रेल मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

भारत की पहली हाइड्रोजन-चलित ट्रेन-सेट का निर्माण पूरा हुआ, जींद में इलेक्ट्रोलाइसिस प्रक्रिया पर आधारित हरित हाइड्रोजन उत्पादन संयंत्र स्थापित किया जा रहा है


स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किया गया हाइड्रोजन ट्रेन-सेट आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक, वर्तमान में यह ब्रॉड गेज पर चलने वाली विश्व की सबसे लंबी और सबसे शक्तिशाली (2400 किलोवाट) ट्रेन-सेट

प्रविष्टि तिथि: 10 DEC 2025 4:46PM by PIB Delhi

भारतीय रेलवे ने रेलवे में हाइड्रोजन संचालित ट्रेन प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रदर्शित करने के लिए अनुसंधान, डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा निर्धारित निर्देशों के अनुसार, प्रायोगिक आधार पर अपनी पहली हाइड्रोजन ट्रेन चलाने के लिए एक अत्याधुनिक परियोजना शुरू की है।

हाइड्रोजन ट्रेन-सेट का निर्माण पूरा हो चुका है। इस ट्रेन-सेट में उपयोग के लिए हाइड्रोजन की आपूर्ति हेतु जींद में एक हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित किया गया है। इस संयंत्र में विद्युत अपघटन प्रक्रिया का उपयोग करके हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा रहा है, जो हरित हाइड्रोजन उत्पादन का एक प्रमुख तत्व है।

हाइड्रोजन ट्रेन-सेट की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • भारत में डिज़ाइन और विकसित की गई यह ट्रेन आत्मनिर्भर भारत के प्रति भारतीय रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
  • वर्तमान में, यह ब्रॉड गेज प्लेटफॉर्म पर चलने वाली दुनिया की सबसे लंबी (10 कोच) और सबसे शक्तिशाली (2400 किलोवाट) हाइड्रोजन ट्रेन है।
  • इस ट्रेन में 1200 किलोवाट की दो ड्राइविंग पावर कार (डीपीसी) हैं, जिनकी कुल क्षमता 2400 किलोवाट है, साथ ही आठ यात्री कारें भी हैं।
  • इससे कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन शून्य है, केवल जल वाष्प का उत्सर्जन होता है।
  • रेलवे में अगली पीढ़ी की ईंधन प्रौद्योगिकी के विकास में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस परियोजना में शुरूआती चरण से लेकर प्रोटोटाइप निर्माण और भारतीय रेलवे में पहली बार हाइड्रोजन कर्षण प्रौद्योगिकी के विकास तक का डिज़ाइन शामिल है। चूंकि हाइड्रोजन ट्रेन और इसके बुनियादी ढांचे को प्रायोगिक आधार पर विकसित किया गया है, इसलिए इस स्तर पर हाइड्रोजन-ईंधन वाली ट्रेनों की लागत की तुलना, स्थापित कर्षण प्रणालियों से करना उचित नहीं होगा।

यह परियोजना वैकल्पिक ऊर्जा से चलने वाली रेल यात्राओं में प्रगति के प्रति भारतीय रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे देश के परिवहन क्षेत्र के लिए एक स्वच्छ और हरित भविष्य मुमकिन हो पाएगा।

यह जानकारी केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण एवं इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

पीके/केसी/एनएस


(रिलीज़ आईडी: 2201832) आगंतुक पटल : 89
इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें: English , Urdu , हिन्दी , Telugu , Kannada