इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
'फ्यूचरस्किल्स प्राइम' कार्यक्रम से 15.78 लाख से अधिक उम्मीदवारों को लाभ मिला।
प्रविष्टि तिथि:
10 DEC 2025 3:36PM by PIB Delhi
यह कार्यक्रम नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में व्यक्तियों को कौशल प्रदान करने, कौशल में सुधार करने और कौशल विकास पर केंद्रित है।
डिजिटल इंडिया एक व्यापक कार्यक्रम है जिसमें केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा कार्यान्वित कई परियोजनाएं शामिल हैं। इसके क्रियान्वयन के लिए इन एजेंसियों के बीच समन्वय जरुरी है, क्योंकि कई पहलें संयुक्त रूप से विकसित और कार्यान्वित की जाती हैं।
आवंटित और उपयोग किए गए कोष का विवरण वेबसाइट https://www.digitalindia.gov.in/about-us/ पर देखा जा सकता है।
भारत सरकार आईटी क्षेत्र विशेषकर छोटे शहरों और कस्बों में विकास को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है । इसका उद्देश्य भारत को सॉफ्टवेयर उत्पादों के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करना है जिससे सॉफ्टवेयर उत्पादों की घरेलू मांग और निर्यात को बढ़ावा मिल सके।
पिछले 5 वर्षों में इस क्षेत्र का प्रदर्शन और 2024-25 के लिए अनुमान नीचे दिए गए हैं:
(बिलियन डॉलर में)
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2019-20
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2020-21
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2021-22
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2022-23
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2023-24
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2024-25(ई)
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निर्यात राजस्व
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147
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152
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178
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194
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199.5
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224.4
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घरेलू राजस्व
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44
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45
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49
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51
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54.4
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58.2
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कुल मुनाफा
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191
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196
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227
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245
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254
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282.6
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(E) = अनुमान स्रोत: नैसकॉम
इस बढ़ते उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए सरकार विभिन्न क्षमता निर्माण की पहल कर रही है।
'फ्यूचरस्किल्स प्राइम' कार्यक्रम ऐसी ही एक पहल है जिसे नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैसकॉम) के सहयोग से कार्यान्वित किया जा रहा है।
- यह कार्यक्रम नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में व्यक्तियों को कौशल प्रदान करने, कौशल में सुधार करने और कौशल विकास पर केंद्रित है।
- यह उम्मीदवारों की योग्यताओं और करियर की आकांक्षाओं के अनुरूप, लचीली और कहीं भी, कभी भी सीखने की सुविधा प्रदान करने वाली उच्च स्तरीय शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराता है।
- ये पाठ्यक्रम https://futureskillsprime.in पर उपलब्ध एक ऑनलाइन डिजिटल-कौशल प्रशिक्षण प्लेटफॉर्म के माध्यम से पेश किए जाते हैं।
फ्यूचरस्किल्स प्राइम कार्यक्रम के अंतर्गत इस प्लेटफॉर्म पर 500 से अधिक पाठ्यक्रम और 2000 से अधिक डिजिटल दक्षता मार्ग उपलब्ध हैं।
अब तक विभिन्न पाठ्यक्रमों में 15.78 लाख से अधिक उम्मीदवारों को लाभ मिला है, जिनमें लगभग 41% महिला शिक्षार्थी और 85% उम्मीदवार द्वितीय और तृतीय स्तर के शहरों से हैं। वर्षवार विवरण परिशिष्ट-1 में दिया गया है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता में उत्कृष्टता केंद्र (एआई-सीओई)
भारत सरकार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता में उत्कृष्टता केंद्र (एआई-सीओई) स्थापित किए हैं। ये केंद्र स्वास्थ्य सेवा, सतत शहरों और कृषि जैसे क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए स्थापित किए गए हैं।
देश के प्रमुख संस्थान, जैसे आईआईएससी बैंगलोर, आईआईटी कानपुर और आईआईटी रोपड़ एआई-सीई का नेतृत्व कर रहे हैं। इन सी ओई ने अपने क्षेत्रीय फोकस के अनुरूप रणनीतिक पहल की हैं।
- सतत शहरों के लिए एआई-सीओई द्वारा दिल्ली में स्वच्छ वायु निगरानी और सूरत के लिए एआई-आधारित यातायात और बाढ़ पूर्वानुमान परियोजना।
- कानपुर में डिजिटल नगर पालिका प्लेटफॉर्म की एक मुख्य परियोजना नागरिकों की प्रतिक्रिया, सेवा अनुरोधों और शहरी प्रबंधन को एक ही डिजिटल प्रणाली में एकीकृत करके नगरपालिका सेवाओं को सुव्यवस्थित करती है।
- स्वास्थ्य सेवा के लिए एआई-सीओई के अंतर्गत, मुंह और स्तन कैंसर, रेटिना रोग और मधुमेह जैसी विभिन्न पुरानी बीमारियों का पता लगाने के लिए एआई उपकरण विकसित करने की परियोजनाएं चल रही हैं।
- कृषि के लिए एआई-सीओई ने स्वचालित मौसम स्टेशन बनाए हैं, एग्रीएलएलएम विकसित किया है और कीट एवं फसल पहचान के लिए उपकरण विकसित किए हैं।
अनुलग्नक -1
'फ्यूचरस्किल्स प्राइम की वर्षवार उपलब्धियाँ:
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वित्तीय वर्ष
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नामांकित/प्रशिक्षित
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2020-21
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91,897
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2021-22
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2,58,919
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2022-23
|
2,69,682
|
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2023-24
|
2,86,401
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2024-25
|
3,40,012
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2025-26*
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3,31,399
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कुल
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15,78,310
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* (दिनांक 30.11.2025 तक)
यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने 10.12.2025 को लोकसभा में प्रस्तुत की थी।
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पीके/केसी/एनकेएस/
(रिलीज़ आईडी: 2201566)
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