अंतरिक्ष विभाग
संसदीय प्रश्न: नाविक नेविगेशन प्रणालियां
प्रविष्टि तिथि:
10 DEC 2025 4:30PM by PIB Delhi
अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) विभिन्न क्षेत्रों में नाविक के उपयोग को व्यापक बनाने के प्रयासों में लगातार लगा हुआ है। इस दिशा में, इसने पायलट परियोजनाओं, भारतीय उद्योग को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, तकनीकी सहायता, परीक्षण सहायता, उपयोगिता कार्यक्रमों आदि से संबंधित गतिविधियाँ शुरू की हैं। डीओएस ने नाविक को राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय उद्योग मानकों में शामिल करने के प्रयास किए हैं, जिससे उत्पादों और समाधानों में नाविक को कुशल, सुसंगत और निर्बाध रूप से अपनाया जा सके। वर्तमान में, विभिन्न निर्माताओं के 60 से अधिक स्मार्टफ़ोन नाविक को सपोर्ट करते हैं।
नाविक-आधारित अनुप्रयोगों का विस्तार करने के लिए विकसित की गई पायलट परियोजनाओं में निम्नलिखित शामिल हैं: i) रियल-टाइम ट्रेन ट्रैकिंग, जिसमें 10,000 से अधिक ट्रेनों को नाविक-सक्षम ट्रैकिंग उपकरणों से लैस किया गया है, ii) मछली पकड़ने वाले जहाजों की ट्रैकिंग, जिसमें 30,000 से अधिक जहाजों को नाविक-सक्षम ट्रांसपोंडर से सुसज्जित किया गया है, iii) सार्वजनिक और वाणिज्यिक वाहनों की ट्रैकिंग, जिसमें 140 से अधिक डिवाइस मॉडल प्रमाणित किए गए हैं और 15 लाख से अधिक वाहनों में लगाए गए हैं, iv) पूरे भारत में साझा आईएसटी के प्रसार के लिए नाविक समय हस्तांतरण रिसीवर के साथ सेकेंडरी टाइमस्केल पैमानों की स्थापना।
सरकार ने अभी तक नाविक को अनिवार्य नहीं किया है। इस संभावना को लेकर चर्चाएँ चल रही हैं। नाविक के नागरिक सिग्नल सभी के लिए खुले हैं और नाविक कवरेज क्षेत्र में कोई भी उपयोगकर्ता अपने पोजिशनिंग, नेविगेशन और टाइमिंग (पीएनटी) अनुप्रयोगों के लिए उनका उपयोग कर सकता है। अंतर्राष्ट्रीय जीएनएसएस सेवा प्रदाता नाविक के साथ इंटरऑपरेबिलिटी और सिग्नल समन्वय के लिए नियमित रूप से बातचीत और सहयोग करते हैं।
***
पीके/केसी/एसके/डीए
(रिलीज़ आईडी: 2201876)
आगंतुक पटल : 159