जनजातीय कार्य मंत्रालय
कुर्मी समुदाय को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करना
प्रविष्टि तिथि:
11 DEC 2025 4:41PM by PIB Delhi
आज लोकसभा में एक गैर-तारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके ने बताया कि झारखंड सरकार ने कुर्मी/कुडमी (महतो) समुदाय को झारखंड की अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने के लिए दिनांक 8.12.2004 और 06.01.2005 को प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव के साथ नृवंशविज्ञान रिपोर्ट संलग्न नहीं थी, इसलिए राज्य सरकार से नृवंशविज्ञान रिपोर्ट सहित प्रस्ताव भेजने का अनुरोध किया गया था। बाद में, झारखंड सरकार ने कुर्मी/कुडमी (महतो) के संबंध में नृवंशविज्ञान रिपोर्ट भेजी, लेकिन रिपोर्ट में झारखंड की अनुसूचित जनजातियों की सूची में इस समुदाय को शामिल करने की सिफारिश नहीं की गई।
भारत के महापंजीयक कार्यालय द्वारा इस संबंध में अनुलग्नक के अनुसार विवरण।
भारत सरकार ने 15.6.1999 को (जिसे 25.6.2002 और 14.9.2022 को संशोधित किया गया) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सूचियों में शामिल करने, बाहर करने और अन्य संशोधनों के लिए दावों पर निर्णय लेने की प्रक्रिया निर्धारित की है। इन प्रक्रियाओं के अनुसार, केवल उन्हीं प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा और कानून में संशोधन किया जाएगा जिन्हें संबंधित राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा अनुशंसित और उचित ठहराया गया हो और जिन पर भारत के महापंजीयक (आरजीआई) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सहमति हो। प्रस्तावों पर सभी कार्रवाई इन अनुमोदित प्रक्रियाओं के अनुसार की जाती है। अनुमोदित प्रक्रियाओं के अनुसार किसी समुदाय को शामिल करने, बाहर करने और संशोधित करने के प्रस्तावों की जांच एक सतत प्रक्रिया है। इसलिए, ऐसे कई प्रस्ताव विभिन्न स्तरों पर जांच के अधीन रह सकते हैं।





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पीके/केसी/एसकेएस/ओपी
(रिलीज़ आईडी: 2202508)
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