जनजातीय कार्य मंत्रालय
वन धन योजना के तहत जनजातीय उद्यम प्रोत्साहन
प्रविष्टि तिथि:
10 DEC 2025 3:09PM by PIB Delhi
राज्यसभा में आज एक अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम) योजना के तहत कुल 4105 वन धन विकास केंद्रों (वीडीवीके) को मंजूरी दी गई है, जिनमें 12,27,231 सदस्य जुड़े हैं। इन वीडीवीके ने अब तक कुल 13793.97 लाख रुपये की बिक्री दर्ज की है। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमान) पहल के तहत कुल 539 वीडीवीके को मंजूरी दी गई है, जिनमें 45,924 सदस्य जुड़े हैं। इन वीडीवीके ने अब तक कुल 386.04 लाख रुपये की बिक्री दर्ज की है। राज्य/केंद्र शासित प्रदेशवार विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।
यह देखा गया है कि कुछ राज्य कार्यान्वयन एजेंसियां (एसआईए) अत्यधिक कार्यभार से दबी हुई हैं, जिससे योजनाओं की प्रगति को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने की उनकी क्षमता प्रभावित हुई है। कुशल मानव संसाधनों की कमी भी इसका एक कारण है। इसके अतिरिक्त, वीडीवीके के लिए अपर्याप्त बुनियादी ढांचागत सहायता और धन की कमी को एक प्रमुख बाधा के रूप में पहचाना गया है, जो पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन को सीमित करती है। साथ ही, विपणन अवसरों में उल्लेखनीय कमी है, जो प्रचार और पहुंच में बाधा डालती है।
इस संबंध में प्रस्तावित उपाय निम्नलिखित हैं:
- I. अतिभारित राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों (एसआईए) के कार्यभार को कम करने के लिए कार्यान्वयन सहायता एजेंसियों (आईएसए) को शामिल करना।
- कौशल और परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए क्षमता निर्माण पहलों को मजबूत करना।
- उत्पाद संवर्धन सुनिश्चित करने के लिए मजबूत मूल्यवर्धन तंत्र विकसित करना, साथ ही स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक विपणन सहायता प्रदान करना।
- वीडीवीके उत्पादों की पैकेजिंग और ब्रांडिंग के विकास के लिए समर्पित निधि का प्रावधान।
- V. वीडीवीके को उनके उत्पादों के विपणन को सुगम बनाने के लिए वाहन सुविधाएं प्रदान करना।
- वीडीवीके उत्पादों को विभिन्न ई-मार्केटिंग प्लेटफार्मों पर शामिल करना, जिससे राष्ट्रीय से वैश्विक बाजारों तक पहुंच का विस्तार हो सके।
अनुलग्नक देखने के लिए यहां क्लिक करें।
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पीके/केसी/एनएम
(रिलीज़ आईडी: 2202013)
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