पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
भूमिगत पाइपलाइनों के लिए मजबूत सुरक्षा उपाय
प्रविष्टि तिथि:
08 DEC 2025 3:49PM by PIB Delhi
तेल और गैस कंपनियों ने भूमिगत तेल और गैस पाइपलाइनों को अनधिकृत खुदाई से बचाने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं। इन उपायों में अन्य बातों के साथ-साथ तत्क्षण निगरानी के लिए पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (एससीएडीए) प्रणाली, नियमित सुरक्षा गश्त, रिसाव का पता लगाने वाली प्रणालियां (एलडीएस), जन जागरूकता अभियान, पाइपलाइन घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणालियां (पीआईडीएस), नकारात्मक दबाव तरंग रिसाव का पता लगाने वाली प्रणालियां, भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित पाइपलाइन मानचित्रण आदि शामिल हैं।
पेट्रोलियम एवं खनिज पाइपलाइन (पीएंडएमपी) अधिनियम, 1962 में पाइपलाइन उपयोगकर्ता अधिकार (आरओयू) क्षेत्रों में स्थायी संरचनाओं या वृक्षारोपण के निर्माण पर प्रतिबंध लगाने और पाइपलाइनों को नुकसान पहुंचाने पर कारावास सहित दंड का प्रावधान है। पीएम गति शक्ति कार्यक्रम के तहत, आसपास के क्षेत्र में किसी भी नई परियोजना की सूचना गति शक्ति पोर्टल का उपयोग करके उपयोगिता मालिकों को दी जाती है। इससे संभावित उल्लंघन की पहचान करने में मदद मिलती है। दूरसंचार विभाग ने सीबीयूडी (कॉल बिफोर यू डिग) नामक एक एप्लिकेशन विकसित की है और इसे तेल एवं गैस कंपनियां उत्खनन एजेंसियों और तेल एवं गैस कंपनियों के भौगोलिक क्षेत्रों (जीए) के बीच समन्वय को सुगम बनाने के लिए लागू कर रही हैं, ताकि दुर्घटनाओं और सीजीडी (शहरी गैस वितरण) अवसंरचना को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। पाइपलाइन के स्थानों की पहचान करने, पाइपलाइन की गहराई निर्धारित करने और क्रॉसिंग कार्य के लिए अनुमोदन प्राप्त करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) लागू हैं। इस प्रकार, तेल एवं गैस कंपनियां भूमिगत गैस और तेल पाइपलाइनों की सुरक्षा के लिए राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ मिलकर घनिष्ठ समन्वय बनाए रखती हैं।
यह जानकारी पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री सुरेश गोपी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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पीके/केसी/एके/एम
(रिलीज़ आईडी: 2200493)
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