कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

अंतरराष्ट्रीय कौशल विकास और विदेश में प्लेसमेंट

प्रविष्टि तिथि: 08 DEC 2025 3:43PM by PIB Delhi

स्वास्थ्य सेवा, निर्माण, आतिथ्य, सूचना प्रौद्योगिकी और हरित प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा करने के लिए सरकार भारतीय छात्रों और युवाओं को कुशल बनाने के लिए निरंतर कदम उठा रही है। इन क्षेत्रों में गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने विभिन्न गंतव्य देशों के साथ द्विपक्षीय समझौता ज्ञापनों/समझौतों, प्रवासन और गतिशीलता भागीदारी समझौतों, श्रम गतिशीलता और कौशल विकास तथा व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण में सहयोग ढांचों पर हस्ताक्षर सहित संस्थागत तंत्र स्थापित किए हैं।

इटली और जर्मनी के साथ प्रवासन एवं गतिशीलता साझेदारी समझौतों में योग्यताओं और प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता के लिए विशिष्ट प्रावधान शामिल हैं। इसके अलावा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने आठ देशों- ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कतर, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात के साथ द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जो तकनीकी आदान-प्रदान, सहयोगात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रमों, योग्यताओं के मानकीकरण, पारस्परिक मान्यता और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को सुगम बनाते हैं। एमएसडीई ने स्वास्थ्य सेवा और निर्माण क्षेत्रों में गतिशीलता को सुगम बनाने के लिए इज़राइल के साथ दो प्रोटोकॉल पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

एमएसडीई- विदेश मंत्रालय (एमईए) के सहयोग से प्रवासी कौशल विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत संभावित प्रवासियों के लिए एक दिवसीय प्रस्थान-पूर्व अभिविन्यास प्रशिक्षण (पीडीओटी) आयोजित करता है ताकि उन्हें गंतव्य देश की भाषा, सांस्कृतिक जागरूकता, उत्प्रवास प्रक्रियाओं, कल्याण प्रावधानों और क्या करें और क्या न करें के बारे में जानकारी दी जा सके।

एमएसडीई स्वास्थ्य सेवा और आतिथ्य सहित अन्य क्षेत्रों में गतिशीलता को सुगम बनाने के लिए जापान के साथ तकनीकी प्रशिक्षु प्रशिक्षण कार्यक्रम (टीआईटीपी) जैसे कार्यक्रम भी लागू कर रहा है। इसके अतिरिक्त, जर्मनी के साथ भारत-जर्मन हरित कौशल कार्यक्रम (आईजीजीएसपी) का उद्देश्य युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हरित प्रौद्योगिकियों में कुशल और प्रमाणित करना है।

वित्त वर्ष 2023-24 की बजट घोषणा के अनुरूप, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में 30 कौशल भारत अंतर्राष्ट्रीय केंद्रों (एसआईआईसी) की स्थापना का प्रस्ताव रखा है। वर्तमान में, दो एसआईआईसी चालू हो चुके हैं - एक वाराणसी में और दूसरा कौशल विकास संस्थान (एसडीआई), भुवनेश्वर में। बेंगलुरु/कर्नाटक के उम्मीदवारों की अंतर्राष्ट्रीय गतिशीलता को सुगम बनाने के लिए एनएसटीआई बेंगलुरु में एसआईआईसी की स्थापना की गई है। पिछले तीन वर्षों के दौरान प्रशिक्षित और विदेश में नियुक्त उम्मीदवारों का राज्यवार विवरण, जिनमें कर्नाटक के उम्मीदवार भी शामिल हैं, अनुलग्नक में दिया गया है।

अनुलग्नक

 

पिछले तीन वर्षों में राज्यवार और वर्षवार तैनाती:

राज्य/केंद्र शासित प्रदेश

2022-23

2023-24

2024-25

कुल

अंडमान और निकोबार

1

0

0

1

आंध्र प्रदेश

241

36

67

344

अरुणाचल प्रदेश

2

5

15

22

असम

28

9

2

39

बिहार

5470

148

217

5835

चंडीगढ़

0

4

0

4

छत्तीसगढ़

12

2

3

17

दादरा और नगर हवेली

1

1

0

2

दमन और दीव

0

1

0

1

दिल्ली

130

41

13

184

गोवा

15

3

0

18

गुजरात

389

17

3

409

हरियाणा

52

14

206

272

हिमाचल प्रदेश

34

5

16

55

जम्मू और कश्मीर

125

2

2

129

झारखंड

262

25

9

296

कर्नाटक

797

390

363

1550

केरल

1365

865

139

2369

मध्य प्रदेश

61

13

12

86

महाराष्ट्र

833

86

22

941

मणिपुर

22

10

35

67

मेघालय

2

0

2

4

मिज़ोरम

1

7

25

33

नागालैंड

13

31

45

89

ओडिशा

427

43

4

474

पुडुचेरी

12

6

1

19

पंजाब

694

48

25

767

राजस्थान

2611

58

66

2735

सिक्किम

2

1

3

6

तमिलनाडु

784

224

82

1090

तेलंगाना

904

24

480

1408

त्रिपुरा

12

2

1

15

उत्तर प्रदेश

3947

326

5766

10039

उत्तराखंड

110

12

28

150

पश्चिम बंगाल

3139

159

88

3386

विवरण उपलब्ध नहीं है

289

0

0

289

कुल

22787

2618

7740

33145

 

 

 

 

 

 

 

यह जानकारी कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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पीके/केसी/एनएम/एसएस


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