पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
गहरा महासागर मिशन
प्रविष्टि तिथि:
11 DEC 2025 4:47PM by PIB Delhi
डीप ओशन मिशन (डीओएम) एक प्रायोगिक पहल है जिसमें छह कार्यक्षेत्र शामिल हैं। इसे सामुद्रिक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और समुद्री संसाधनों के सतत प्रबंधन के लिए 2021 में आरंभ किया गया था। ये छह कार्यक्षेत्र निम्नलिखित पर केंद्रित हैं: क) गहरे समुद्र में खनन, मानवयुक्त पनडुब्बी और पानी के नीचे रोबोटिक्स के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास, ख) समुद्री जलवायु परिवर्तन सलाहकार सेवाओं का विकास, ग) गहरे समुद्र की जैव विविधता के अन्वेषण और संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण, घ) गहरे समुद्र का सर्वेक्षण और अन्वेषण, ङ) समुद्र से ऊर्जा और मीठा पानी और च) समुद्री जीव विज्ञान के लिए उन्नत समुद्रिक स्टेशन। इस मिशन का उद्देश्य देश की वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकीय क्षमताओं का विस्तार करना है, जिससे पानी के नीचे इंजीनियरिंग नवोन्मेषणों, परिसंपत्ति निरीक्षण और समुद्री साक्षरता तथा मानव संसाधन विकास को बढ़ावा देने में तत्काल लाभ होगा।
डीओएम गहरे समुद्र की जैव विविधता और उसके इको-सिस्टम के वैज्ञानिक ज्ञान को बढ़ाने में मदद करता है। इस मिशन के तहत, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में लगभग 25 समुद्री पर्वतों (जैव विविधता हॉटस्पॉट) का सर्वेक्षण किया गया है। ये सर्वेक्षण प्रजातियों के वितरण, जनसंख्या कनेक्टिविटी और पर्यावास संबंधों को समझने में सहायक होते हैं, जिनका उपयोग सतत मत्स्य पालन प्रयासों को बेहतर बनाने और जैव विविधता संरक्षण को सुदृढ़ करने के लिए किया जा सकता है।
विज्ञान जगत के लिए संभावित रूप से नई लगभग 39 प्रजातियों की खोज की गई है। भूभौतिकीय सर्वेक्षणों ने दो सक्रिय और दो निष्क्रिय हाइड्रोथर्मल दरारों (जो बहु-खनिज भंडार के संभावित स्थल हैं) की पहचान की है।
देश भर के विभिन्न राष्ट्रीय संस्थानों को डीप ओशन मिशन के तहत अब तक कुल 138 अनुसंधान परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है, जिनकी कुल अनुमानित लागत 358.56 करोड़ रुपये है।
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पीके/केसी/एसकेजे/एसके
(रिलीज़ आईडी: 2202486)
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