पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
संसद प्रश्न: मैत्री-2 स्टेशन
प्रविष्टि तिथि:
10 DEC 2025 4:34PM by PIB Delhi
भारत अंटार्कटिका में मौजूदा मैत्री अनुसंधान केन्द्र के स्थान पर नवनिर्मित मैत्री-II केन्द्र स्थापित करने की योजना बना रहा है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने वास्तुशिल्प डिजाइन और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने सहित पूर्व-निवेश गतिविधियों के लिए कुल 29.2 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
नया केन्द्र अंटार्कटिका में बहुविषयक वैज्ञानिक अनुसंधान करने की भारत की क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएगा।
नए मैत्री-II केन्द्र को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वर्ष भर चलने वाले एक अनुसंधान केन्द्र के रूप में परिकल्पित किया गया है। यह केन्द्र जीव विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, हिमनद विज्ञान, वायुमंडलीय विज्ञान, जलवायु अध्ययन और दीर्घकालिक पर्यावरण निगरानी के क्षेत्र में भारत की वैज्ञानिक क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएगा।
इस उन्नत केन्द्र में आधुनिक प्रयोगशालाएं, उन्नत आइस-कोर भंडारण एवं प्रसंस्करण प्रणालियां, एक समर्पित जैविक एवं सूक्ष्मजीव अनुसंधान कक्ष और विस्तारित वायुमंडलीय अवलोकन सुविधाएं होंगी। एक मजबूत और अधिक विश्वसनीय लॉजिस्टिक ढांचा पूरे वर्ष निर्बाध वैज्ञानिक कार्यों को सुनिश्चित करेगा। इन सुधारों से भारत के अंटार्कटिक अनुसंधान का दायरा, सटीकता, निरंतरता और अंतरराष्ट्रीय महत्व काफी बढ़ जाएगा, जिससे देश आने वाले दशकों तक वैश्विक ध्रुवीय विज्ञान में उच्च गुणवत्ता वाले डेटा और अत्याधुनिक निष्कर्षों का योगदान कर सकेगा।
मैत्री-II के सक्रिय रूप से कामकाज की स्थिति में आने की अनुमानित समयसीमा सात वर्ष है और इसके 2032 तक पूरा होने की उम्मीद है।
*****
पीके/केसी/ आर /डीए
(रिलीज़ आईडी: 2201886)
आगंतुक पटल : 97