नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
सरकार पूरे समन्वय के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन चला रही है
प्रविष्टि तिथि:
08 DEC 2025 4:58PM by PIB Delhi
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य देश को हरित हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्नों के उत्पादन, उपयोग और निर्यात का वैश्विक केंद्र बनाना है।
मिशन दस्तावेज़ में संबंधित विभागों को विशिष्ट गतिविधियां सौंपकर समग्र सरकारी दृष्टिकोण की परिकल्पना की गई है, जैसे:
- एनजीएचएम के समग्र समन्वय और कार्यान्वयन के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई);
- हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए न्यूनतम संभव लागत पर नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नीतियों और विनियमों को विद्युत मंत्रालय लागू करेगा;
- रिफाइनरियों और शहरी गैस वितरण में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग को सुगम बनाने के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय;
- आयातित उर्वरकों के स्थान पर स्वदेशी हरित अमोनिया आधारित उर्वरकों को अपनाने को रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय प्रोत्साहित करेगा;
- परिवहन क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन को अपनाने में सक्षम बनाने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय;
- इस्पात क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन को अपनाने को इस्पात मंत्रालय बढ़ावा देगा;
- जहाजों के लिए प्रणोदन ईंधन के रूप में हाइड्रोजन/व्युत्पन्न (अमोनिया/मेथनॉल) को अपनाने को बढ़ावा देगा और भारत को हरित हाइड्रोजन/व्युत्पन्न ईंधन भरने के केंद्र के रूप में बनाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास की सुविधा बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय प्रदान करेगा।
- हरित हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्नों के लिए उपयुक्त राजकोषीय और वित्तीय ढांचे का पता वित्त मंत्रालय लगाएगा;
- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय निवेश को प्रोत्साहित करेगा, व्यापार को आसान बनाएगा, तथा हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्नों के लिए विशिष्ट नीतिगत उपायों को लागू करेगा;
- रेल मंत्रालय अपने परिचालन में हरित हाइड्रोजन को अपनाने की दिशा में काम करेगा
- वैज्ञानिक विभाग और एजेंसियां, जिनमें नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग, अंतरिक्ष विभाग, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, तथा अन्य सार्वजनिक अनुसंधान और नवाचार संस्थान शामिल हैं, ताकि एक व्यापक लक्ष्य-उन्मुख अनुसंधान और नवाचार कार्यक्रम बनाने के लिए संसाधनों को एकत्र किया जा सके;
- हरित हाइड्रोजन परितंत्र के विकास में मदद के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय साझेदारी के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए विदेश मंत्रालय;
- कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय इस क्षेत्र के लिए कौशल निर्माण हेतु कदम उठाएगा;
- राज्य सरकारें और राज्य एजेंसियां भी हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं की स्थापना को सुविधाजनक बनाने के लिए नीतियां विकसित करके हरित हाइड्रोजन परितंत्र के विकास में अभिन्न भूमिका निभाएंगी।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने एनजीएचएम के अंतर्गत परिवहन क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन के उपयोग हेतु प्रायोगिक परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए योजना दिशानिर्देश जारी किए हैं। देश भर में 10 विभिन्न मार्गों पर 9 हाइड्रोजन ईंधन स्टेशनों के साथ 37 हाइड्रोजन-ईंधन वाले वाहनों की तैनाती हेतु पांच (5) प्रायोगिक परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने एनजीएचएम के अंतर्गत शिपिंग क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन के उपयोग हेतु प्रायोगिक परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए योजना दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। इसके अंतर्गत, वी. ओ. चिदंबरनार बंदरगाह प्राधिकरण ने बंदरगाह पर हरित मेथनॉल के लिए बंकरिंग और ईंधन भरने की सुविधा के निर्माण हेतु एक परियोजना प्रदान की है।
एमएनआरई ने एनजीएचएम के तहत दीनदयाल बंदरगाह (कांडला, गुजरात), वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह (तूतीकोरिन, तमिलनाडु) और पारादीप बंदरगाह (ओडिशा) को हरित हाइड्रोजन हब के रूप में मान्यता दी है।
इसके अलावा, हरित हाइड्रोजन हब की मान्यता के लिए एमएनआरई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में हरित हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्नों के लिए भंडारण और परिवहन प्रणालियों सहित सामान्य बुनियादी ढांचा सुविधाओं के विकास के साथ-साथ संबंधित पाइपलाइन नेटवर्क की स्थापना या उन्नयन को भी शामिल किया गया है।
एमएनआरई ने आंध्र प्रदेश के पुडिमडका में ग्रीन हाइड्रोजन हब की स्थापना के लिए एनटीपीसी के प्रस्ताव का भी समर्थन किया है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य को देश का सबसे बड़ा हरित हाइड्रोजन केंद्र स्थापित करने और 2030 तक आंध्र प्रदेश को हरित हाइड्रोजन घाटी में बदलने के लिए एक रोडमैप की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक आदेश जारी किया है।
यह जानकारी केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाइक ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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पीके/केसी/एके/एम
(रिलीज़ आईडी: 2200587)
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