जल शक्ति मंत्रालय
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भूजल में फ्लोराइड संदूषण

प्रविष्टि तिथि: 04 DEC 2025 6:19PM by PIB Delhi

केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) द्वारा भूजल गुणवत्ता मॉनीटरिंग कार्यक्रम के एक भाग के रूप में क्षेत्रीय स्तर पर देश के भूजल गुणवत्ता संबंधी आंकड़ों का सृजन किया जाता है और अनुमोदित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययन किए जाते हैं। भूजल गुणवत्ता के आकड़ें समग्र रूप से यह दर्शाते है कि देश में भूजल समान्यतः पीने योग्य है तथा कुछ छिट-पुट पॉकेटों में संदूषकों की स्थानीयकृत उपस्थिति पाई गई है।

वार्षिक भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट 2025 के अनुसार, मध्य प्रदेश के कटनी जिले के मॉनीटर किए गए सभी 16 स्थानों पर फ्लोराइड की सांद्रता 1.5 एमजी/एल (आईएस 10500:2012) की बीआईएस अनुमत्य सीमा के भीतर है।

भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश सहित देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पर्याप्त मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता और नियमित दीर्घकालिक आधार पर संदूषण मुक्त पीने योग्य नल का जल उपलब्ध कराने के लिए राज्यों के साथ साझेदारी में देश भर में जल जीवन मिशन (जेजेएम) - हर घर जल योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है। जेजेएम डैशबोर्ड पर उपलब्ध सूचना के अनुसार, मध्य प्रदेश के कटनी जिले में कोई भी गुणवत्ता प्रभावित बस्तियां नहीं हैं क्योंकि इस जिले के अंतर्गत शामिल सभी बस्तियों के लिए सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था की जा चुकी है।

अनुमोदित एसओपी के अनुसार सीजीडब्ल्यूबी द्वारा किए गए भूजल गुणवत्ता मॉनीटरिंग के तहत पन्ना और खजुराहो (छतरपुर जिला) में फ्लोराइड, आर्सेनिक और नाइट्रेट संदूषण की जांच हेतु भूजल का आकलन किया गया है। अनुमत्य सीमा से अधिक वाले नमूनों की संख्या और प्रतिशत सहित भूजल संदूषण का जिला-वार विवरण अनुलग्नक में उपलब्ध है।

जल राज्य का विषय है। भूजल संदूषण को कम करने और नागरिकों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने का दायित्व मुख्यतः राज्य सरकारों का है। तथापि, केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों के प्रयासों का समर्थन करते हुए इन मुद्दों के समाधान के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इनमे से कुछ महत्वपूर्ण उपायों का विवरण निम्नलिखित है:-

  • जैसा कि उल्लिखित है, केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) द्वारा देश भर में नियमित रूप से भूजल गुणवत्ता की मॉनीटरिंग किया जाता है। मॉनीटरिंग दक्षता बढ़ाने के लिए हाल ही में भूजल गुणवत्ता मॉनीटरिंग के लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) अपनाई गई है जिसमें संवेदनशील क्षेत्रों में निरंतर और सघन नमूने की मॉनिटरिंग को शामिल किया गया है।
  • सीजीडब्ल्यूबी द्वारा सृजित भूजल गुणवत्ता आंकड़ों को हितधारकों द्वारा त्वरित कार्रवाई के लिए वार्षिक रिपोर्टों, अर्ध-वार्षिक बुलेटिनों और पाक्षिक चेतावनियों के माध्यम से नियमित रूप से प्रसारित किया जाता है।
  • सीजीडब्ल्यूबी के राष्ट्रीय जलभृत मैपिंग कार्यक्रम (नेक्यूम) के अंतर्गत अध्ययन करते समय भूजल गुणवत्ता के पहलू पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
  • भारत सरकार द्वारा जल जीवन मिशन (जेजेएम) योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है जो ग्रामीण जल आपूर्ति के क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन का द्योतक है। जल सुरक्षा जेजेएम के तहत प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है और बीआईएस: 10500 मानकों को नल के जल वितरण की गुणवत्ता के लिए निर्धारित मानदंडों के रूप में अपनाया गया है। इसके अतिरिक्त, दूषित पेयजल स्रोतों की शीघ्र पहचान के लिए देश भर में 2,180 से अधिक जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क संस्थापित किया गया है ताकि सुरक्षित विकल्प तुरंत प्रदान किए जा सकें। इसके अतिरिक्त, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को यह परामर्श दिया गया है कि वे अंतरिम उपाय के रूप में, विशेष रूप से गुणवत्ता प्रभावित रिहाइशों में सामुदायिक जल शोधन संयंत्र (सीडब्ल्यूपीपी) संस्थापित करें ताकि प्रत्येक घर में स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
  • कृत्रिम पुनर्भरण गतिविधियों के कार्यान्वयन से भूजल की गुणवत्ता में काफी हद तक सुधार किया जा सकता है, इसलिए जल शक्ति मंत्रालय और अन्य केंद्रीय मंत्रालय द्वारा इस दिशा में कई कार्यक्रमों का कार्यान्वयन किया जा रहा हैं, जैसे वार्षिक जल शक्ति अभियान, जल संचय जनभागीदारी (जेएसजेबी) पहल, अटल भूजल योजना, पीएमकेएसवाई और मनरेगा योजनाएं आदि।
  • भूजल प्रदूषण के स्रोत बिन्दु सतही जल स्रोतों के संदूषण से भी जुड़े हो सकते हैं, अतः देश में सीवेज शोधन संयंत्रों, बहिस्त्राव शोधन संयंत्रों और सीवेज नेटवर्क की बेहतर प्रणाली संस्थापित करने जैसे विभिन्न प्रयास किए गए हैं। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) के तहत, सरकार द्वारा देश के प्रमुख नदी क्षेत्रों की जल गुणवत्ता में सुधार हेतु कई मुख्य उपाय किए गए हैं।

यह सूचना जल शक्ति राज्यमंत्री श्री राज भूषण चौधरी द्वारा लोकसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में प्रदान की गई है।

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एनडी

अनुलग्नक

मध्य प्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों के भूजल नमूना विश्लेषण का विवरण

क्र.सं.

जिला

बुनियादी मापदंडों के लिए विश्लेषण किए गए नमूनों की संख्या

फ्लोराइड के लिए अनुमत्य सीमा से अधिक नमूनों की संख्या (एफ)

(> 1.5 एमजी /एल)

नाइट्रेट (एनओ3) के लिए अनुमत्य सीमा से अधिक नमूनों की संख्या

(> 45 एमजी /एल)

ट्रेस मापदंडों के लिए विश्लेषण किए गए नमूनों की संख्या

आर्सेनिक (एएस) के लिए अनुमत्य सीमा से अधिक नमूनों की संख्या

(>10 पीपीबी)

1

पन्ना

31

0 (0.0%)

4 (12.90%)

02

0 (0.0%)

2

छतरपुर

16

0 (0.0%)

1 (6.25%)

01

0 (0.0%)

*****

एनडी


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