मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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डेयरी किसानों के लिए बुनियादी ढांचे का विकास

प्रविष्टि तिथि: 09 DEC 2025 2:05PM by PIB Delhi

पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) डेयरी अवसंरचना को मजबूत करने में राज्य की कोशिशों में सहयोग करने के लिए दो प्रमुख अवसंरचना विकास योजनाओं अर्थात् राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) और पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) को कार्यान्वित कर रहा है।

पशुपालन और डेयरी विभाग एनपीडीडी के अंतर्गत दूध की खरीद, प्रसंस्करण एवं शीतलन सुविधाओं के सृजन और सुदृढ़ीकरण, गुणवत्तायुक्त दूध परीक्षण उपकरणों की स्थापना, और सौर फोटोवोल्टिक प्रणालियों (एसपीवी) और थर्मल स्टोरेज प्रणालियों (टीएसएस) का उपयोग करके संचालित किए जाने वाले दूध कूलरों (बीएमसी) के लिए ग्राम स्तरीय डेयरी सहकारी समितियों को सहायता प्रदान की जाती है। 52 सौर ऊर्जा चालित बीएमसी स्वीकृत किए गए हैं।

एएचआईडीएफ के अंतर्गत, दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों, शीतलन अवसंरचना, मूल्यवर्धित डेयरी इकाइयों और नवीकरणीय ऊर्जा/ऊर्जा दक्षता प्रणालियों की स्थापना और आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध है, जिससे डेयरी सहकारी समितियों, एफपीओ, स्वयं सहायता समूहों और निजी उद्यमियों को अवसंरचना को उन्नत करने और बिजली एवं प्रसंस्करण संबंधी कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी। तीन दुग्ध संघों, बरौनी (बिहार), बनासकांठा (गुजरात) और एर्नाकुलम (केरल) को सौर ऊर्जा चालित डेयरी प्रसंस्करण इकाइयों के लिए सहायता प्रदान की गई है।

(ख) और (ग) छोटे और सीमांत किसानों के बीच प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने और उत्पादकता में सुधार लाने के लिए, पशुपालन विभाग ( डीएएचडी) राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) लागू कर रहा है, जो आनुवंशिक उन्नयन और वैज्ञानिक पशुपालन प्रथाओं का समर्थन करता है। आरजीएम योजना के प्रमुख हस्तक्षेप इस प्रकार हैं:

  1. राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम : इसमें 9.36 करोड़ पशुओं को शामिल किया गया, 14.56 करोड़ कृत्रिम गर्भाधान किए गए और इससे 5.62 करोड़ किसान लाभान्वित हुए।
  2. लिंग-विभेदित वीर्य : 128 लाख खुराक का उत्पादन; स्वदेशी प्रौद्योगिकी के माध्यम से लागत 800 रुपये से घटाकर 250 रुपये प्रति खुराक की गई; 40 लाख खुराक क्षमता सृजित की गई तथा 150 लाख खुराक क्षमता की स्थापना की जा रही है।
  3. त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम : सुनिश्चित गर्भावस्था पर लिंग- विभेदित वीर्य की लागत का 50 प्रतिशत तक प्रोत्साहन।
  4. ग्रामीण भारत में बहुउद्देशीय एआई तकनीशियन (मैत्री) : 39,810 प्रशिक्षित तकनीशियन घर-घर एआई सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
  5. आईवीएफ तकनीक : 24 आईवीएफ प्रयोगशालाएं स्थापित की गईं; प्रत्येक सुनिश्चित गर्भावस्था पर 5,000 रुपये प्रोत्साहन राशि।
  6. संतान परीक्षण एवं वंशावली चयन: उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले 4,288 सांडों का उत्पादन किया गया और उनकी आपूर्ति वीर्य केन्द्रों पर की गई।
  7. वीर्य केन्द्रों का सुदृढ़ीकरण: 47 केन्द्र स्वीकृत।
  8. किसान जागरूकता : देश भर में प्रजनन शिविर, बछड़ों का जमावड़ा, प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित की गईं।

उपरोक्त कार्यक्रम आधुनिक प्रजनन प्रौद्योगिकियों तक पहुंच को बढ़ाते हैं, उत्पादकता में सुधार करते हैं, तथा छोटे और सीमांत डेयरी किसानों को आय वृद्धि में मदद करते हैं।

यह जवाब भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​लल्लन सिंह ने लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में दिया।

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पीके/केसी/एके/एम


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