कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने कौशलों और गतिशीलता में सहयोग मजबूत करने का संकल्प दोहराया; खेलों, उन्नत विनिर्माण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर जोर
भारत ने एक समान मानकों के लिए वार्षिक भारत-ऑस्ट्रेलिया कौशल बैठक का प्रस्ताव किया
प्रविष्टि तिथि:
08 DEC 2025 6:28PM by PIB Delhi
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने कौशल विकास, कार्यबल गतिशीलता और तेजी से बढ़ती खेल अर्थव्यवस्था में सहयोग बढ़ाने के लिए अर्थपूर्ण आपसी विचार-विमर्श का आयोजन किया। इस बातचीत को नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया-भारत शिक्षा और कौशल परिषद की तीसरी बैठक के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया। द्विपक्षीय बैठक की अध्यक्षता कौशल विकास और उद्यमिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी तथा ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा राज्यमंत्री और कौशल एवं प्रशिक्षण मंत्री श्री एंड्रयू जाइल्स (सांसद) ने संयुक्त रूप से की।
चर्चा के दौरान भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों में मज़बूत बनाने पर सहमति जताई गई और कुशल पेशेवरों की आवाजाही के लिए इसे सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। दोनों देश योग्यता की पारस्परिक मान्यता को तेजी से लागू करने और ऐसे ब्रिज पाठ्यक्रमों को सह-डिज़ाइन करने पर सहमत हुए जो दक्षताओं के अनुकूल हों और और बिना किसी रुकावट के आवाजाही को आसान बनाएं। प्रमुख खेल आयोजनों से पहले ऑस्ट्रेलिया के बुनियादी ढांचे के विस्तार को देखते हुए, विशेष रूप से उन्नत निर्माण में कुशल श्रमिकों को वैश्विक मानकों के अनुसार तैयार करने पर जोर दिया गया।
इस दौरान भारत की 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की बोली और ऑस्ट्रेलिया के 2032 ब्रिस्बेन ओलंपिक और पैरालिंपिक की मेजबानी से उभरने वाले रणनीतिक अवसरों के बारे में भी चर्चा की गई। खेल और शारीरिक स्वास्थ्य क्षेत्र को सामूहिक रूप से एक उभरते हुए उद्योग के रूप में मान्यता दी गई, जिसमें रोजगार की महत्वपूर्ण संभावनाएं हैं और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 2% का योगदान दे सकता है। खेल प्रबंधन, खेल प्रौद्योगिकी में ऑस्ट्रेलिया के वैश्विक नेतृत्व को भारत के बढ़ते खेल विनिर्माण और गिग-इकोनॉमी परिदृश्य की एक पूरक शक्ति के रूप में पहचाना गया।
चर्चा में भारत के कौशल संस्थानों जैसे आईटीआई और राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान और ऑस्ट्रेलिया के टीएएफइ नेटवर्क के बीच और सहयोग का प्रस्ताव रखा गया। खनन, डिजिटल और आईटी कौशल, आतिथ्य, ग्रीन जॉब्स, नवीकरणीय ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में संयुक्त रूप से काम करने की उम्मीद जताई गई।
श्री जयंत चौधरी ने 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम मेधा) की तैयारी के लिए कौशल' पहल के तहत भविष्य-उन्मुख कौशल के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया। उन्होंने डिजिटल को अपनाने के लिए संयुक्त नैतिक ढाँचों और मानकों के महत्व पर बल दिया। मंत्रियों ने इस बात पर भी सहमति जताई कि ज़िम्मेदार और उच्च-गुणवत्ता वाली वर्कफोर्स मोबिलिटी को आगे चलकर द्विपक्षीय सहयोग का मार्गदर्शन करना चाहिए।
इस अवसर पर श्री जयंत चौधरी ने कहा, “भारत और ऑस्ट्रेलिया भविष्य के वैश्विक कार्यबल को आकार देने में स्वाभाविक भागीदार हैं। मार्गों को मजबूत करके, मानकों को एक समान बनाकर और एक-दूसरे की क्षेत्रीय शक्तियों का लाभ उठाकर, हम युवाओं को वैश्विक अवसरों तक पहुँचने में सक्षम बना सकते हैं, साथ ही दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं में गतिशील उद्योग की जरूरतों का समर्थन भी कर सकते हैं। मैं वार्षिक भारत-ऑस्ट्रेलिया कौशल बैठक का प्रस्ताव रखता हूँ जिसका आयोजन बारी-बारी से भारत और ऑस्ट्रेलिया में किया जाए। यह मंच चयनित कौशलों में सामंजस्य और समकक्षता को बढ़ावा दे सकता है, संस्थागत साझेदारियों को गहरा कर सकता है और हमारे प्रशिक्षण परिवेश को दोनों देशों में उद्योग की जरूरतों के अनुकूल बना सकता है।”
उन्होंने आगे कहा, “इस क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया भारत के सबसे महत्वपूर्ण भागीदारों में से एक है। हमने प्रमुख वैश्विक आयोजनों से पहले खेल-संबंधी कौशल में नए रास्ते भी तलाशे हैं, जिनमें संयुक्त प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम विकास और उद्योग साझेदारी शामिल हैं।“
सांसद श्री एंड्रयू जाइल्स ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ अपनी साझेदारी को बहुत महत्व देता है और जैसे-जैसे हमारे देश खेल और आर्थिक लक्ष्य की तैयारी कर रहे हैं, कौशल सहयोग साझी समृद्धि और व्यावहारिक प्रभाव सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस बैठक में एमएसडीई, प्रशिक्षण महानिदेशालय, एनसीवीईटी और एनएसडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों और ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा विभाग तथा कौशल एवं प्रशिक्षण एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
द्विपक्षीय सत्र का समापन उच्च-स्तरीय जुड़ाव बनाए रखने और सहयोगी मॉडलों के त्वरित तालमेल के संकल्प के साथ हुआ। ये मॉडल प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं, वैश्विक गतिशीलता को मजबूत करते हैं और दोनों देशों में भविष्य के लिए तैयार कौशल परिवेश के निर्माण में योगदान करते हैं।







***
पीके/केसी/एसके/एसएस
(रिलीज़ आईडी: 2200599)
आगंतुक पटल : 48