|
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
कौशल विकास केंद्रों की स्थिति
प्रविष्टि तिथि:
08 DEC 2025 3:46PM by PIB Delhi
केंद्र सरकार के कौशल भारत मिशन (एस आई एम) के अंतर्गत कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) विभिन्न योजनाओं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) योजना, राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एन ए पी एस) और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के अंतर्गत कौशल विकास केंद्रों के एक व्यापक नेटवर्क के माध्यम से देश भर में समाज के सभी वर्गों को कौशल, पुनः-कौशल और उच्च-कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है। इस एस आई एमका उद्देश्य देश के युवाओं को उद्योग-संबंधित कौशल से सुसज्जित और भविष्य के लिए तैयार करना है।
इसके अलावा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की योजनाएँ माँग-आधारित हैं और प्रशिक्षण केंद्र आवश्यकता के आधार पर स्थापित या संचालित किए जाते हैं। देश भर में स्थापित कौशल विकास केंद्रों (एसडीसी) की कुल संख्या और पिछले पाँच वर्षों और वर्तमान वर्ष के दौरान प्रत्येक केंद्र में प्रशिक्षित उम्मीदवारों की राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार संख्या अनुलग्नक-I में दी गई है ।
पीएमकेवीवाई योजना के अंतर्गत पहले तीन संस्करणों पीएमकेवीवाई 1.0, पीएमकेवीवाई 2.0 और पीएमकेवीवाई 3.0 में अल्पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी) घटक के अंतर्गत प्लेसमेंट को ट्रैक किया गया था। इन्हें वित्त वर्ष 2015-16 से वित्त वर्ष 2021-22 तक लागू किया गया था। पीएमकेवीवाई 4.0 वित्त वर्ष 2022-23 से क्रियान्वित है। इसका उद्देश्य हमारे प्रशिक्षित उम्मीदवारों को अपने विविध करियर पथ चुनने के लिए सशक्त बनाना और उन्हें इसके लिए उपयुक्त रूप से उन्मुख बनाना है।
कौशल भारत मिशन के अंतर्गत जिन क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उनका विवरण तथा नौकरी की भूमिकाएं www.skillindiadigital.gov.in पर “डैशबोर्ड” टैब के अंतर्गत उपलब्ध हैं।
पीएमकेवीवाई और जेएसएस योजनाओं के अंतर्गत धनराशि, निर्धारित मानदंडों के अनुसार प्रशिक्षण लागत को पूरा करने के लिए कार्यान्वयन एजेंसियों को जारी की जाती है। एनएपीएस के अंतर्गत प्रशिक्षुओं को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से प्रति माह 1500 रुपये तक की वजीफा सहायता जारी की जाती है। आईटीआई के संबंध में दैनिक प्रशासन और वित्तीय नियंत्रण संबंधित राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के पास होता है।
पिछले पांच वर्षों और चालू वर्ष के दौरान पीएमकेवीवाई और जेएसएस योजनाओं के अंतर्गत जारी बजट का विवरण अनुलग्नक-II में दिया गया है ।
कौशल विकास केंद्रों (एसडीसी) में प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार एक सतत प्रयास है। योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन प्रणाली इस प्रकार है: -
डीजीटी:- इस संबंध में, डीजीटी समय-समय पर आईटीआई के संबद्धता मानकों और मानदंडों की समीक्षा करता है ताकि उनकी प्रासंगिकता और प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सके। सीटीएस के अंतर्गत पाठ्यक्रमों के पाठ्यक्रम को भी उद्योग भागीदारों के परामर्श से नियमित रूप से अद्यतन किया जाता है, ताकि नवीनतम तकनीकी प्रगति और विकसित होती कौशल आवश्यकताओं को शामिल किया जा सके - यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रशिक्षण बाजार की मांग के अनुरूप बना रहे।
इसके अलावा संबंधित राज्य सरकारें, केंद्र सरकार के समन्वय से आईटीआई का समय-समय पर संयुक्त निरीक्षण करती हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आईटीआई में बुनियादी ढांचे, संकाय योग्यता, पाठ्यक्रम कार्यान्वयन और प्रशिक्षण वितरण के मानक अद्यतन हैं।
पीएमकेवीवाई:- पीएमकेवीवाई के अंतर्गत, प्रशिक्षण केंद्रों को प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थियों की उपस्थिति पर नज़र रखने हेतु आधार-सक्षम बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (एईबीएएस) मशीन लगाना अनिवार्य किया गया है। अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, प्रशिक्षण केंद्रों को भुगतान को उपस्थिति से जोड़ दिया गया है। कॉल सत्यापन, आकस्मिक केंद्र भ्रमण, आभासी सत्यापन जैसे निगरानी उपकरणों का उपयोग करके प्रशिक्षण केंद्रों और अभ्यर्थियों के कौशल विकास जीवनचक्र प्रगति की समवर्ती निगरानी की जाती है। प्रशिक्षण केंद्रों को परिणाम-आधारित भुगतान की भी व्यवस्था की गई है।
एनएपीएस:- एनएपीएस के अंतर्गत योजना की निगरानी हेतु केंद्र स्तर पर एक राष्ट्रीय संचालन समिति (एनएससी) और एक योजना निगरानी और समीक्षा समिति (एसएमआरसी) का गठन किया गया है। इसी प्रकार राज्य/संघ राज्य क्षेत्र स्तर पर राज्य कार्यान्वयन समीक्षा समितियाँ (एसआईआरसी) गठित की गई हैं।
जेएसएस:- कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय समय-समय पर समीक्षा बैठकों और क्षेत्रीय दौरों के माध्यम से योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करता है। योजना कार्यान्वयन की निगरानी स्किल इंडिया डिजिटल हब (एस आई डी एच) पोर्टल के माध्यम से भी की जाती है। राज्य स्तर पर जेएसएस की निगरानी और पर्यवेक्षण आरडीएसडीई द्वारा किया जाता है। आरडीएसडीई के अधिकारी प्रभावी निगरानी के लिए समय-समय पर अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जेएसएस का दौरा और निरीक्षण करते हैं। प्रत्येक जेएसएस में प्रबंधन बोर्ड (बीओएम) नामक एक 16-सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समय-समय पर जेएसएस द्वारा कार्यान्वित कार्यक्रमों की समीक्षा करती है।
सरकार ने उद्योग की भागीदारी बढ़ाने, रोजगार से जुड़े प्रशिक्षण को सुनिश्चित करने और तमिलनाडु सहित देश में केंद्रीय कौशल कार्यक्रमों के समग्र परिणामों में सुधार लाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं।
- I. सरकार देश भर में प्रशिक्षण के अवसरों का विस्तार करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। इसके लिए वह अधिक प्रशिक्षण अवसंरचना को प्रोत्साहित कर रही है, विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में तथा कौशल विकास को स्कूल और कॉलेज इकोसिस्टम के साथ एकीकृत करने के लिए कौशल केन्द्र जैसी पहल शुरू कर रही है।
- मान्यता और सम्बद्धता प्रक्रिया के भाग के रूप में प्रशिक्षण केन्द्रों का पर्याप्त और आधुनिक उपकरणों के लिए मूल्यांकन किया जाता है।
- राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) की स्थापना एक व्यापक नियामक के रूप में की गई है। यह व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण क्षेत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियम एवं मानक स्थापित करता है।
- iv. एनसीवीईटी द्वारा मान्यता प्राप्त पुरस्कार देने वाली संस्थाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे उद्योग की मांग के अनुसार योग्यताएं विकसित करें और उन्हें श्रम और रोजगार मंत्रालय के राष्ट्रीय व्यवसाय वर्गीकरण 2015 के अनुसार चिन्हित व्यवसायों के साथ जोड़ें तथा उद्योग से मान्यता प्राप्त करें।
- V. कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे कौशल विकास कार्यक्रमों/योजनाओं के लिए सामान्य लागत मानदंड स्थापित किए हैं। लगभग 20 अन्य मंत्रालय/विभाग भी कौशल विकास योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहे हैं।
- vi. एमएसडीई की योजनाओं के अंतर्गत प्रस्तावित प्रशिक्षण कार्यक्रम बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए उद्योगों के सहयोग से विकसित किए जाते हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा संबंधित क्षेत्रों के उद्योग प्रमुखों के नेतृत्व में 36 क्षेत्र कौशल परिषदों (एसएससी) की स्थापना की गई है। इनका कार्य संबंधित क्षेत्रों की कौशल विकास आवश्यकताओं की पहचान करना तथा कौशल योग्यता मानकों का निर्धारण करना है।
- प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) फ्लेक्सी एमओयू योजना और दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली (डीएसटी) लागू कर रहा है। इन पहलों का उद्देश्य आईटीआई छात्रों को औद्योगिक वातावरण में प्रशिक्षण प्रदान करना है।
- एनएपीएस के अंतर्गत प्रशिक्षुता प्रशिक्षण तथा प्रशिक्षुता कार्यक्रमों के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ सहभागिता बढ़ाने को बढ़ावा दिया जाता है।
- ix. भारत सरकार ने कुशल जनशक्ति की अंतर्राष्ट्रीय गतिशीलता के लिए व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण/कौशल विकास में 7 देशों (ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी, जापान, कतर, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात) के साथ समझौता किए हैं।
- X. डीजीटी ने राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर संस्थानों के लिए उद्योग संपर्क सुनिश्चित करने और नए युग के पाठ्यक्रमों में कभी भी, कहीं भी सीखने को सुनिश्चित करने के लिए आईबीएम, सिस्को, फ्यूचर स्किल राइट्स नेटवर्क, अमेज़न वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस), माइक्रोसॉफ्ट, ऑटोडेस्क और मेटा जैसी आईटी टेक कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
- xi. एनएसडीसी बाजार आधारित कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदाताओं को सहायता प्रदान करता है। यह उद्योग की मांग के साथ कौशल पाठ्यक्रमों में सहयोग और समन्वय करते हैं।
- पीएमकेवीवाई 4.0 के अंतर्गत उद्योग 4.0 की आवश्यकताओं को पूरा करने वाली भविष्य-तैयार नौकरियों को प्राथमिकता दी गई है। इसमें ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स, मेक्ट्रोनिक्स आदि जैसे उभरते क्षेत्र शामिल हैं। सीटीएस के अंतर्गत भी उभरती प्रौद्योगिकियों में भविष्य-उन्मुख नौकरियों की माँग को पूरा करने के लिए नए पाठ्यक्रम विकसित किए गए हैं।
- स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) पोर्टल को कौशल, रोजगार और उद्यमिता इकोसिस्टम के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के रूप में स्थापित किया गया है।
अनुलग्नक I
देश भर में स्थापित कौशल विकास केंद्र (एसडीसी) तथा प्रत्येक केंद्र में प्रशिक्षित उम्मीदवारों की राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार संख्या
राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार कौशल विकास केंद्र (एसडीसी)
|
|
|
|
|
|
|
|
अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
(बी) प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की संख्या:
|
|
|
|
|
|
|
|
अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
अनुलग्नक II
पिछले पांच वर्षों और चालू वर्ष के दौरान राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को जारी धनराशि
(i) प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई)
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
(ii) जनशिक्षण संस्थान:
(करोड़ रुपये में)
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
यह जानकारी कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
***
पीके/केसी/एसके
(रिलीज़ आईडी: 2200540)
|