इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
देश के ग्रामीण, पहाड़ी और दूरस्थ इलाकों में रहने वाले नागरिकों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी को सुलभ बनाने हेतु सरकार की पहल
शहरी-ग्रामीण विभाजन को कम करने का प्रयास कर रहा है डिजिटल इंडिया कार्यक्रम
प्रविष्टि तिथि:
12 DEC 2025 2:54PM by PIB Delhi
माननीय प्रधानमंत्री के प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण और नागरिकों के सशक्तिकरण के विज़न के अनुरूप, भारत सरकार ने जुलाई 2015 में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की शुरूआत की थी।
इसका समग्र लक्ष्य यह देखना है कि डिजिटल प्रौद्योगिकियां हर नागरिक के जीवन को बेहतर बनाएं, भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार करें और भारत में निवेश और रोजगार के अवसर पैदा करें।
इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य तीन परस्पर जुड़े लक्ष्यों को बढ़ावा देना है: डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, सरकारी सेवाओं को डिजिटल रूप से प्रदान करना और डिजिटल साक्षरता और रोजगार के ज़रिए नागरिकों को सशक्त बनाना।
दूरदराज के गांवों में इंटरनेट की पहुंच बढ़ाने से लेकर डिजिटल प्लेटफॉर्म के ज़रिए सार्वजनिक सेवा वितरण में क्रांतिकारी बदलाव लाने तक, देश ने शहरी और ग्रामीण के बीच के फर्क को खत्म कर दिया है।
डिजिटल इंडिया में कई प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों को कवर करते हैं: सुरक्षित दस्तावेज़ों के लिए डिजिलॉकर, कैशलेस लेनदेन के लिए एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई), मोबाइल ऐप के ज़रिए डिजिटल सेवाओं तक पहुंच के लिए नए युग के शासन के लिए एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन (यूएमएएनजी), टीकाकरण प्रबंधन के लिए कोविन और खरीद में पारदर्शिता के लिए सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम)।
देश के ग्रामीण, पहाड़ी और दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों, जिनमें असम और संपूर्ण पूर्वोत्तर क्षेत्र शामिल हैं, के लिए सूचना प्रौद्योगिकी को सुलभ बनाने हेतु सरकार द्वारा उठाए गए कुछ प्रमुख कदमों की जानकारी इस प्रकार है:
- सामान्य सेवा केंद्र: ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम-मील तक संपर्क को बढ़ाते हुए सीएससी, डिजिटल माध्यम से सरकारी और व्यावसायिक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। सीएससी के ज़रिए 800 से अधिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। अक्टूबर 2025 तक, देश भर में (ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में) 5.67 लाख सीएससी कार्यरत हैं, जिनमें से 4.41 लाख सीएससी ग्राम पंचायत स्तर (ग्रामीण) पर कार्यरत हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र (असम सहित) में सीएससी का विवरण नीचे दिया गया है:
|
क्रमांक
|
राज्य
|
कार्यरत सीएससी
(शहरी और ग्रामीण)
|
ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यरत सीएससी
|
|
1
|
अरुणाचल प्रदेश
|
240
|
181
|
|
2
|
असम
|
15511
|
14183
|
|
3
|
मणिपुर
|
966
|
794
|
|
4
|
मेघालय
|
1166
|
1054
|
|
5
|
मिज़ोरम
|
642
|
485
|
|
6
|
नागालैंड
|
615
|
426
|
|
7
|
सिक्किम
|
245
|
215
|
|
8
|
त्रिपुरा
|
1967
|
1585
|
- पीएमजी दिशा: प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (पीएमजीदिशा) की शुरुआत देशभर में 6 करोड़ ग्रामीण परिवारों (प्रति परिवार एक व्यक्ति) तक डिजिटल साक्षरता पहुंचाने के उद्देश्य से की गई थी। देश भर में 6.39 करोड़ व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया, जिससे यह विश्व की सबसे बड़ी डिजिटल साक्षरता पहलों में से एक बन गई। यह योजना 31.03.2024 को समाप्त हो गई। पूर्वोत्तर क्षेत्र (असम सहित) में हासिल की गई उपलब्धियों का विवरण नीचे दिया गया है:
|
क्रमांक
|
राज्य
|
प्रशिक्षित उम्मीदवार
|
|
1
|
अरुणाचल प्रदेश
|
11,615
|
|
2
|
असम
|
23,60,195
|
|
3
|
मणिपुर
|
18,286
|
|
4
|
मेघालय
|
1,06,063
|
|
5
|
मिज़ोरम
|
23,125
|
|
6
|
नागालैंड
|
8,968
|
|
7
|
सिक्किम
|
23,122
|
|
8
|
त्रिपुरा
|
2,64,186
|
- गांवों को इंटरनेट से जोड़ता भारतनेट: सभी ग्राम पंचायतों और गांवों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए दूरसंचार विभाग, भारतनेट परियोजना को लागू कर रहा है। भारतनेट परियोजना के तहत निर्मित बुनियादी ढांचा एक राष्ट्रीय संपत्ति है, जो सेवा प्रदाताओं के लिए बिना किसी भेदभाव के सुलभ है और इसका उपयोग वाई-फाई हॉटस्पॉट, फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन, लीज्ड लाइन आदि जैसी ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। अक्टूबर 2025 तक, भारतनेट परियोजना के तहत 2,14,843 ग्राम पंचायतों को सेवा के लिए तैयार किया जा चुका है। पूर्वोत्तर क्षेत्र (असम सहित) में भारतनेट की स्थिति नीचे दी गई है:
|
क्रमांक
|
राज्य
|
ओएफसी पर उलब्ध सेवा
|
सेटेलाइट पर उपलब्ध सेवा
|
कुल उपलब्ध सेवाएं
(ओएफसी+सेटेलाइट)
|
|
1
|
अरुणाचल प्रदेश
|
77
|
1047
|
1124
|
|
2
|
असम
|
1502
|
5
|
1507
|
|
3
|
मणिपुर
|
315
|
1160
|
1475
|
|
4
|
मेघालय
|
122
|
576
|
698
|
|
5
|
मिज़ोरम
|
41
|
499
|
540
|
|
6
|
नागालैंड
|
116
|
120
|
236
|
|
7
|
सिक्किम
|
26
|
9
|
35
|
|
8
|
त्रिपुरा
|
598
|
142
|
740
|
- फ्यूचरस्किल्स प्राइम: उद्योग में कौशल की कमी को दूर करने के लिए, एमईआईटीवाई ने नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैसकॉम) के सहयोग से 'फ्यूचरस्किल्स प्राइम' कार्यक्रम शुरू किया है। इस पहल का मकसद नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में व्यक्तियों को कौशल प्रदान करना, उनका पुनः कौशल विकास करना और उनके कौशल को उन्नत करना है। फ्यूचरस्किल्स प्राइम कार्यक्रम के तहत, प्लेटफॉर्म पर 500 से अधिक पाठ्यक्रम और 2000 से अधिक डिजिटल दक्षता प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध हैं। अब तक, विभिन्न पाठ्यक्रमों में 15.78 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन किया है, जिनमें करीब 41% महिला शिक्षार्थी और 85% उम्मीदवार टीयर-2 और टीयर-3 शहरों से हैं।
डिजिटल इंडिया, भारत के विभिन्न टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में प्रौद्योगिकी और उद्यमिता के विकास के लिए राज्य सरकारों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करता है, जिसका नेतृत्व सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) जैसे संगठन करते हैं।
इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) से संबद्ध राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) के देश भर में राज्य और जिला स्तर पर राज्य केंद्र हैं। ये राज्य और जिला केंद्र, विभिन्न राज्य एवं जिला स्तरीय सरकारी कार्यालयों को विभिन्न आईसीटी अनुप्रयोगों के विकास और कार्यान्वयन में लगातार मार्गदर्शन और सहायता करते हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं प्रदान करने के लिए सभी राज्यों में ग्राम पंचायत स्तर तक साझा सेवा केंद्र स्थापित किए गए हैं।
यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने 12.12.2025 को राज्यसभा में दी।
****
पीके/केसी/एनएस
(रिलीज़ आईडी: 2203148)
आगंतुक पटल : 44