शिक्षा मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

काशी तमिल संगमम्-4.0 का 7वाँ दिन; सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न प्रस्तुतियों से दर्शकों में दिखा उत्साह

प्रविष्टि तिथि: 08 DEC 2025 5:50PM by PIB Delhi

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज एवं दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, तंजावूर, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित काशी तमिल संगमम 4.0 के सातवें दिन नमो घाट स्थित मुक्ताकाशी प्रांगण में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ, जिसमें तमिलनाडु एवं काशी के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं।

नमो घाट पर आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शकों ने भाग लिया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देखकर वे भाव-विभोर हो उठे। जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ता गया, दर्शकों का उत्साह भी चरम पर पहुँचता गया। ठंड के बावजूद उपस्थित लोग कार्यक्रम का आनंद लेते रहे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति डॉ. विजय कपूर एवं दल, वाराणसी द्वारा लोक गायन की रही। लोक शैली में कई भजनों की प्रस्तुति की गई, जिनमें प्रमुख थे— धर्म अपना सनातन है…, हे शंभु तुम्हारी इच्छा पर…, उठते ही सुबह खुद से कुछ बात कीजिए…, जीवन गुजर गया तो जीने का ढंग आया…। संगत में तबले पर पं. बलराम मिश्र, बांसुरी पर श्री सुधीर कुमार गौतम, साइट रिदम पर श्री संजय श्रीवास्तव तथा सह-गायन में सुश्री काजल तिवारी एवं सुश्री सुहानी शुक्ला शामिल रहीं।

द्वितीय प्रस्तुति डॉ. एस. ए. थनीकचलम, तमिलनाडु द्वारा पम्बई तमिल लोक वादन की रही। यह वादन देवी-पूजन परंपरा से जुड़ा हुआ है।

तृतीय प्रस्तुति सुश्री अदिति जायसवाल एवं दल, वाराणसी द्वारा लोक नृत्य की रही। उनके साथ नृत्य सहयोग में नेहा चौहान, अरुधंति जायसवाल, साक्षी कटवर, अराध्या केशरी एवं सुरभि कश्यप शामिल थीं।

चतुर्थ प्रस्तुति सुश्री अनन्या सिंह एवं दल, वाराणसी द्वारा कथक नृत्य की रही। इसमें कृष्ण वंदना तथा मेघ मल्हार की प्रस्तुति दी गई, जिसके बोल थे— गरज गरज। प्रस्तुत कलाकार थे— अनन्या सिंह, सौरभ दास, तनु कुमारी, कविता सिंह एवं अंजली कुमारी।

पंचम प्रस्तुति श्रीमती सुक्ला दत्ता एवं दल द्वारा कथक नृत्य की रही। इसमें प्रथम प्रस्तुति गंगा स्तुति की थी, जिसके बाद मीरा भजन प्रस्तुत किया गया तथा कार्यक्रम का समापन तराना से किया गया। नृत्य में कलाकार थीं— श्रीमती सुक्ला दत्ता, अनवेशा मुखर्जी, पारिजात गांगुली और श्रिया रॉय।

छठी एवं अंतिम प्रस्तुति श्री एन. आनंद वेलमुर्गन एवं दल, तमिलनाडु द्वारा देवराट्टम लोक नृत्य की रही। कार्यक्रम का संचालन श्री सौरभ चक्रवर्ती ने किया।

***

SC/AK/DS


(रिलीज़ आईडी: 2200510) आगंतुक पटल : 80