विद्युत मंत्रालय
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विद्युत क्षेत्र में साइबर सुरक्षा को मजबूती

प्रविष्टि तिथि: 11 DEC 2025 5:33PM by PIB Delhi

भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु में साइबर सुरक्षा के लिए पावरग्रिड सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) की स्थापना की गई है, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से पावर ग्रिड संचालन एवं ट्रांसमिशन प्रणालियों के लिए साइबर सुरक्षा में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना है।

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने साइबर सुरक्षित विद्युत प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए विद्युत क्षेत्र में साइबर सुरक्षा दिशा-निर्देश, 2021 जारी किया है। यह दिशा-निर्देश एक व्यापक साइबर सुरक्षा संरचना प्रदान करता है और विद्युत क्षेत्र की सभी संस्थाओं में साइबर सुरक्षा शासन संरचना को मजबूत करता है। इसके अलावा, विद्युत क्षेत्र के लिए एक विस्तृत साइबर सुरक्षा संरचना स्थापित करने के लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (विद्युत क्षेत्र में साइबर सुरक्षा) विनियम, 2025 के मसौदे को अंतिम रूप प्रदान किया जा रहा है।

विद्युत मंत्रालय ने 05 अप्रैल, 2023 को सीईए में कंप्यूटर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया टीम-विद्युत (सीएसआईआरटी-पावर)  की स्थापना की, जो सीईआरटी-इन का एक विस्तारित अंग है। सीएसआईआरटी-पावर साइबर घटनाओं का पता लगाने, उन पर प्रतिक्रिया देने, उनका प्रबंधन करने एवं समग्र साइबर सुरक्षा तैयारियों में सुधार लाने में विद्युत कंपनियों को समर्थन प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, विद्युत मंत्रालय ने छह उप-क्षेत्रीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी) गठित किया है: (थर्मल, हाइड्रो, ट्रांसमिशन, ग्रिड संचालन, नवीकरणीय ऊर्जा और वितरण)। प्रत्येक उप-क्षेत्रीय सीईआरटी को साइबर हमलों की स्थिति में समन्वित प्रतिक्रिया एवं निवारण के लिए उप-क्षेत्र-विशिष्ट साइबर संकट प्रबंधन योजना (सी-सीएमपी) का मॉडल तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई  है।

गुजरात एनर्जी ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जीईटीसीओ) द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, गुजरात में एक व्यापक साइबर सुरक्षा संरचना लागू की गई है, जिसमें कठोर एक्सेस नियंत्रण, एंडपॉइंट सुरक्षा, सिस्टम के जोखिम को कम करना, सुरक्षित एन्क्रिप्टेड संचार, रिमोट कंट्रोल सेंटर और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) के बीच अगली पीढ़ी के फायरवॉल की तैनाती एवं मैलवेयर सुरक्षा के लिए आवश्यक एंटीवायरस समाधानों की स्थापना शामिल है।

पिछले पांच वर्षों में, राष्ट्रीय लोड प्रेषण केंद्र की परिचालन प्रणालियों में किसी भी साइबर-सुरक्षा उल्लंघन या सफल साइबर-हमले की सूचना प्राप्त नहीं हुई है।

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (विद्युत क्षेत्र में साइबर सुरक्षा) दिशा-निर्देश, 2021 के अनुसार विद्युत क्षेत्र में समय-समय पर साइबर सुरक्षा ऑडिट किए जाते हैं। ये ऑडिट सीईआरटी-इन द्वारा सूचीबद्ध तीसरे पक्ष के साइबर सुरक्षा लेखा परीक्षकों द्वारा किए जाते हैं। पिछले पांच वर्षों में, राष्ट्रीय लोड प्रेषण केंद्र में सूचना प्रौद्योगिकी अवसंरचना (आईटी) के 9 आकलन एवं परिचालन प्रौद्योगिकी (ओटी) अवसंरचना के 5 आकलन किए गए हैं। विवरण अनुलग्नक में संलग्न हैं।

इसी प्रकार, सभी एसएलडीसी में सीईआरटी-इन द्वारा सूचीबद्ध लेखा परीक्षकों द्वारा समय-समय पर साइबर सुरक्षा ऑडिट किए जाते हैं, जिसमें आईटी एवं ओटी दोनों अवसंरचना शामिल होते हैं, जिनमें सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन (एससीएडीए) सिस्टम, यूनिफाइड रियल-टाइम डायनेमिक स्टेट मेजरमेंट (यूआरटीडीएसएम) सिस्टम और अन्य महत्वपूर्ण संपत्तियां शामिल हैं।

राष्ट्रीय लोड प्रेषण केंद्र

वित्तीय वर्ष

आईटी (माह और वर्ष)

पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण प्रणाली

(माह और वर्ष)

2025-26

25 सितंबर (चक्र-1)

25 जून

2024-25

24 अप्रैल (चक्र-1),

जनवरी-25 (चक्र-2)

24 जून

2023-24

23 अगस्त (चक्र-1),

24 मार्च (चक्र-2)

23 मई

2022-23

22 जुलाई (चक्र-1),

जनवरी-23 (चक्र-2)

22 सितंबर

2021-22

21 अगस्त (चक्र-1),

22 फरवरी (चक्र-2)

परियोजना का उन्नयन कार्य जारी

 

 

 

यह जानकारी विद्युत राज्य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाइक ने आज लोकसभा में लिखित उत्तर में दी।

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पीके/केसी/एके


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