कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
किसान कॉल सेंटर
प्रविष्टि तिथि:
09 DEC 2025 6:08PM by PIB Delhi
देश में वर्तमान में जारी किसान कॉल सेंटरों (केसीसी) की संख्या और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में उनके वितरण का विवरण नीचे दिया गया है:
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क्र. सं.
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स्थान
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राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
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भाषा
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1.
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अगरतला
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त्रिपुरा
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बांग्ला
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मिजोरम
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मिज़ो
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मेघालय
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खासी, गारो
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2.
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अहमदाबाद
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गुजरात
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गुजराती
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दादरा एवं नागर हवेली
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गुजराती
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दमन एवं दीव
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गुजराती/कोंकणी
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3.
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बेंगलुरु
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कर्नाटक
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कन्नड़
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4.
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भुवनेश्वर
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ओडिशा
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उड़िया
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5.
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चंडीगढ़
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हरियाणा
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हिंदी
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पंजाब
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पंजाबी
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चंडीगढ़
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पंजाबी
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6.
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कोयम्बटूर
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तमिलनाडु
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तमिल
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पुदुचेरी
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तमिल
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त्रिवेन्द्रम
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मलयालम
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लक्षद्वीप
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मलयालम
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7.
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गुवाहाटी
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अरुणाचल प्रदेश
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हिंदी / आदि
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असम
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असमिया
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मणिपुर
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मणिपुरी
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नागालैंड
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नागामी
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8.
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हैदराबाद
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तेलंगाना
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तेलूगू
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आंध्र प्रदेश
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तेलूगू
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9.
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जबलपुर
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मध्य प्रदेश
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हिंदी
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10.
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जयपुर
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दिल्ली
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हिंदी
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राजस्थान
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हिंदी
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11.
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जम्मू
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जम्मू एवं कश्मीर
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डोगरी, कश्मीरी
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लेह और लद्दाख
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डोगरी, कश्मीरी
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12.
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कानपुर
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उत्तर प्रदेश
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हिंदी
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उत्तराखंड
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हिंदी
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13.
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कोलकाता
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पश्चिम बंगाल
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बांग्ला
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सिक्किम
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सिक्किमी, नेपाली, हिंदी
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अंडमान एवं निकोबार
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बांग्ला, तमिल, हिंदी
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14.
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पटना
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बिहार
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हिंदी
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झारखंड
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हिंदी
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15.
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पुणे
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महाराष्ट्र
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मराठी
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गोवा
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कोंकणी, मराठी
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16.
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रायपुर
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छत्तीसगढ़
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हिंदी
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17.
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सोलन
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हिमाचल प्रदेश
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हिंदी
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थर्ड पार्टी इवैल्यूएशन और इम्पैक्ट असेसमेंट स्टडी के लिए, एक एजेंसी को पिछले तीन सालों के किसान कॉल सेंटर (KCCs) के परफॉर्मेंस और सर्विस क्वालिटी स्टैंडर्ड्स का असेसमेंट करने का काम सौंपा गया है।
किसान कॉल सेंटरों (केसीसी) को कृषि पद्धतियों, लागू सरकारी योजनाओं,कृषि से सम्बंधित मुद्दों, पैकेज ऑफ प्रेक्टेसिज (पीओपी), मौसम या बाजार सलाह तथा कृषि और संबद्ध विषयों की उन्नत प्रौद्योगिकियों से संबंधित सलाह प्रदान करने हेतु अधिदेशित किया गया है। इसमें कॉल होल्डिंग और कॉल रूटिंग सुविधाओं का भी प्रावधान है। यदि लाइनें फ्री होती हैं, तो कॉल का उत्तर 4 रिंगों के भीतर दिया जाना अनिवार्य है। यदि कोई कॉल लाईन में है, तो डायनेमिक आईवीआर के माध्यम से एक उपयुक्त प्री-रिकॉर्डेड संदेश को किसान को कतार संख्या और अनुमानित शेष समय के बारे में बताने के लिए रुक-रुक कर चलाया जाता है तथा कॉल हॉल्ड के दौरान किसानों को मौसम विशिष्ट मानक सलाह जारी की जाती हैं। एक वॉयस मेल सिस्टम (वीएमएस) यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदान किया जाता है कि एक किसान, जो सभी लाइनों के व्यस्त होने के कारण फार्म टेली एडवाइजर (एफटीए) तक पहुंच नहीं सकता है और प्रतीक्षा नहीं करना चाहता है, तो उसे आईवीआरएस पर पीरियोडिक प्रॉम्प्ट के माध्यम से अपने प्रश्न और फोन नंबर देकर 2 मिनट तक का संक्षिप्त संदेश छोड़कर एक वॉयस मेल रिकॉर्ड करने की सुविधा है। अपने प्रश्नों के साथ वॉयस मेल छोड़ने वाले किसानों को आउटबाउंड रिकॉर्डेड प्रतिक्रियाओं के माध्यम से जवाब प्राप्त होता है या जिन किसानों ने कॉल बैक प्राप्त करने का अनुरोध किया है, उन्हें कम कॉल प्राप्त होने की अवधि के दौरान पर्यवेक्षकों/एफटीए द्वारा कॉल बैक किया जाता है। किसानों के प्रश्नों के उत्तर 22 आधिकारिक भाषाओं में कृषि एवं संबद्ध विषयों में स्नातकों द्वारा दिये जाते हैं, जिन्हें केसीसी में तैनात किया जाता है तथा उन्हें फार्म टेली एडवाइजर (एफटीए) और पर्यवेक्षक के रूप में जाना जाता है। वे संबंधित स्थानीय भाषा में बात करने में कुशल होते हैं। जिन प्रश्नों का उत्तर एफटीए/पर्यवेक्षकों द्वारा नहीं दिया जा सकता है, उन्हें उच्च स्तरीय विशेषज्ञों को हस्तांतरित कर दिया जाता है। ये विशेषज्ञ राज्य कृषि विभागों (एसडीए), आईसीएआर संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू) के विषय विशेषज्ञ (एसएमएस) होते हैं।
सरकार कॉमन किसान कॉल सेंटर टोल फ्री नंबर और वेब पोर्टल/मोबाइल ऐप का उपयोग करके कृषि की योजनाओं से संबंधित शिकायतों को पंजीकृत करने, उनका समाधान करने में किसानों की मदद करने के लिए किसान कॉल सेंटर को सुदृढ़ कर रही है। इसके अतिरिक्त, एआई/एमएल-आधारित उपकरणों को शिकायत निवारण और प्रश्न प्रस्तुत करने की व्यवस्था में एकीकृत किया जा रहा है।
यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी।
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पीके/केसी/डीवी/डीके
(रिलीज़ आईडी: 2201092)
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