रेल मंत्रालय
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सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, भारतीय रेलवे ने आरओबी/आरयूबी निर्माण को बढ़ाकर तीन गुना किया, 2004-2014 तक 4,148 की तुलना में 11 वर्षों में 13,600 से अधिक पुलों का निर्माण किया


राज्यों के साथ संयुक्त सर्वेक्षण, मानकीकृत पुल डिजाइन, एकल-इकाई कार्यान्वयन और तेजी से काम करने के लिए नियमित समीक्षा तंत्र

प्रविष्टि तिथि: 10 DEC 2025 4:44PM by PIB Delhi

भारतीय रेलवे पर रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडर ब्रिज (आरओबी/आरयूबी) के कार्यों की मंजूरी और क्रियान्वयन एक सतत् प्रक्रिया है। ऐसे कार्यों को ट्रेन संचालन में सुरक्षा और गतिशीलता पर प्रभाव और सड़क उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव के आधार पर प्राथमिकता दी जाती है और उन्हें शुरू किया जाता है।

2004-14 की तुलना में 2014-25 (अक्टूबर 25) की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे पर निर्मित आरओबी/आरयूबी की संख्या इस प्रकार है:

अवधि

आरओबी/आरयूबी का निर्माण

2004-14

4,148

2014-25 (अक्टूबर 2025)

13,653

 

मालदा डिवीजन के अजीमगंज-न्यू फरक्का खंड में किमी 239/9-10 पर एलसी नंबर 43/एसपीएल/ई के बदले आरओबी के निर्माण कार्य को मंजूरी दे दी गई है। जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग (जीएडी) और विस्तृत अनुमान तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है।

पश्चिम बंगाल में स्वीकृत 302 आरओबी/आरयूबी कार्यों में से, 99 आरओबी/आरयूबी कार्य राज्य सरकार के कारण विलंबित हैं। विवरण इस प्रकार हैं:

क्रमांक

कारण

आरओबी/आरयूबी कार्य

(संख्या में)

1.

संरेखण को अंतिम रूप देना

41

2.

सामान्य व्यवस्था ड्राइंग चरण

14

3.

एलसी को बंद करने के लिए एनओसी

27

4.

भूमि अधिग्रहण

10

5.

कानून एवं व्यवस्था/सार्वजनिक विरोध

7

 

पश्चिम बंगाल सरकार के कारण कुल रुका हुआ काम

99

 

https://x.com/RailMinIndia/status/1998664392301490595?t=8eehoTCJCUNFCwVDkVLNgQ&s=19

तेलंगाना में 63 स्वीकृत आरओबी कार्यों में से, 17 आरओबी कार्यों में राज्य सरकार के कारण देरी हो रही है। विवरण इस प्रकार हैं:

क्रमांक

कारण

आरओबी (संख्या में)

1.

भूमि अधिग्रहण

16

2.

संरेखण को अंतिम रूप देना

01

 

01.11.2025 तक, भारतीय रेलवे पर 1,11,583 करोड़ रुपए की लागत से 4689 आरओबी/आरयूबी स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें आंध्र प्रदेश में 11,686 करोड़ रुपए की लागत से 316 रोड ओवर ब्रिज (आरओबी)/रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) शामिल हैं, जो योजना और क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

2023-24 से 2024-25 के दौरान, उत्तर प्रदेश राज्य में 252 आरओबी/आरयूबी कार्य पूरे किए गए हैं।

01.11.2025 तक, महाराष्ट्र राज्य में 275 आरओबी/आरयूबी 5,506 करोड़. रुपये की लागत से स्वीकृत किए गए हैं, जो योजना और क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

आरओबी/आरयूबी कार्यों का पूरा होना और चालू होना विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जैसे एलसी को बंद करने के लिए सहमति देने में राज्य सरकारों का सहयोग, एप्रोच अलाइंमेंट को ठीक करना, सामान्य व्यवस्था ड्राइंग (जीएडी) की मंजूरी, भूमि अधिग्रहण, अतिक्रमण हटाना, उल्लंघनकारी उपयोगिताओं का स्थानांतरण, विभिन्न प्राधिकरणों से वैधानिक मंजूरी, परियोजना/कार्य स्थलों के क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति, जलवायु की स्थितियों के चलते विशेष परियोजना/क्षेत्र के लिए एक वर्ष में काम करने वाले दिनों की अवधि आदि। ये सभी कारक परियोजनाएं/कार्यों को पूरा होने के समय को प्रभावित करते हैं।

रेलवे ने आरओबी/आरयूबी कार्यों में तेज़ी तेजी लाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं:

(i) सुचारू कार्यान्वयन करने के लिए जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग (जीएडी) को अंतिम रूप देने से पहले, संबंधित राज्य सरकार/सड़क स्वामित्व प्राधिकरण के साथ संयुक्त सर्वेक्षण किया जाता है।

(ii) आरओबी/आरयूबी कार्यों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए रेलवे और राज्य सरकार के अधिकारियों की समय-समय पर बैठकें की जाती हैं।

(iii) डिजाइन अनुमोदन के दौरान देरी से बचने के लिए रेलवे के हिस्सों पर सड़क के विस्तार, तिरछापन और चौड़ाई के विभिन्न संयोजनों के लिए सुपरस्ट्रक्चर ड्राइंग का मानकीकरण किया गया है। इसे एक सार-संग्रह के रूप में जारी किया गया है, जिसे शीघ्र योजना के लिए सीधे रेलवे लाइनों पर रोड ओवर ब्रिज के लिए अपनाया जा सकता है।

(iv) जहां भी मुमकिन हो, रेलवे द्वारा आरओबी/आरयूबी कार्यों को एकल इकाई के आधार पर क्रियान्वयन करने की योजना है। अगर कोई सड़क स्वामित्व प्राधिकारी/राज्य सरकार चाहे तो रेलवे उन्हें एकल इकाई के आधार पर कार्य करने की अनुमति दे सकता है।

यह जानकारी केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में सवालों के लिखित जवाब में दी।

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पीके/केसी/एनएस


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