जल शक्ति मंत्रालय
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थामिराबरानी नदी की पारिस्थितिकीय स्थिति का आकलन

प्रविष्टि तिथि: 04 DEC 2025 6:10PM by PIB Delhi

नदियों की सफाई और पुनरुद्धार एक सतत प्रक्रिया है। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों (यूटी)और स्थानीय निकायों की यह प्राथमिक ज़िम्मेदारी है कि वे नदियों, अन्य जल निकायों, तटीय जल या भूमि में छोड़े जाने से पहले निर्धारित मानदंडों के अनुसार सीवेज और औद्योगिक अपशिष्टों का उचित उपचार सुनिश्चित करें।

राष्ट्रीय जल निगरानी कार्यक्रम (एनडब्ल्यूएमपी) के माध्यम से 'जल गुणवत्ता की बहाली के लिए प्रदूषित नदी खंड' संबंधी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 और वर्ष 2023 में किए गए जल गुणवत्ता के आकलन के आधार पर अर्थात- थामिराबरानी नदी पर तिरुनेलवेली अनुप्रवाह साइड (डी/एस) से कल्लिदाई-कुरिची, तिरुनेवेली तक 5 अलग-अलग स्थानों/खंडों पर जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (बीओडी)का स्तर 4 मिलीग्राम/लीटर से 6.2 मिलीग्राम/लीटर के बीच पाया गया है, जिसके आधार पर नदी खंड को प्राथमिकता-IV श्रेणी में रखा गया है। सीपीसीबी से प्राप्त इनपुट के अनुसार,एसपीसीबी के माध्यम से वर्ष 2024 में तिरुनेलवेली जिले में 9 स्थानों से लिए गए नमूनों के आधार पर,बीओडी का स्तर 2.0 मिलीग्राम/लीटर से 3.1 मिलीग्राम/लीटर तक पाया गया है,जो बीओडी के स्तर में कमी को दर्शाता है,जिसका अर्थ है कि जल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) के अंतर्गत, थामिराबरानी नदी में प्रदूषण उपशमन  हेतु वर्ष 2001 से वर्ष 2007 के बीच तिरुनेलवेली में 54.93 करोड़ रुपए की लागत से 24.20 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) क्षमता वाला एक सीवेज उपचार संयंत्र (एसटीपी) स्थापित किया गया था। अटल भूजल योजना को थामिराबरानी नदी बेसिन में कार्यान्वित नहीं किया गया है। पिछले 5 वर्षों के दौरान,थामिराबरानी नदी बेसिन के अंतर्गत आने वाले जिलों में मनरेगा योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा कई भूजल पुनर्भरण कार्य किये गए हैं। जेजेएम के अंतर्गत निधियों का रखरखाव बेसिन-वार नहीं किया जाता है।

वार्षिक रन-ऑफ पैटर्न वर्षा पैटर्न और किसी विशेष क्षेत्र की जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करता है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, वर्ष 2014-15 से वर्ष 2024-25 की अवधि के लिए तमिलनाडु के मुरप्पानडु साइट पर थामिराबरानी नदी का वार्षिक औसत रन-ऑफ 22 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) है। तथापि, वास्तविक अपवाह का अधिकांश मान इसी औसत के आसपास रहता है।

तिरुनेलवेली नगर निगम ने सूचित किया है कि तमिलनाडु सरकार ने थामिराबरानी नदी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एसटीपी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जैविक उद्यान आदि की स्थापना के प्रस्ताव तैयार किए हैं और राज्य स्तर पर नदी पुनरुद्धार समिति के माध्यम से नदी पुनरुद्धार कार्यों की निगरानी भी की जाती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड/एसपीसीबी/प्रदूषण नियंत्रण समिति पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 और जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए नदी जल की गुणवत्ता और उद्योगों की निगरानी करती है। केंद्रीय जल आयोग थामिराबरानी नदी में तीन जलविज्ञान वेधशालाओं के माध्यम से नदी के जलविज्ञान संबंधी मापदंडों की निगरानी करता है।

यह सूचना केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी आर पाटिल द्वारा लोकसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में प्रदान की गई है।

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एनडी


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