मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
जलीय क्षेत्र का संवर्धन, बाज़ार विविधीकरण और मछुआरों को सहायता
प्रविष्टि तिथि:
10 DEC 2025 4:10PM by PIB Delhi
मत्स्यपालन विभाग,मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत 2024-25 में, सीफ़ूड के रूप में भारत का जलीय उत्पाद निर्यात 130 से अधिक देशों को 16.98 लाख मीट्रिक टन तक पहुँच गया, जिसकी कीमत 62,408 करोड़ रुपए (7.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर) है । 2024-25 के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है, जो निर्यात मूल्य का 36.42% है, इसके बाद चीन (17.13%), यूरोपीय संघ (15.10%), दक्षिण पूर्व एशिया (एसईए) (13.08%), जापान (5.52%), मध्य पूर्व (3.73%), और अन्य (9%) हैं। निर्यात में फ्रोजन श्रिम्प का वर्चस्व बना हुआ है, इसके बाद फ्रोजन फिश, स्क्विड, सूखे आइटम, फ्रोजन कटल फिश, सुरीमी उत्पाद, और लाइव और चिल्ड उत्पाद आदि हैं।
मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण/मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (MPEDA) के साथ मिलकर नए बाज़ारों को एक्सप्लोर करके एक्सपोर्ट में विविधता लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें इंडिया-UK कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट (CETA) पर सेंसिटाईज़ेशन और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना, हितधारक परामर्श आयोजित करना, वैल्यू एडिशन पर चिंतन शिविर आयोजित करना, नए बाजारों की पहचान पर ध्यान केंद्रित करना और व्यापार सुविधा बढ़ाने के लिए संभावित बाजारों में और अधिक गहन प्रवेश, ट्रेड डेलीगेशन के माध्यम से निर्यात संवर्धन को बढ़ाना और बायर-सेलर मीट आयोजित करना शामिल है। मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने सहयोग के रास्ते तलाशने, मात्स्यिकी क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार सहयोग बढ़ाने, मूल्य संवर्धन, जैव सुरक्षा और गुणवत्ता अनुपालन, ऑटोमेशन, अनुसंधान और विकास सहयोग और सतत विकास पहल को बढ़ावा देने के लिए संभावित भागीदार देशों के दूतावासों और उच्चायोगों के साथ कई बैठकें भी की हैं।
(ख): मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत घरेलू खपत बढ़ावा देने और मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से कई रणनीतिक पहलों को कार्यान्वित कर रहा है। इस प्रमुख योजना के तहत, 2,403 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के साथ 34,788 इंफ्रास्ट्रक्चर यूनिट्स स्थापित की गई हैं। इनमें कोल्ड स्टोरेज, रीटेल और होलसेल मार्केट, फिश कियोस्क, वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट यूनिट्स, और पोस्ट हार्वेस्ट ट्रांसपोर्टेशन की सुविधाएं (रेफ्रिजेरेटेड/इंसुलेटेड वाहन, बाइक, आदि) शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, फिशरीज़ एंड एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (FIDF) के माध्यम से इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट को सुदृढ़ किया गया है, जिसने 208 करोड़ रुपए की लागत वाली 15 बड़े परियोजनाओं को सहायता प्रदान की है, जो मुख्य रूप से फिश प्रोसेसिंग और कोल्ड-चेन विकास पर केन्द्रित हैं। सीफूड वैल्यू-एडेड उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने हाल ही में फिश ऑयल्स, फिश एक्सट्रैक्ट्स और प्रिज़र्व्ड फिश/श्रिंप उत्पाद पर GST को 12% से घटाकर 5% करने की स्वीकृति दी है। इस पहल से वैल्यू-एडेड सीफूड अधिक सस्ता होने और इससे घरेलू खपत में वृद्धि होने की उम्मीद है।
घरेलू खपत को बढ़ावा देने और लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए, मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (NFDB) के माध्यम से कई प्रचार पहल शुरू किए हैं। इनमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से क्रिएटिव टैगलाइन और स्लोगन की क्राउडसोर्सिंग, साथ ही घरेलू मत्स्य की खपत को बढ़ावा देने और हितधारकों और आम लोगों को शिक्षित करने के लिए अलग-अलग भाषाओं में जिंगल बनाना शामिल था। NFDB ने उपभोक्ताओं को आकर्षित करने और मत्स्य से बने व्यंजनों को लोकप्रिय बनाने के लिए देश भर में 48 फिश फूड फेस्टिवल और फिश मेले आयोजित किए। मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने वर्ल्ड फूड इंडिया और AAHAR जैसे बड़े नेशनल मेलों में भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की, जिसमें वैल्यू-एडेड, रेडी-टू-ईट और रेडी-टू-कुक फिश प्रोडक्ट्स दिखाए गए। इसके अलावा, ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के साथ साझेदारी ने उपभोक्ता तक पहुंच को काफी बढ़ाया है और सीफूड प्रोडक्ट्स की एक विस्तृत श्रृंखला तक डिजिटल पहुंच को सुदृढ़ किया है
(ग) वर्ष 2018-19 में, भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सुविधा का विस्तार मछुआरों और मत्स्य किसानों तक किया है ताकि उनकी कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता प्रदान की जा सके। इस योजना के तहत, किसानों को 7% की रियायती ब्याज दर पर 2.00 लाख रुपए तक के केसीसी ऋण (मछुआरों और मत्स्य किसानों के लिए) प्राप्त होते हैं। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए, भारत सरकार वित्तीय संस्थानों को 1.5% का अग्रिम ब्याज सबवेंशन (IS) प्रदान करती है । इसके अतिरिक्त, जो किसान समय पर अपने ऋण चुकाते हैं उन्हें 3% शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन [प्रॉम्प्ट रीपेमेंट इनसेनटिव (PRI)] मिलता है, जिससे ब्याज दर प्रभावी रूप से 4% प्रति वर्ष हो जाती है। RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार, KCC योजना के तहत उपलब्ध मानक ऋण सुविधाओं से पृथक, परिचालन का विस्तार करने या नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए अतिरिक्त ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से विशेष रूप से किसान क्रेडिट कार्ड रखने वाले मछुआरों के लिए किसी भी ‘वन-टाइम टॉप-अप लोन’ का कोई प्रावधान या संदर्भ नहीं है।
(घ) रेल मंत्रालय ने सूचित किया है कि मांग और परिचालनिक व्यवहार्यता (ऑपरेशनल फिज़ीबिलिटी) के आधार पर एक्वा-उत्पादों सहित कृषि-संबद्ध उत्पादों की आवाजाही के लिए विशिष्ट सर्किट (रेल मार्ग) प्लान किए जा रहे हैं। अभी, दक्षिण भारत से एक्वा-उत्पादों के परिवहन के लिए कोई समर्पित सेवा शुरू करने का कोई योजना नहीं है।
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार के मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आज लोकसभा में पूछे गए प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी।
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जे पी
(रिलीज़ आईडी: 2201507)
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