स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) पर अपडेट


31 अक्टूबर, 2025 तक देश भर में 1,80,906 आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित

एनपी-एनसीडी कार्यक्रम के तहत 38.79 करोड़ उच्च रक्तचाप की जांच की गई

अक्टूबर, 2025 तक, एनपी-एनसीडी कार्यक्रम के अंतर्गत देश भर में 36.05 करोड़ मधुमेह जांच की गई

31 अक्टूबर, 2025 तक, एनपी-एनसीडी पोर्टल पर देश भर में 31.88 करोड़ ओरल कैंसर, 14.98 करोड़ स्तन कैंसर और 8.15 करोड़ सर्वाइकल कैंसर की जांच की गई

31 अक्टूबर, 2025 तक एएएम के माध्यम से 41.14 करोड़ टेली-परामर्श दिए गए

प्रविष्टि तिथि: 09 DEC 2025 2:28PM by PIB Delhi

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा एएएम पोर्टल पर उपलब्ध विवरण के अनुसार, 31.10.2025 तक भारत में उप स्वास्थ्य केंद्रों (एसएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को मजबूत करके कुल 1,80,906 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) [पूर्ववर्ती आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी)] संचालित हैं।

एएएम क्रमिक रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के 12 पैकेज प्रदान करते हैं, जिनमें प्रजनन एवं शिशु देखभाल सेवाएं, संक्रामक रोग, गैर-संक्रामक रोग (एनसीडी), उपशामक देखभाल और वृद्धजन देखभाल, सामान्य मानसिक विकारों की देखभाल, तंत्रिका संबंधी स्थितियां (मिर्गी, मनोभ्रंश) और मादक द्रव्य सेवन विकार प्रबंधन (तंबाकू, शराब, ड्रग), ओरल स्वास्थ्य, ईएनटी देखभाल और बुनियादी आपातकालीन देखभाल शामिल हैं। विस्तारित सेवाओं के पूरक के रूप में, आवश्यक दवाओं और निदानों की सूची का विस्तार किया गया है ताकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों-एएएम में 172 दवाएं और 63 निदान और राज्य स्वास्थ्य केंद्रों-एएएम में 106 दवाएं और 14 निदान उपलब्ध कराए जा सकें।

उपलब्ध प्रमुख सेवाओं में पांच सामान्य गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) अर्थात उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मुख कैंसर, स्तन कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लिए व्यापक जांच की सेवाएं शामिल हैं। राष्ट्रीय गैर-संक्रामक रोग रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) पोर्टल के अनुसार, 31.10.2025 तक ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के एसएचसी और पीएचसी में एएएम सहित उच्च रक्तचाप के लिए 38.79 करोड़, मधुमेह के लिए 36.05 करोड़, मुख कैंसर के लिए 31.88 करोड़, स्तन कैंसर के लिए 14.98 करोड़ और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लिए 8.15 करोड़ जांच की जा चुकी हैं।

इसके अलावा, देश भर में संचालित सभी एएएम में उपलब्ध टेली-परामर्श सेवाएं लोगों को उनके घरों तक विशेषज्ञ सेवाओं तक पहुंच कायम करने में सक्षम बनाती हैं, जिससे व्यक्तिगत तौर पर वहां इस सेवाओं तक पहुंचने, सेवा प्रदाताओं की कमी जैसी चिंताओं का समाधान होता है और देखभाल की निरंतरता सुनिश्चित होती है। 31 अक्टूबर, 2025 तक एएएम में कुल 41.14 करोड़ टेली-परामर्श किए गए।

निधियों और अनुमोदन के संबंध में, पिछले 3 वर्षों के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत देश भर में एएएम के लिए राज्य कार्यक्रम कार्यान्वयन योजना (एसपीआईपी) अनुमोदन और व्यय (करोड़ रुपये में) का विवरण निम्नानुसार है:

वित्तीय वर्ष

एसपीआईपी अनुमोदन

व्यय

2022-23

4,346.60

2,233.53

2023-24

3,909.67

1,590.70

2024-25

3,051.15

1,211.02

 

हेल्थ डायनामिक्स ऑफ इंडिया (एचडीआई) (इंफ्रास्ट्रक्चर एवं मानव संसाधन), राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा रिपोर्ट किए गए स्वास्थ्य सेवा संबंधी प्रशासनिक आंकड़ों पर आधारित एक वार्षिक प्रकाशन है। देश भर में एएएम सहित एसएचसी और पीएचसी में उपलब्ध मानव संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर का राज्य/केंद्र शासित प्रदेशवार विवरण एचडीआई 2022-23 के निम्नलिखित लिंक पर देखा जा सकता है:

https://mohfw.gov.in/sites/default/files/Health%20Dynamics%20of%20India%20%28Infrastructure%20%26%20Human%20Resources%29%202022-23_RE%20%281%29.pdf

नीति आयोग के अंतर्गत विकास निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय (डीएमईओ) ने जुलाई 2024 में एएएम कार्यक्रम के कार्यान्वयन और प्रभाव का आकलन करने के लिए इसका मूल्यांकन शुरू किया है। अध्ययन में कई उत्साहजनक परिणामों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण सुधार और व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक व्यापक पहुंच के कारण विशेष रूप से एनसीडी प्रबंधन, सामान्य आउट-पेशेंट विभाग (ओपीडी) देखभाल, मुफ्त दवाएं और निदान के संदर्भ में सामुदायिक स्तर पर वृद्धि शामिल है। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की शुरूआत ने अग्रिम पंक्ति सेवा वितरण को मजबूत किया है और ई-संजीवनी जैसे डिजिटल उपकरणों ने विशेषज्ञ देखभाल तक पहुंच का विस्तार किया है। हालांकि, मानव संसाधन की उपलब्धता और कौशल-आधारित प्रशिक्षण, दवाओं और निदान की निरंतर उपलब्धता, डिजिटल इंटरऑपरेबिलिटी और डेटा-संचालित योजना, अंतर-विभागीय संयोजन और पूर्ण-सेवा पैकेजों के इस्तेमाल और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक जुड़ाव को और भी अधिक मजबूत करने की सिफारिश की जाती है।

एनएचएम के अंतर्गत, सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रदर्शन की नियमित रूप से निगरानी की जाती है, जिसमें समीक्षा बैठकें, प्रमुख कार्यों की मध्यावधि समीक्षा, वरिष्ठ अधिकारियों का क्षेत्रीय दौरा, सेवा वितरण के लिए मानक स्थापित करके प्रदर्शन को बढ़ावा देना और उपलब्धियों को पुरस्कृत करना आदि शामिल हैं। इसके अलावा, योजना के अंतर्गत प्रगति और कार्यान्वयन की स्थिति का आकलन और निगरानी करने के लिए प्रतिवर्ष सामान्य समीक्षा मिशन (सीआरएम) आयोजित किए जाते हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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पीके/केसी/एसकेएस/एसवी

 


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