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ग्रामीण क्षेत्रों में डाक सेवाओं की दक्षता और गुणवत्ता


मेल नेटवर्क ऑप्टिमाइज़ेशन प्रोजेक्ट (एमएनओपी) और पार्सल नेटवर्क ऑप्टिमाइज़ेशन प्रोजेक्ट (पीएनओपी) ने ग्रामीण क्षेत्रों सहित डाक प्रदर्शन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

नोडल डिलीवरी सेंटर (एनडीसी) की स्थापना से पार्सल डिलीवरी की गति में काफी सुधार हुआ है, ऑपरेशन की लागत कम हुई है और ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ी है

प्रविष्टि तिथि: 10 DEC 2025 4:56PM by PIB Delhi

ग्रामीण क्षेत्रों में डाक सेवाओं की दक्षता और गुणवत्ता में सुधार के लिए, डाक विभाग ने सभी शाखा डाक घर कार्यालयों में मोबाइल एप्लिकेशन शुरू किया है। इसका नाम डिजिटल रूरल एंटरप्राइज एप्लीकेशन फॉर मोबाइल्स (डीआरईएएम) है। यह एप्लिकेशन हैंडहेल्ड डिवाइस के माध्यम से डाक वस्तुओं की बुकिंग और डिलीवरी को आसान बनाता है, रियल-टाइम ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है, सेवा डिलीवरी को तेज करता है, और विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में जवाबदेही बढ़ाता है।

इसके अलावा, देश भर में ग्रामीण क्षेत्रों सहित डाक वस्तुओं के प्रदर्शन को ट्रैक करने और मूल्यांकन करने के लिए मुख्य प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) पेश किए गए हैं। इनकी निगरानी की जाती है, जिससे बेहतर निगरानी, ​​समय पर डिलीवरी और सेवा की गुणवत्ता में लगातार सुधार सुनिश्चित होता है।

मेल नेटवर्क ऑप्टिमाइज़ेशन प्रोजेक्ट (एमएनओपी) और पार्सल नेटवर्क ऑप्टिमाइज़ेशन प्रोजेक्ट (पीएनओपी) ने ग्रामीण क्षेत्रों सहित डाक प्रदर्शन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एमएनओपी के अंतर्गत, मेल नेटवर्क को तर्कसंगत बनाया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे देश में डिलीवरी की गति में सुधार हुआ है। इस पहल ने ग्राहकों के लिए डाक वस्तुओं की दृश्यता को भी मजबूत किया है।

इसी तरह, पार्सल नेटवर्क ऑप्टिमाइज़ेशन प्रोजेक्ट (पीएनओपी) ने इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन, पार्सल प्रोसेसिंग को आसान बनाने और ऑपरेशनल कमियों को कम करके ग्रामीण इलाकों में सेवा वितरण को बेहतर बनाने में योगदान दिया है। स्टैंडर्डाइज़्ड इक्विपमेंट, नेटवर्क रैशनलाइज़ेशन और बेहतर ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम ने पार्सल सेवाओं की विश्वसनीयता और पहुंच को बढ़ाया है। विकास के इन घटनाक्रमों ने -कॉमर्स में ग्रामीण भागीदारी को बढ़ावा दिया है। इन्होंने ग्रामीण ग्राहकों को समय पर, कुशल और किफायती पार्सल सेवाएं सुनिश्चित की हैं, जिससे कुल मिलाकर ग्रामीण विकास और आर्थिक विकास में योगदान मिला है।

देश में 1.39 लाख से ज़्यादा सभी शाखा डाक कार्यालयों को घर-घर सेवा वितरण को संभव बनाने के लिए डिजिटल डिवाइस से लैस किया गया है। ये डिवाइस ग्राहकों के घर पर वित्तीय, नागरिक-केंद्रित और डाक सेवाएं प्रदान करने में मदद करते हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में पहुंच और सेवा का दायरा बढ़ता है।

डाक विभाग पोस्ट ऑफिस बचत खाता धारकों को -बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करता है। इनमें छोटी बचत योजना के खातों को डिजिटल रूप से खोलना, ऑनलाइन फंड ट्रांसफर, ब्याज प्रमाण पत्र बनाना और संबंधित सेवाएं शामिल हैं। -पासबुक सुविधा चुनिंदा पीओएसबी योजनाओं के लिए ऑनलाइन बैलेंस पूछताछ और मिनी स्टेटमेंट को सक्षम बनाती है। इसके अलावा, विभागीय डाक कार्यालयों में पीओएसबी खातों को खोलने, जमा, निकासी और अन्य संबंधित लेनदेन के लिए बायोमेट्रिक-आधारित eKYC शुरू किया गया है।

नोडल डिलीवरी सेंटर (एनडीसी) की स्थापना से पार्सल डिलीवरी की स्पीड में काफी सुधार हुआ है, ऑपरेशन की लागत कम हुई है और कस्टमर संतुष्टि बढ़ी है। एनडीसी में ज़रूरत पड़ने पर ग्रामीण इलाकों का वितरण क्षेत्र भी शामिल है। इससे इंडिया पोस्ट की सेवाओं पर, विशेष रूप से ग्रामीण समुदायों में भरोसा काफी बढ़ा है।

यह जानकारी संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने आज लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।

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पीके/केसी/पीके


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