोड़ से अधिक जनजातियों को लाभान्वित करते हुए 63,843 गाँवों में अवसंरचनात्मक अंतरों को संतृप्त करना, स्वास्थ्य, शिक्षा, आंगनवाड़ी सुविधाओं तक पहुँच में सुधार करना और आजीविका के अवसर प्रदान करना है। इस अभियान का कुल बजटीय परिव्यय 79,156 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्सा: ₹56,333 करोड़ और राज्य हिस्सा: ₹22,823 करोड़) है।
(ii) प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन): सरकार ने 15 नवंबर 2023 को प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) शुरू किया है, जिसे जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। लगभग 24,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ मिशन का उद्देश्य 3 वर्षों में समयबद्ध तरीके से पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुँच, सड़क और दूरसंचार सम्पर्क, गैर-विद्युतीकृत घरों का विद्युतीकरण और स्थायी आजीविका के अवसर जैसी बुनियादी सुविधाओं से परिपूर्ण करना है।
(iii) प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम): जनजातीय कार्य मंत्रालय प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम) को क्रियान्वित कर रहा है, जिसे जनजातीय आजीविका को बढ़ावा देने के लिए दो मौजूदा योजनाओं अर्थात, “न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के माध्यम से लघु वन उपज (एमएफपी) के विपणन के लिए तंत्र और एमएफपी के लिए मूल्य श्रृंखला का विकास” और “जनजातीय उत्पादों/उपज के विकास और विपणन के लिए संस्थागत सहायता” के विलय के माध्यम से डिजाइन किया गया है।
इस योजना में चयनित लघु वनोपज (एमएफपी) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण और घोषणा करने की परिकल्पना की गई है। किसी विशेष लघु वनोपज (एमएफपी) वस्तु का प्रचलित बाजार मूल्य निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने की स्थिति में, पूर्व-निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद और विपणन कार्य निर्दिष्ट राज्य एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। साथ ही, सतत (टिकाऊ) संग्रहण, मूल्य संवर्धन, अवसंरचना विकास, लघु वनोपज (एमएफपी) के ज्ञान आधार का विस्तार और बाजार आसूचना विकास जैसे अन्य मध्यम और दीर्घकालिक मुद्दों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
(iv) एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस): जनजातीय बच्चों को उनके अपने परिवेश में नवोदय विद्यालय के समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए वर्ष 2018-19 में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) शुरू किया गया था। नई योजना के अंतर्गत, सरकार ने 440 ईएमआरएस स्थापित करने का निर्णय लिया है, 50% से अधिक अनुसूचित जनजाति की आबादी और कम से कम 20,000 जनजातीय व्यक्तियों (2011 की जनगणना के अनुसार) वाले प्रत्येक ब्लॉक में एक ईएमआरएस स्थापित करना होगा। शुरू में संविधान के अनुच्छेद 275(1) के अंतर्गत अनुदान के तहत 288 ईएमआरएस स्कूलों को वित्त पोषित किया गया था, जिन्हें नए मॉडल के अनुसार उन्नत किया जा रहा है। तदनुसार, मंत्रालय ने देश भर में लगभग 3.5 लाख अनुसूचित जनजाति के छात्रों को लाभान्वित करने के लिए कुल 728 ईएमआरएस स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
(v) संविधान के अनुच्छेद 275(1) के अंतर्गत अनुदान: संविधान के अनुच्छेद 275(1) के प्रावधान (परंतुक) के अंतर्गत, अनुसूचित क्षेत्रों में प्रशासन के स्तर को बढ़ाने और जनजातीय लोगों के कल्याण हेतु अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले राज्यों को अनुदान जारी किए जाते हैं। यह एक विशेष क्षेत्र कार्यक्रम है और राज्यों को 100% अनुदान प्रदान किया जाता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, आजीविका, पेयजल, स्वच्छता आदि के क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे की गतिविधियों में अंतर को पाटने के लिए अनुसूचित जनजाति जनसंख्या की महसूस की गई आवश्यकताओं के आधार पर राज्य सरकारों को निधियां जारी की जाती हैं।
(vi) अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान सहायता: अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान सहायता योजना के अंतर्गत, मंत्रालय आवासीय विद्यालयों, गैर-आवासीय विद्यालयों, छात्रावासों, सचल औषधालयों, दस या अधिक बिस्तरों वाले अस्पताल, आजीविका आदि को कवर करते हुए शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में परियोजनाओं को वित्तपोषित करता है।
(vii) अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति: यह योजना कक्षा IX-X में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए लागू है। सभी स्रोतों से माता-पिता की आय 2.50 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। दिवा छात्रों को 225/- रुपये प्रति माह और छात्रावास में रहने वालों को 525/- रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति वर्ष में 10 महीने की अवधि के लिए दी जाती है। छात्रवृत्ति राज्य सरकार/संघ राज्यक्षेत्र प्रशासन के माध्यम से संवितरित की जाती है। पूर्वोत्तर और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों जहाँ यह अनुपात 90:10 है को छोड़कर, सभी राज्यों के लिए केंद्र और राज्यों के बीच वित्तपोषण अनुपात 75:25 है। बिना विधायिका वाले संघ राज्यक्षेत्रों के लिए साझाकरण पैटर्न 100% केंद्रीय हिस्सा है।
(viii) अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति: इस योजना का उद्देश्य मैट्रिकोत्तर या उच्चतर माध्यमिक स्तर पर अध्ययन कर रहे अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को उनकी शिक्षा पूरी करने में सक्षम बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। सभी स्रोतों से माता-पिता की आय 2.50 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। शैक्षणिक संस्थानों द्वारा लिए जाने वाले अनिवार्य शुल्क की प्रतिपूर्ति संबंधित राज्य शुल्क निर्धारण समिति द्वारा निर्धारित सीमा के अधीन की जाती है और अध्ययन के पाठ्यक्रम के आधार पर 230 रुपये से 1200 रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति राशि का भुगतान किया जाता है। यह योजना राज्य सरकारों और संघ राज्यक्षेत्र के प्रशासनों द्वारा कार्यान्वित की जाती है। पूर्वोत्तर और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर पहाड़ी राज्यों/संघ राज्यक्षेत्र जहां यह 90:10 है को छोड़कर, सभी राज्यों के लिए केंद्र और राज्यों के बीच वित्तपोषण अनुपात 75:25 है। बिना विधायिका वाले संघ राज्यक्षेत्रों के लिए साझाकरण पैटर्न 100% केंद्रीय हिस्सा है।
(ix) अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए राष्ट्रीय समुद्रपारीय छात्रवृत्ति: यह योजना चयनित छात्रों को विदेश में स्नातकोत्तर, पीएचडी और पोस्ट-डॉक्टरल पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है। प्रतिवर्ष कुल बीस छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इनमें से, 17 छात्रवृत्तियां अजजा के लिए और 3 छात्रवृत्तियां विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) से संबंधित छात्रों के लिए है। सभी स्रोतों से माता-पिता की आय 6.00 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
(x) अनुसूचित जनजाति के छात्रों की उच्चत्तर शिक्षा के लिए राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति और छात्रवृत्ति:
(क) राष्ट्रीय छात्रवृत्ति- (शीर्ष श्रेणी) योजना [स्नातक स्तर]: इस योजना का उद्देश्य मेधावी अनुसूचित जनजाति के मेधावी छात्रों को मंत्रालय द्वारा चिन्हित देश भर के 265 उत्कृष्ट संस्थानों, जैसे आईआईटी, एम्स, आईआईएम, एनआईआईटी आदि में से किसी में भी निर्धारित पाठ्यक्रमों में अध्ययन हेतु प्रोत्साहित करना है। सभी स्रोतों से पारिवारिक आय 6.00 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। छात्रवृत्ति राशि में शिक्षण शुल्क, रहने का खर्च और पुस्तकों व कंप्यूटर के लिए भत्ते शामिल हैं।
(ख) अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति: भारत में एमफिल और पीएचडी की उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अनुसूचित जनजाति के छात्रों को प्रति वर्ष 750 अध्येतावृत्तियां प्रदान की जाती हैं। अध्येतावृत्ति यूजीसी के मानदंडों के अनुसार प्रदान की जाती है।
(xi) जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (टीआरआई) को सहायता: मंत्रालय इस योजना के माध्यम से राज्य सरकारों को जहां पहले से नए टीआरआई स्थापित नहीं हैं, वहां उनकी स्थापना करने के लिए और मौजूदा टीआरआई के कामकाज को सुदृढ करने हेतु अनुसंधान और दस्तावेजीकरण, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, समृद्ध जनजातीय विरासत को बढ़ावा देने आदि के प्रति अपनी मुख्य जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए सहायता प्रदान करता है। जनजातीय कला और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए, अनुसंधान और दस्तावेजीकरण, कला और कलाकृतियों के रखरखाव और संरक्षण, जनजातीय संग्रहालय की स्थापना, जनजातियों के लिए राज्य के अन्य हिस्सों में आदान-प्रदान यात्राओं, जनजातीय त्योहारों के आयोजन आदि के माध्यम से देश भर में जनजातीय संस्कृति और विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियां करने के लिए टीआरआई को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा शीर्ष समिति के अनुमोदन से आवश्यकता के आधार पर टीआरआई को 100% सहायता अनुदान वित्त पोषित है।
अनुलग्नक II
श्री श्यामकुमार दौलत बर्वे द्वारा “जनजातीय समुदायों के लिए कल्याणकारी योजनाएं” के संबंध में दिनांक 04.12.2025 को पूछे जाने वाले लोक सभा अतारांकित प्रश्न संख्या 820 के भाग (ग) के उत्तर में संदर्भित अनुलग्नक
पीएम-जनमन (एमपीसी)
|
क्र.सं.
|
ज़िला
|
स्वीकृत
|
पूर्ण
|
|
1
|
अहिल्यानगर
|
1
|
-
|
|
2
|
चंद्रपुर
|
2
|
2
|
|
3
|
गढ़चिरौली
|
25
|
7
|
|
4
|
नांदेड़
|
4
|
4
|
|
5
|
नाशिक
|
5
|
2
|
|
6
|
पालघर
|
30
|
22
|
|
7
|
रायगढ़
|
20
|
9
|
|
8
|
ठाणे
|
4
|
2
|
|
9
|
वर्धा
|
3
|
1
|
|
10
|
यवतमाल
|
27
|
13
|
|
कुल
|
121
|
62
|
पीएम-जनमन (आंगनबाड़ी केंद्र)
|
क्र.सं.
|
ज़िला
|
स्वीकृत आंगनवाड़ियां
|
|
1
|
गढ़चिरौली
|
25
|
|
2
|
नांदेड़
|
1
|
|
3
|
नाशिक
|
12
|
|
4
|
पालघर
|
15
|
|
5
|
पुणे
|
11
|
|
6
|
रायगढ़
|
63
|
|
7
|
रत्नागिरी
|
8
|
|
8
|
सतारा
|
2
|
|
9
|
ठाणे
|
22
|
|
10
|
यवतमाल
|
9
|
|
कुल
|
178
|
पीएम-जनमन (छात्रावास)
|
क्र.सं.
|
ज़िला
|
स्वीकृत छात्रावास
|
|
1
|
रायगढ़
|
6
|
|
2
|
यवतमाल
|
6
|
|
3
|
गढ़चिरौली
|
2
|
|
4
|
नाशिक
|
2
|
|
5
|
नांदेड़
|
1
|
|
6
|
वर्धा
|
8
|
|
कुल
|
25
|
|
शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, महाराष्ट्र में छात्रों की संख्या
|
|
|
एटीसी
|
पी ओ
|
ज़िला
|
ईएमआरएस का नाम
|
कुल
|
|
बालक
|
बालिका
|
कुल
|
|
1
|
नाशिक
|
नाशिक
|
नाशिक
|
पेठ रोड
|
196
|
185
|
381
|
|
2
|
नाशिक
|
नाशिक
|
पिंपरी सदरोद्दीन
|
195
|
203
|
398
|
|
3
|
नाशिक
|
नाशिक
|
टिटवे
|
162
|
161
|
323
|
|
4
|
नाशिक
|
कलवान
|
अजमेर सौंदाने
|
187
|
207
|
394
|
|
5
|
नाशिक
|
कलवान
|
चंकापुर
|
185
|
189
|
374
|
|
6
|
नाशिक
|
कलवान
|
शिंदे दीगर
|
164
|
176
|
340
|
|
7
|
नाशिक
|
नाशिक
|
देवगांव (पेठ)
|
100
|
113
|
213
|
|
8
|
नाशिक
|
नाशिक
|
बोरीपाड़ा
|
113
|
107
|
220
|
|
9
|
नाशिक
|
नंदुरबार
|
नंदुरबार
|
नंदुरबार
|
168
|
183
|
351
|
|
10
|
नाशिक
|
नंदुरबार
|
ढोंगसांगली
|
165
|
172
|
337
|
|
11
|
नाशिक
|
तलोडा
|
अक्कलकुवा
|
161
|
180
|
341
|
|
12
|
नाशिक
|
तलोदा
|
धडगांव
|
175
|
170
|
345
|
|
13
|
नाशिक
|
नंदुरबार
|
मोहिडा (शहादा)
|
111
|
100
|
211
|
|
14
|
नाशिक
|
तलोदा
|
तलोदा (खरवाड़)
|
113
|
110
|
223
|
|
15
|
नाशिक
|
राजूर
|
अहिल्या नगर
|
मावेशी
|
177
|
205
|
382
|
|
16
|
नाशिक
|
धुले
|
धुले
|
पिंपलनेर
|
182
|
196
|
378
|
|
17
|
नाशिक
|
धुले
|
भदाने
|
118
|
118
|
236
|
|
18
|
ठाणे
|
दहानु
|
पालघर
|
कंबलगांव
|
185
|
190
|
375
|
|
19
|
ठाणे
|
शहापुर
|
ठाणे
|
शेंडेगांव
|
179
|
167
|
346
|
|
20
|
ठाणे
|
दहानु
|
पालघर
|
सावणे
|
142
|
161
|
303
|
|
21
|
ठाणे
|
जावहार
|
पालघर
|
पलसुंडे (जावहार)
|
150
|
139
|
289
|
|
22
|
ठाणे
|
दहानु
|
पालघर
|
मोखाडा (करेगांव)
|
85
|
77
|
162
|
|
23
|
ठाणे
|
दहानु
|
पालघर
|
दहानू
|
142
|
132
|
274
|
|
24
|
ठाणे
|
धरनी
|
अमरावती
|
चिखलदरा
|
165
|
169
|
334
|
|
25
|
अमरावती
|
धरनी
|
धरनी
|
96
|
83
|
179
|
|
26
|
अमरावती
|
पंढरकवाड़
|
यवतमाल
|
बोटोनी
|
175
|
178
|
353
|
|
27
|
अमरावती
|
किनवट
|
नांदेड़
|
सहस्त्रकुंड
|
180
|
191
|
371
|
|
28
|
अमरावती
|
नागपुर
|
नागपुर
|
खैरीपरसोदा
|
195
|
193
|
388
|
|
29
|
नागपुर
|
देवरी
|
गोंदिया
|
बोरगांव बाजार
|
180
|
206
|
386
|
|
30
|
नागपुर
|
गढ़चिरौली
|
गडचिरोली
|
चामोर्शी
|
167
|
187
|
354
|
|
31
|
नागपुर
|
गढ़चिरौली
|
गेवर्धा
|
123
|
117
|
240
|
|
32
|
नागपुर
|
गढ़चिरौली
|
कोरची
|
136
|
133
|
269
|
|
33
|
नागपुर
|
भामरागढ़
|
भामरागढ़
|
78
|
78
|
156
|
|
34
|
नागपुर
|
गढ़चिरौली
|
एटापल्ली
|
88
|
62
|
150
|
|
35
|
नागपुर
|
गढ़चिरौली
|
धनोरा
|
77
|
61
|
138
|
|
36
|
नागपुर
|
अहेरी
|
अहेरी
|
201
|
202
|
403
|
|
37
|
नागपुर
|
चंद्रपुर
|
चंद्रपुर
|
देवड़ा
|
175
|
184
|
359
|
|
कुल
|
|
5591
|
5685
|
11276
|
|
मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (वित्त वर्ष 2025-2026)
|
|
|
ज़िला
|
छात्रों की संख्या
|
|
1
|
अहमदनगर
|
3,725
|
|
2
|
अकोला
|
431
|
|
3
|
अमरावती
|
2,105
|
|
4
|
बीड
|
511
|
|
5
|
भंडारा
|
1,212
|
|
6
|
बुलढाणा
|
351
|
|
7
|
चंद्रपुर
|
4,003
|
|
8
|
छत्रपति संभाजी नगर
|
2,487
|
|
9
|
धाराशिव
|
149
|
|
10
|
धुले
|
2,774
|
|
11
|
गढ़चिरौली
|
2,815
|
|
12
|
गोंडिया
|
1,729
|
|
13
|
हिंगोली
|
1,430
|
|
14
|
जलगांव
|
1,728
|
|
15
|
जालना
|
346
|
|
16
|
कोल्हापुर
|
127
|
|
17
|
लातूर
|
407
|
|
18
|
मुंबई शहर
|
170
|
|
19
|
मुंबई उपनगरी
|
158
|
|
20
|
नागपुर
|
4,276
|
|
21
|
नांदेड़
|
2,198
|
|
22
|
नंदुरबार
|
11,042
|
|
23
|
नाशिक
|
24,703
|
|
24
|
पालघर
|
4,961
|
|
25
|
परभणी
|
2,584
|
|
26
|
पुणे
|
4,031
|
|
27
|
रायगढ़
|
406
|
|
28
|
रत्नागिरी
|
67
|
|
29
|
सांगली
|
69
|
|
30
|
सतारा
|
136
|
|
31
|
सिंधुदुर्ग
|
56
|
|
32
|
सोलापुर
|
104
|
|
33
|
ठाणे
|
2,198
|
|
34
|
वर्धा
|
1,645
|
|
35
|
वाशिम
|
433
|
|
36
|
यवतमाल
|
2,524
|
|
कुल
|
88,091
|
अनुलग्नक III
श्री श्यामकुमार दौलत बर्वे द्वारा “जनजातीय समुदायों के लिए कल्याणकारी योजनाएं” के संबंध में दिनांक 04.12.2025 को पूछे जाने वाले लोक सभा अतारांकित प्रश्न संख्या 820 के भाग (घ) के उत्तर में संदर्भित अनुलग्नक
पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान मंत्रालय द्वारा इन स्कीम/कार्यक्रमों के अंतर्गत निधियों का ब्यौरा निम्नानुसार है:
अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति स्कीम के तहत जारी की गई निधियां
(करोड़ रुपये में)
|
क्र. सं.
|
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम
|
वित्तीय वर्ष 2020-21
|
वित्तीय वर्ष 2021-22
|
वित्तीय वर्ष 2022-23
|
वित्तीय वर्ष 2023-24
|
वित्तीय वर्ष 2024-25*
|
|
1
|
महाराष्ट्र
|
181.50
|
192.15
|
90.27
|
570.36
|
117.81
|
*अनंतिम
पीएम-जनमन के अंतर्गत पिछले दो वर्षों के दौरान जारी की गई निधियों का ब्यौरा
(करोड़ रुपये में)
|
क्र.स.
|
राज्य
|
वित्तीय वर्ष 2023-24
|
वित्तीय वर्ष 2024-25*
|
|
1
|
महाराष्ट्र
|
12.47
|
5.00
|
*अनंतिम
“पीवीटीजी का विकास” स्कीम के अंतर्गत पिछले पांच वर्षों के दौरान जारी की गई निधियों का ब्यौरा निम्नानुसार है:
(लाख रुपए में)
|
क्र. सं.
|
राज्य
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25*
|
|
1
|
महाराष्ट्र
|
1411.66
|
0
|
0
|
0
|
0
|
*अनंतिम
|
पिछले पांच वर्षों में एनएसटीएफडीसी द्वारा वितरित ऋण राशि
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
(लाख रुपये में)
|
|
क्र. सं.
|
राज्य
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25*
|
|
1
|
महाराष्ट्र
|
37.27
|
209.06
|
658.19
|
2523.52
|
567.76
|
पिछले पाँच वर्षों के दौरान टीएसएस/पीएमएएजीवाई को एससीए के अंतर्गत जारी की गई निधियां
(लाख रुपए में)
|
क्र.सं.
|
राज्य
|
टीएसएस को एससीए
|
पीएमएएजीवाई
|
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25*
|
|
जारी की गई निधियां
|
जारी की गई निधियां
|
जारी की गई निधियां
|
जारी की गई निधियां
|
जारी की गई निधियां
|
|
1
|
महाराष्ट्र
|
0.00
|
0.00
|
13485.50
|
0.00
|
0.00
|
*अनंतिम
|
संविधान के अनुच्छेद 275(1) के अंतर्गत जारी की गई निधियां दर्शाने वाला विवरण
|
|
|
(लाख रुपये में)
|
|
|
क्र.सं.
|
राज्य
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25*
|
|
|
|
|
कुल निर्मुक्ति
|
कुल निर्मुक्ति
|
कुल निर्मुक्ति
|
कुल निर्मुक्ति
|
कुल निर्मुक्ति
|
|
|
1
|
महाराष्ट्र
|
4573.16
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
|
*अनंतिम
|
वर्ष 2020-21 से 2024-25 के दौरान अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों को सहायता अनुदान स्कीम के अंतर्गत जारी की गई निधियों का ब्यौरा
(लाख रुपये में)
|
|
|
|
|
राज्य
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25*
|
|
|
महाराष्ट्र
|
402.57
|
673.98
|
1358.81
|
1047.53
|
1550.50
|
|
*अनंतिम
वर्ष 2020-21 से 2024-25 के दौरान ‘जनजातीय अनुसंधान संस्थानों को सहायता’ स्कीम के तहत जारी की गई निधियों का ब्यौरा
(लाख रुपए में)
|
क्रम संख्या
|
राज्य
|
जारी की गई निधियां
|
|
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25*
|
|
1
|
महाराष्ट्र
|
0.00
|
0
|
0.00
|
0.00
|
250.00
|
*अनंतिम
पिछले पांच वर्षों के दौरान ईएमआरएस के अंतर्गत जारी की गई निधियों का ब्यौरा
(लाख रुपये में)
|
क्र.सं.
|
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25*
|
|
1
|
महाराष्ट्र
|
2,787.16
|
4,393.74
|
12,919.16
|
8,525.91
|
26,849.30
|
*अनंतिम
*****
पीके/केसी/डीवी
(रिलीज़ आईडी: 2200108)
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