(क) राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस (NCD) के अनुसार, ओडिशा में कुल 8,172 सहकारी समितियां हैं, जिनमें से 7,595 समितियां कार्यशील हैं ।
(ख) सहकारिता मंत्रालय ने दिनांक 6 जुलाई, 2021 को अपनी स्थापना के बाद से "सहकार-से-समृद्धि" की परिकल्पना को साकार करने और ओडिशा सहित देश में किसान सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए कई पहलें की हैं । इन पहलों में आदर्श उपविधियों की अधिसूचना शामिल है जो पैक्स को 25 से अधिक व्यावसायिक कार्यकलापों को करने, अपने संचालनों में सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार करने में सक्षम बनाते है । अब, पैक्स पीएम-किसान समृद्धि केंद्र (PMKSKs), प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (PMBJKs), कॉमन सेवा केंद्रों (CSC) आदि के रूप में कार्य कर सकते हैं ।
(ग) पैक्स के कंप्यूटरीकरण परियोजना के अंतर्गत, ओडिशा को केवल वित्तीय वर्ष 2025-26 में 18,07,47,384/- रुपये की निधियां जारी की गईं । इसके अलावा, 25.11.2025 तक, एनसीडीसी ने देश भर में सहकारी संस्थानों के विकास के लिए 4,67,455.66 करोड़ रुपये संवितरित किए हैं । जिसमें से अब तक ओडिशा में सहकारी विकास के लिए 3,345.98 करोड़ रुपये संवितरित किए जा चुके हैं। पिछले पांच वर्षों के संवितरण का ब्योरा संलग्नक-1 में दिया गया है ।
(घ) सहकारी समितियों के सदस्यों को बाजार लिंकेज प्रदान करने के लिए, भारत सरकार ने अन्य बातों के साथ-साथ पैक्स द्वारा नए किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और मत्स्य किसान उत्पादक संगठन (FFPO) के गठन की अनुमति दी है ताकि उनकी उपज के लिए उचित और लाभकारी मूल्य के लिए बाजार लिंकेज प्रदान किया जा सके । डेयरी क्षेत्र के लिए, मंत्रालय ने "श्वेत क्रांति 2.0" शुरू की है, जिसका उद्देश्य आगामी पांच वर्षों में डेयरी सहकारी समितियों के दुग्ध प्रापण को मौजूदा स्तर से 50 प्रतिशत तक बढ़ाना है, जिससे अनाच्छादित क्षेत्रों में डेयरी किसानों को बाजार एक्सेस प्रदान की जा सके और संगठित क्षेत्र में डेयरी सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाई जा सके ।
सरकार ने विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से पैक्स स्तर पर अन्न भंडारण बनाने के लिए सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत अन्न भंडारण योजना को अनुमोदित किया है । इससे बर्बादी को कम करने, परिवहन लागत बचाने और किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलती है। पायलट परियोजना के अंतर्गत 11 पैक्स में गोदामों का निर्माण पहले ही किया जा चुका है, और विस्तारित पायलट परियोजना के अंतर्गत 500 से अधिक पैक्स का चयन किया गया है । 220 पैक्स के लिए हायरिंग एश्योरेंस दिया गया है, 134 में निर्माण शुरू हो चुका है और 85 पैक्स द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है ।
(ङ) सहकारिता मंत्रालय ने 6 जुलाई, 2021 को अपनी स्थापना के बाद से "सहकार-से-समृद्धि" की परिकल्पना को साकार करने और ओडिशा सहित देश भर में सहकारी विकास को बढ़ाने के लिए कई पहलें की हैं । पहलों के प्रमुख क्षेत्रों में निम्नलिखित शामिल हैंः
- प्राथमिक सहकारी समितियों को आर्थिक रूप से जीवंत और पारदर्शी बनाना;
- शहरी और ग्रामीण सहकारी बैंकों का सशक्तीकरण;
- आयकर अधिनियम में सहकारी समितियों को राहत;
- सहकारी चीनी मिलों का पुनरुद्धार;
- तीन नई राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी समितियाँ;
- सहकारी समितियों में क्षमता निर्माण;
- ‘सुगम व्यवसाय’ के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग;
- राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस (NCD) का निर्माण
- राष्ट्रीय सहकारिता नीति (NCP)
- त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना
- अन्य पहलें