भारी उद्योग मंत्रालय
मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहन नीति की समीक्षा
प्रविष्टि तिथि:
09 DEC 2025 3:43PM by PIB Delhi
भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए निम्नलिखित योजनाएं लागू कर रहा है:-
- भारत में ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना (पीएलआई-ऑटो): सरकार ने 23 सितंबर, 2021 को भारत में ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए इस योजना को अधिसूचित किया, जिसका उद्देश्य 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ ईवी सहित उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों के लिए भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना है।
- उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना: सरकार ने 9 जून, 2021 को 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ देश में एसीसी के निर्माण के लिए पीएलआई योजना अधिसूचित की। इस योजना का उद्देश्य 50 गीगावाट घंटे की एसीसी बैटरियों के लिए एक प्रतिस्पर्धी घरेलू विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है।
- III. पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ईड्राइव) योजना: 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली यह योजना 29 सितंबर, 2024 को अधिसूचित की गई है। इस योजना में ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-ट्रक, ई-बस और ई-एम्बुलेंस सहित इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सहायता शामिल है। इसके अलावा, ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन और परीक्षण एजेंसियों का उन्नयन भी इस योजना में शामिल है।
- IV. प्रधानमंत्री ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना : 28 अक्टूबर 2024 को अधिसूचित इस योजना का परिव्यय 3,435.33 करोड़ रुपये है और इसका उद्देश्य 38,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती में सहायता प्रदान करना है। इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों (पीटीए) द्वारा भुगतान में चूक की स्थिति में ई-बस ऑपरेटरों को भुगतान सुरक्षा प्रदान करना है।
- भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 15 मार्च, 2024 को भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना (एसपीएमईपीसीआई) अधिसूचित की गई थी। इसके लिए आवेदकों को न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा और तीसरे वर्ष के अंत में न्यूनतम 25% और पाँचवें वर्ष के अंत में 50% डीवीए प्राप्त करना होगा।
यह जानकारी भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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पीके/केसी/जीके
(रिलीज़ आईडी: 2200916)
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